ओवरसाइट बोर्ड के शुरुआती केसों और ट्रस्टियों की नियुक्ति के बारे में घोषणा

आज,ओवरसाइट बोर्ड अपने उन शुरुआती केसों और उनके लिए पब्लिक कमेंट प्रोसेस खोलने की घोषणा कर रहा है, जिन पर विचार-विमर्श करके वह फ़ैसले लेगा.

इसके साथ ही बोर्ड पाँच नए ट्रस्टियों की नियुक्ति के बारे में भी घोषणा कर रहा है.

केस का चयन

अक्टूबर, 2020 में यूज़र अपील की प्रक्रिया शुरू करने के बाद से अब तक ओवरसाइट बोर्ड के पास 20,000 से भी ज़्यादा केस रेफ़र किए गए हैं. चूँकि बोर्ड सभी अपील पर सुनवाई नहीं कर सकता, इसलिए हम उन केसों को प्राथमिकता दे रहे हैं जिनमें दुनिया भर के यूज़र्स पर असर डालने की संभावना हो, और जो सार्वजनिक विमर्श के लिए बेहद ज़रूरी हों, या जो Facebook की पॉलिसी के बारे में ज़रूरी सवाल खड़े करे.

बोर्ड ने सुनवाई के लिए अभी छह केस चुने हैं, जिनमें से पाँच यूज़र अपील हैं और एक केस Facebook ने रेफ़र किया है. इन केसों की जानकारी आगे दी गई है:

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यूज़र द्वारा रेफ़र किया गया केस

एक यूज़र ने मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. महथिर मोहम्मद के दो ट्वीट का एक स्क्रीनशॉट पोस्ट किया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा है कि “मुसलमानों को अतीत के नरसंहारों के लिए गुस्सा होने और लाखों फ़्रांसीसियों का कत्ल कर देने का हक है” और “लेकिन मोटे तौर पर मुसलमानों ने खून के बदले खून की नीति नहीं अपनाई है.” मुसलमानों के पास यह हक नहीं है. फ़्रांसीसियों को ऐसा नहीं करना चाहिए. इसके बजाय फ़्रांसीसियों को अपने लोगों को यह सीख देनी चाहिए कि वे दूसरे लोगों की भावनाओं का सम्मान करें.” यूज़र ने स्क्रीनशॉट के साथ कोई कैप्शन नहीं दिया है. Facebook ने नफ़रत फैलाने वाली भाषा से संबंधित अपनी पॉलिसी का उल्लंघन करने के लिए इस पोस्ट को हटा दिया. यूज़र ने ओवरसाइट बोर्ड से की गई अपनी अपील में कहा है कि उनका इरादा पूर्व प्रधानमंत्री की “भयानक बातों” के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना था.

अपडेट (03/12/20): केस 2020-001-FB-UA यूज़र के एक्शन के चलते अब बोर्ड के रिव्यू के लिए उपलब्ध नहीं है. यह केस किसी पोस्ट पर किए गए कमेंट को लेकर था, जिसमें कमेंट करने वाले यूज़र ने Facebook द्वारा उस कमेंट को हटाने के फ़ैसले के खिलाफ़ अपील की है. हालाँकि जिस यूज़र ने यह पोस्ट की थी, उस ने बाद में खुद ही प्लेटफ़ॉर्म से इस पोस्ट को डिलीट कर दिया था. इस कारण पोस्ट और उस पर किया गया कमेंट, दोनों ही प्लेटफ़ॉर्म से हटा दिए गए हैं. बोर्ड ने एक नया केस चुना है. अतिरिक्त जानकारी यहाँदेखें.

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यूज़र द्वारा रेफ़र किया गया केस

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एक यूज़र ने समुद्र तट पर पूरे कपड़ों में पड़े एक मृत बच्चे की दो जानी-मानी तस्वीरें पोस्ट की थीं. उन तस्वीरों के साथ यह लिखा है (बर्मा की भाषा में) कि कार्टून को लेकर फ़्रांस में हुई हत्याओं पर जैसा आक्रोश है, वैसा आक्रोश उइगर मुसलमानों के साथ होने वाले चीन के बर्ताव पर क्यों नहीं दिखता. इस पोस्ट में सीरिया के शरणार्थी संकट का हवाला भी दिया गया है. Facebook ने नफ़रत फैलाने वाली भाषा से संबंधित अपनी पॉलिसी का उल्लंघन करने के लिए यह कंटेंट हटा दिया. यूज़र ने ओवरसाइट बोर्ड से की गई अपनी अपील में कहा है कि पोस्ट का उद्देश्य हत्यारे को सही मानने वाले लोगों से असहमति जताना और इस बात पर ज़ोर देना था कि किसी भी व्यक्ति का जीवन धार्मिक विचारधाराओं से कहीं ज़्यादा महत्व रखता है.

