ईशनिंदा का आरोपी पाकिस्तानी राजनैतिक उम्मीदवार

बोर्ड ने एक ऐसी पोस्ट को हटाने के Meta के फ़ैसले को कायम रखा है जिसमें एक राजनैतिक उम्मीदवार पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था. पाकिस्तान में 2024 के चुनाव पास होने के कारण, इससे तात्कालिक रूप से संभावित नुकसान का जोखिम था. हालाँकि, बोर्ड ने पाया कि यह स्पष्ट नहीं है कि नुकसान पहुँचाने में मदद करने और अपराध को बढ़ावा देने से जुड़ी पॉलिसी, जो किसी “आउटिंग-रिस्क समूह” (वे समूह जिन्हें पहचान जाहिर होने पर खतरा है) के किसी व्यक्ति की पहचान जाहिर करने से यूज़र्स को रोकती है, में मौजूद प्रासंगिक नियम पाकिस्तान या किसी अन्य जगह पर ईशनिंदा की आरोपी सार्वजनिक हस्ती पर भी लागू होता है या नहीं. यह चिंताजनक है कि इस नियम को सभी संस्कृतियों और भाषाओं में आसानी से लागू नहीं किया जा सकता, जो उन यूज़र्स के लिए असमंजस की स्थिति पैदा कर सकता है जो नियमों को समझने की कोशिश कर रहे हैं. Meta को यह स्पष्ट करने के लिए अपनी पॉलिसी को अपडेट करना चाहिए कि यूज़र्स को उन जगहों पर पहचाने जा सकने लोगों के खिलाफ़ ईशनिंदा के आरोप पोस्ट नहीं करने चाहिए जहाँ ईशनिंदा एक अपराध है और/या जहाँ उन लोगों की सुरक्षा को गंभीर जोखिम हो सकता है जिन पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं.

केस की जानकारी

जनवरी 2024 में, Instagram के एक यूज़र ने पाकिस्तान के फ़रवरी 2024 के चुनावों के एक उम्मीदवार का भाषण देते हुए छह सेकंड का वीडियो पोस्ट किया. क्लिप में उम्मीदवार, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की यह कहते हुए प्रशंसा कर रहे हैं कि “अल्लाह के बाद अगर कोई बंदा आता है तो वह नवाज़ शरीफ़ हैं.” वीडियो में टेक्स्ट ओवरले है जिसमें यूज़र इस प्रशंसा की यह कहते हुए आलोचना कर रहा है कि उसने “कुफ़्र की सारी हदें पार कर दी हैं.” यूज़र ने यह आरोप भी लगाया कि इस्लाम की सीख के अनुसार वह एक नास्तिक है.

Instagram के तीन यूज़र्स ने इस कंटेंट को पोस्ट किए जाने के एक दिन बाद उसकी रिपोर्ट की और ह्यूमन रिव्यूअर ने पाया कि पोस्ट से Meta के कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन नहीं होता. जिन यूज़र्स ने कंटेंट की रिपोर्ट की थी, उन्होंने फ़ैसले के खिलाफ़ अपील नहीं की. कई अन्य यूज़र्स ने बाद के दिनों में पोस्ट की रिपोर्ट की लेकिन Meta इस बात पर कायम रहा कि कंटेंट से उसके नियमों का उल्लंघन नहीं होता. इस नतीजे पर पहुँचने के लिए कंपनी ने ह्यूमन रिव्यू और कुछ रिपोर्ट के अपने आप बंद होने के सहारा लिया.

फ़रवरी 2024 में, Meta के हाई रिस्क अर्ली रिव्यू ऑपरेशन (HERO) सिस्टम ने इन संकेतों के आधार पर कंटेंट की अतिरिक्त रिव्यू के लिए पहचान की कि इसके वायरल होने की संभावना है. कंटेंट को Meta के पॉलिसी विशेषज्ञों को एस्केलेट किया गया जिन्होंने उसे नुकसान पहुँचाने में मदद करने और अपराध को बढ़ावा देने से जुड़ी पॉलिसी के “आउटिंग” (पहचान जाहिर करने) से जुड़े नियम का उल्लंघन करने के कारण हटा दिया. Meta “आउटिंग” को “किसी ऐसे व्यक्ति की पहचान या लोकेशन जाहिर करने के रूप में परिभाषित करता है जो कथित रूप से किसी ऐसे समूह से संबद्ध है जिसे पहचान जाहिर होने से खतरा है.” रिव्यूअर्स के लिए Meta के आंतरिक मार्गदर्शन के अनुसार, पाकिस्तान में आउटिंग-रिस्क ग्रुप में ऐसे लोग शामिल हैं जिन पर ईशनिंदा का आरोप लगाया जाता है. जब वीडियो को HERO द्वारा फ़्लैग किया गया और उसे हटाया गया, तब तक उसे 48,000 बार देखा जा चुका था और 14,000 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका था. मार्च 2024 में Meta ने यह केस ओवरसाइट बोर्ड को रेफ़र किया.

धर्म से जुड़े हमलों को पाकिस्तान में कानून के खिलाफ़ माना जाता है और देश के सोशल मीडिया से जुड़े नियमों के तहत ऑनलाइन कंटेंट से “ईशनिंदा” से जुड़ी बातों को हटाना अनिवार्य है.

