केस विवरण
ये तीनों केस, Facebook पर, Meta द्वारा किए गए कॉन्टेंट संबंधित फैसले से जुड़े हैं, जिन्हें ओवरसाइट बोर्ड एक साथ हल करने का इरादा रखता है।
हमास द्वारा 7 अक्टूबर को किए गए आतंकी हमलों और गाजा में इज़राइल के सैन्य अभियान शुरु होने के बाद, नवंबर 2023 में अलग-अलग यूज़र्स ने तीन पोस्ट शेयर किए थे। हर एक पोस्ट में "नदी से लेकर समुद्र तक" वाक्यांश शामिल था। यूज़र्स ने इन तीनों पोस्ट के बारे में Meta के कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन करने की वजह से शिकायत की थी। कंपनी ने Facebook से तीनों पोस्ट हटाने का फैसला किया। हर एक केस के लिए, बोर्ड यह तय करेगा कि कॉन्टेंट को Meta की नीतियों के तहत और उसकी मानवाधिकार जिम्मेदारियों के हिसाब से हटाया जाना चाहिए या नहीं। फरवरी 2024 के अंत के अनुसार, व्यू और शिकायतों की संख्या सही हैं।
पहला केस एक Facebook यूज़र के द्वारा, दूसरे यूज़र के वीडियो पर की गई कमेंट से जुड़ा है। वीडियो में एक कैप्शन है, जो दूसरों को "#ceasefire" और "#freepalestine" जैसे कई हैशटैग के साथ "अपनी बात कहने" के लिए उकसाते हैं। पोस्ट पर की गई कमेंट में, हैशटैग के रूप में "FromTheRiverToTheSea" वाक्यांश शामिल है, साथ ही "#DefundIsrael" सहित कई अतिरिक्त हैशटैग भी शामिल हैं। कमेंट को लगभग 3,000 बार देखा गया और चार यूज़र्स द्वारा सात बार शिकायत किया गया। शिकायतों को, Meta के स्वचालित सिस्टम ने 48 घंटों के भीतर मानवीय रिव्यू के लिए नहीं भेजी, और इसलिए ये शिकायतें बंद कर दी गईं।
दूसरे केस में, एक Facebook यूज़र ने कंप्यूटर से बनाई गयी एक इमेज़ पोस्ट की, जिसमें समुद्र पर तैरते हुए फलों से इस वाक्यांश के और साथ ही "फिलिस्तीन आजाद होगा" के शब्द उभर कर बन रहे हैं। इस पोस्ट को लगभग 8 मिलियन बार देखा गया और 937 यूज़र्स द्वारा 951 बार शिकायत किया गया। पोस्ट पर पहली शिकायत फिर से बंद कर दी गई, क्योंकि Meta के स्वचालित सिस्टम ने इसे 48 घंटों के अंदर मानवीय रिव्यू के लिए नहीं भेजा। यूज़र्स के, बाद की शिकायतों की समीक्षा की गई और मानवीय मॉडरेटर द्वारा इन्हें गैर-उल्लंघन के रूप में मूल्यांकन किया गया।
तीसरे केस में, एक Facebook पेज में कनाडा के एक सामुदायिक संगठन के पेज से एक पोस्ट को दोबारा शेयर किया गया था, जिसमें संगठन के "संस्थापक सदस्यों" के एक बयान में "फिलिस्तीनी लोगों" के लिए समर्थन की घोषणा की गई थी, और "यहूदीवादी राष्ट्र इज़राइल" तथा "यहूदीवादी इज़रायली कब्जेदार" द्वारा की गई "वेवजह हत्या" की निंदा की गई थी। यह पोस्ट "नदी से लेकर समुद्र तक" वाक्यांश के साथ खत्म होती है। इस पोस्ट को 1,000 से कम बार देखा गया था और एक यूज़र द्वारा इस पर शिकायत किया गया था। यह शिकायत अपने आप बंद हो गई थी।