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यूज़र द्वारा रेफ़र किया गया केस

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एक यूज़र ने बाकू, अज़रबैजान में चर्चों की मौजूदगी दिखाने वाली कुछ कथित ऐतिहासिक तस्वीरें पोस्ट की, जिनके साथ यह लिखा गया था कि बाकू को बसाने वाले लोग अर्मीनिया के थे और यह पूछा है कि सारे चर्च कहाँ गायब हो गए. यूज़र ने कहा है कि अर्मीनिया के लोग अपनी ज़मीन पर मस्जिदों को पुनर्स्थापित कर रहे हैं, क्योंकि यह उनके इतिहास का हिस्सा है. यूज़र ने कहा है कि “т.а.з.и.к.и” चर्चों को तबाह कर रहे हैं और उनका कोई इतिहास नहीं रहा. यूज़र ने कहा है कि वे “अज़रबैजानी हमले” और “उपद्रव” के खिलाफ़ हैं. यह कंटेंट Facebook की नफ़रत फैलाने वाली भाषा से संबंधित पॉलिसी का उल्लंघन करने के कारण हटा दिया गया. यूज़र ने ओवरसाइट बोर्ड से की गई अपनी अपील में कहा है कि उनका इरादा सांस्कृतिक और धार्मिक स्मारकों की तबाही के बारे में दिखाना था.

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यूज़र द्वारा रेफ़र किया गया केस

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ब्राज़ील में एक यूज़र ने Instagram पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसके पुर्तगाली भाषा में लिखे टाइटल से पता चलता है कि इसका मकसद ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के बारे में जागरूकता फैलाना था. तस्वीर में मौजूद आठ फ़ोटो में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण दिखाए गए थे और उनके साथ-साथ हर लक्षण के नीचे उसके बारे में विस्तृत जानकारी दी गई थी. इनमें से पाँच फ़ोटो में महिलाओं के नग्न निप्पल दिख रहे थे. बची हुई तीन फ़ोटो में महिलाओं के ब्रेस्ट दिख रहे थे, जबकि निप्पल या तो शॉट में नहीं थे या फिर हाथ से ढके हुए थे. Facebook ने वयस्क नग्नता और यौन गतिविधि. पोस्ट का बैकग्राउंड गुलाबी रंग का है, और यूज़र ने ओवरसाइट बोर्ड से की गई अपनी अपील में कहा है कि इसे ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम के लिए चलाए जाने वाले राष्ट्रीय कैंपेन “Pink October” के तहत शेयर किया गया था.

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यूज़र द्वारा रेफ़र किया गया केस

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अमेरिका में एक यूज़र को Facebook की ओर से “आज के दिन” फ़ंक्शन के तहत दो साल पहले की एक “याद” को पोस्ट के रूप में फिर से शेयर करने का प्रॉम्प्ट मिला. यूज़र ने उस कंटेंट को फिर से शेयर कर दिया. पोस्ट (अंग्रेज़ी में) दरअसल नाज़ी जर्मनी के राइक मिनिस्टर ऑफ़ प्रोपैगेंडा, जोसफ़ गोएबेल्स का एक कथित उद्धरण था, जिसमें विवेक और सच की महत्ता के बजाय संवेदनाओं और मनोभावों को अपील करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया था. Facebook ने खतरनाक लोग और संगठन से संबंधित अपनी पॉलिसी का उल्लंघन करने के लिए इस पोस्ट को हटा दिया. यूज़र ने ओवरसाइट बोर्ड से की गई अपनी अपील में कहा है कि यह उद्धरण महत्वपूर्ण है क्योंकि यूज़र को लगता है कि अमेरिका की मौजूदा सरकार इसी फ़ासीवादी मॉडल को फ़ॉलो कर रही है.

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Facebook द्वारा रेफ़र किया गया केस

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एक यूज़र ने COVID-19 के बारे में एक वीडियो और उसके साथ कुछ टेक्स्ट एक Facebook ग्रुप में पोस्ट किया. वीडियो और टेक्स्ट में Agence Nationale de Sécurité du Médicament (स्वास्थ्य संबंधी उत्पादों के लिए ज़िम्मेदार फ़्रांस की नियामक एजेंसी) से संबंधित एक स्कैंडल का विवरण दिया गया है. इस विवरण के मुताबिक यह एजेंसी COVID-19 के खिलाफ़ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और एज़िथ्रोमाइसिन के उपयोग को मंज़ूरी नहीं दे रही, लेकिन रेमडेसिवर के लिए प्रमोशनल मेल को मंज़ूरी दे रही है. यूज़र फ़्रांस में कोई हेल्थ स्ट्रेटेजी न होने की आलोचना करते हुए कहते हैं कि फ़्रांस को छोड़कर हर जगह “[डिडियर] राउल्ट के उपाय” को अमल में लाया जा रहा है. यह वीडियो लगभग 50,000 बार देखा गया और इसे 1,000 से कुछ कम बार शेयर किया गया. Facebook ने हिंसा और उकसावेसे संबंधित अपनी पॉलिसी का उल्लंघन करने के लिए यह कंटेंट हटा दिया और ओवरसाइट बोर्ड को भेजे गए अपने रेफ़रल में कहा है कि COVID-19 की वौश्विक महामारी के बारे में फैलाई जाने वाली गलत जानकारी से असल दुनिया में हो सकने वाली हिंसा की आशंकाओं से निपटने में जो चुनौतियाँ सामने आती हैं, यह केस उसका ही एक उदाहरण है.