मुख्य निष्कर्ष

बोर्ड ने पाया कि पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोपों से जुड़े जोखिमों को देखते हुए, “ऑफ़लाइन नुकसान” को रोकने के लिए कंटेंट को हटाना नुकसान पहुँचाने में मदद करने और अपराध को बढ़ावा देने से जुड़ी पॉलिसी बनाने के कारण के अनुसार सही था.

यूज़र्स को आसानी से यह पता नहीं चलता कि कुछ अल्पसंख्यक धर्मों या मान्यताओं के जोखिमग्रस्त सदस्य, “आउटिंग” से जुड़े हैं, जैसा कि सामान्य तौर पर समझा जाता है (दूसरे शब्दों में, निजी स्टेटस को सार्वजनिक रूप से जाहिर करने के परिणामस्वरूप होने वाले जोखिम). इस संदर्भ में “आउटिंग” शब्द का उपयोग अंग्रेज़ी और उर्दू, दोनों भाषाओं में भ्रामक है. न तो यह स्पष्ट है कि ईशनिंदा के आरोपी लोग खुद को “आउटिंग” के जोखिम वाले किसी “समूह” का सदस्य मानेंगे या यह कि क्या खास तौर पर चुनावों के दौरान सार्वजनिक रूप से दिए गए बयानों के कारण “आउटिंग-रिस्क समूह” के तहत आएँगे. संक्षेप में, पॉलिसी से यूज़र्स को यह स्पष्ट नहीं होता कि क्या वीडियो से उल्लंघन होगा.

इसके अलावा, पॉलिसी में यह नहीं बताया गया है कि आउटिंग से जुड़े उसके नियमों में किन संदर्भों को शामिल किया गया है और किन समूहों को जोखिम वाले समूह माना गया है. इसमें यह भी स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया है कि जिन लोगों पर ईशनिंदा का आरोप लगा है, उन्हें उन स्थानों पर सुरक्षा दी जाती है जहाँ ऐसे आरोपों के कारण तात्कालिक नुकसान का जोखिम होता है. Meta ने बताया कि उसके पास आउटिंग-रिस्क समूहों की एक आंतरिक लिस्ट है, लेकिन वह इस लिस्ट को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं कराता ताकि गलत इरादे वाले लोग इसका दुरुपयोग न करें. बोर्ड इस बात से सहमत नहीं है कि यह कारण, पॉलिसी में समग्र स्पष्टता की कमी को सही ठहराता है. आउटिंग के संदर्भों और जोखिम वाले समूहों को परिभाषित करने से ईशनिंदा के आरोपों के संभावित टार्गेट को यह जानकारी मिलेगी कि ऐसे आरोप, Meta के नियमों के खिलाफ़ हैं और उन्हें हटा दिया जाएगा. अप्रत्यक्ष रूप से इससे ऐसे संदर्भों में ईशनिंदा के आरोपी यूज़र्स द्वारा रिपोर्टिंग को बल मिलेगा जहाँ ईशनिंदा के कारण कानूनी और सुरक्षा जोखिम होते हैं, जिनमें पाकिस्तान भी शामिल है. सार्वजनिक नियम को ज़्यादा स्पष्ट बनाने से ह्यूमन रिव्यूअर्स उसका ज़्यादा सटीक एन्फ़ोर्समेंट भी कर पाएँगे.

बोर्ड इस बात से भी चिंतित है कि यूज़र्स द्वारा बार-बार रिपोर्ट किए जाने के बाद भी कई रिव्यूअर्स ने इसे उल्लंघन नहीं करने वाला पाया जबकि Meta का आंतरिक मार्गदर्शन, जो कि स्पष्ट है, साफ़ तौर पर कहता है कि पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोपी लोग उसके आउटिंग-रिस्क समूहों में आते हैं. इसे सिर्फ़ तभी आंतरिक पॉलिसी विशेषज्ञों को एस्केलेट किया गया और उल्लंघन करने वाला पाया गया जब Meta के HERO सिस्टम ने इस कंटेंट के संभावित रूप से वायरल होने के बाद इसकी पहचान की. Meta के शुरुआती रिव्यूअर्स को ज़रूरत के हिसाब से बनाई गई ट्रेनिंग दी जानी चाहिए, खास तौर पर पाकिस्तान जैसे संदर्भों में.

ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला

ओवरसाइट बोर्ड ने Meta के कंटेंट को हटाने के फ़ैसले को कायम रखा है.

बोर्ड ने Meta को सुझाव दिया है कि वह:

  • यह स्पष्ट करने के लिए अपनी नुकसान पहुँचाने में मदद करने और अपराध को बढ़ावा देने से जुड़ी पॉलिसी को अपडेट करे कि यूज़र्स को उन जगहों पर पहचाने जा सकने लोगों के खिलाफ़ ईशनिंदा के आरोप पोस्ट नहीं करने चाहिए जहाँ ईशनिंदा एक अपराध है और/या जहाँ ईशनिंदा के आरोपी लोगों की सुरक्षा को गंभीर जोखिम हैं.
  • जिन जगहों पर ईशनिंदा के आरोपी लोगों को नुकसान का तात्कालिक खतरा होता है, उन जगहों के लिए काम करने वाले शुरुआती रिव्यूअर्स को एन्फ़ोर्समेंट के बारे में ज़्यादा विशिष्ट मार्गदर्शन देते हुए इस बात की ट्रेनिंग दे कि वे ऐसे आरोप लगाने वाली पोस्ट को प्रभावी रूप से पहचान पाएँ और उनकी बारीकियों और संदर्भ पर विचार कर पाएँ.

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