जिन Facebook यूज़र्स ने कॉन्टेंट की शिकायत की, और बाद में बोर्ड के समक्ष, कॉन्टेंट को रहने देने के Meta के फैसले के विरुद्ध अपील की, उन्होंने दावा किया कि यह वाक्यांश नफ़रत फैलाने वाली भाषा, हिंसा और उकसाना या खतरनाक लोग और संगठन के आधार पर Meta के नियमों का उल्लंघन रहा था। पहले केस में कॉन्टेंट की शिकायत करने वाले यूज़र ने कहा कि यह वाक्यांश, Meta की उन नीतियों का उल्लंघन करता है, जो हिंसा को बढ़ावा देने या आतंकवाद का समर्थन करने वाली कॉन्टेंट को प्रतिबंधित करता है। दूसरे और तीसरे केस में कॉन्टेंट की शिकायत करने वाले यूज़र्स ने कहा कि यह वाक्यांश नफ़रत फैलाने वाली भाषा है, यहूदी विरोधी है और इज़राइल राष्ट्र को खत्म करने का आह्वान है।
बोर्ड द्वारा इन केस को रिव्यू के लिए चुनने के बाद, Meta ने पुष्टि की कि उसके मूल फैसले सही थे। Meta ने बोर्ड को सूचित किया कि उसने तीन नीतियों - हिंसा और उकसाना, नफ़रत फैलाने वाली भाषा और खतरनाक लोग और संगठन - के आधार पर कॉन्टेंट का विश्लेषण किया और पाया कि पोस्ट ने इनमें से किसी भी नीति का उल्लंघन नहीं किया है। Meta ने बताया कि कंपनी जानती है कि "नदी से लेकर समुद्र तक" का एक लंबा इतिहास है और उसने 7 अक्टूबर, 2023 के बाद, अपने प्लेटफ़ॉर्म पर इस वाक्यांश उपयोग की रिव्यू की थी। उस रिव्यू के बाद Meta ने तय किया कि, अतिरिक्त संदर्भ के बिना यह तय नहीं किया जा सकता है कि "नदी से लेकर समुद्र तक" एक हिंसा करने का आह्वान है या यह किसी खास समूह के बहिष्कार का आह्वान है, न ही यह विशेष रूप से हमास के समर्थन से जुड़ा हुआ है।
बोर्ड ने इस बात पर विचार करने के लिए इन मामलों का चयन किया कि 7 अक्टूबर, 2023 के बाद इसके उपयोग में पुनर्जागरण और वाक्यांश के अर्थ से जुड़े विवादों को देखते हुए Meta को, इस वाक्यांश के उपयोग को कैसे मॉडरेट करना चाहिए। एक तरफ़, इस वाक्यांश का उपयोग फिलिस्तीनियों की गरिमा और मानवाधिकारों की वकालत करने के लिए किया गया है। दूसरी ओर, इसके यहूदी विरोधी अर्थ हो सकते हैं, जैसा कि इन केसेज़ को बोर्ड के समक्ष सबमिट करने वाले यूज़र्स द्वारा दावा किया गया है। यह केस, बोर्ड की संकट और टकराव की स्थितियों की कार्यनीतिक प्राथमिकताएँ के तहत आता है।
बोर्ड उन पब्लिक कमेंट की सराहना करेगा, जो इनको संबोधित करते हैं:
- "नदी से लेकर समुद्र तक" वाले वाक्यांश की उत्पत्ति और आज के समय में इसका उपयोग।
- इस वाक्यांश का उपयोग से जुड़े कॉन्टेंट में ऑनलाइन रुझानों पर शोध करें।
- इस वाक्यांश के उपयोग से जुड़े किसी भी ऑनलाइन और ऑफलाइन हानि पर शोध करें।
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संगठन की स्वतंत्रता, और समानता व गैर-भेदभाव जैसे वाक्यांश का उपयोग करने वाली कॉन्टेंट के संबंध में Meta की मानवाधिकार से जुड़ी जिम्मेदारियां।
- वाक्यांश के उपयोग (उदाहरण के लिए, विरोध प्रदर्शन के दौरान) पर सरकार और संस्थानो (उदाहरण के लिए, विश्वविद्यालय) की प्रतिक्रियाएं और मानवाधिकार पर उन प्रतिक्रियाओं के असर।
अपने फैसले के हिस्से के रूप में, बोर्ड Meta को नीतिगत सुझाव जारी कर सकता है। हालाँकि ये सुझाव गैर-बाध्यकारी हैं, Meta को 60 दिनों के भीतर उन पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए. इस प्रकार, बोर्ड इन केस के लिए प्रासंगिक सुझावों का प्रस्ताव करने वाले पब्लिक कमेंट का स्वागत करता है.
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