यहाँ दिए गए केस के विवरण को इस तरह पेश किया गया है कि इसमें शामिल लोगों को अनाम रखा जा सके. ऐसा करने के लिए इसमें लोगों की पहचान कर सकने वाली निजी जानकारी को हटाया जाना भी शामिल है.

आज घोषित किया गया हर केस पाँच-सदस्यीय पैनलों को सौंपा गया है और हर पैनल में उस क्षेत्र का कम से कम एक मेंबर शामिल है, जिस क्षेत्र के कंटेंट पर सुनवाई होनी है. बोर्ड को यह उम्मीद है कि वह हर केस पर अपना फ़ैसला देगा और फिर Facebook उस फ़ैसले को 90 दिनों के भीतर अमल में लाएगा. इस समयसीमा में अनुवाद के लिए लगने वाला समय और इसके साथ ही Facebook, यूज़र और ओवरसाइट बोर्ड द्वारा केस की पूरी तैयारी में लगने वाला समय भी शामिल है, ताकि केस में शामिल हर पक्ष को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके.

इन केसों पर बोर्ड द्वारा एक बार फ़ैसला कर लेने के बाद, Facebook को हमारे फ़ैसलों को लागू करना होगा, साथ ही साथ उसे बोर्ड द्वारा पॉलिसी के संबंध में दिए गए अतिरिक्त सुझावों पर भी सार्वजनिक रूप से जवाब देना होगा.

केसों का चयन करने, उन पर विचार-विमर्श करने और फ़ैसले लेने के प्रोसेस के बारे में आपको और जानकारी यहाँ से मिल सकती है.

पब्लिक कमेंट

केसों को रिव्यू करने की बोर्ड की प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा उन लोगों और संगठनों से अतिरिक्त राय और जानकारी पाना, जो सही फ़ैसले लेने में मदद कर सकें. बोर्ड इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि केस रिव्यू करने की प्रक्रिया में थर्ड पार्टी के अलग-अलग तरह के नज़रियों को जगह दी जाए. ऐसा करने के लिए, हमने एक पब्लिक कमेंट प्रोसेस बनाया है. इसके तहत हम विषय-वस्तु के जानकारों और केस में दिलचस्पी लेने वाले अन्य समूहों को वैसी प्रासंगिक रिसर्च और जानकारी शेयर करने के लिए आमंत्रित करते हैं, जिनसे उस ख़ास केस पर विचार-विमर्श करके फ़ैसले लेने में मदद मिल सके. इस इनपुट से बोर्ड मेंबर्स को केस के बारे में ज़्यादा जानकारी, विशेषज्ञता और संदर्भ पाने में मदद मिलेगी, क्योंकि ये केस कई तरह के विषयों और भोगौलिक क्षेत्रों से संबंधित होंगे.

अगर आपको या आपके संगठन को लगता है कि आप ऊपर सूचीबद्ध किए गए केसों के बारे में हमें ऐसे ज़रूरी नज़रिए दे सकते हैं, जिनसे हमें फ़ैसले लेने में मदद मिलेगी, तो ऊपर दिए गए लिंक के ज़रिए आप अपनी बहुमूल्य राय सबमिट कर सकते हैं.

भविष्य में आने वाले केस और उन केस के लिए पब्लिक कमेंट प्रोसेस की शुरुआत होने के बारे में ईमेल अपडेट पाने के लिए आप यहाँ साइन अप भी कर सकते हैं.

आज घोषित किए गए केसों के लिए पब्लिक कमेंट विंडो 7 दिनों के लिए खुली रहेगी और 8 दिसंबर, 2020 को ईस्टर्न स्टैंडर्ड टाइम (EST) के अनुसार सुबह 8 बजे बंद हो जाएगी.

ध्यान दें कि आज पेश किए गए केसों के विवरण अपील प्रोसेस के तहत यूज़र्स और Facebook द्वारा बोर्ड को दी गई जानकारी पर आधारित हैं, और पैनलों द्वारा विचार-विमर्श शुरू किए जाने से पहले पोस्ट किए जा रहे हैं, ताकि पब्लिक कमेंट के लिए पर्याप्त समय मिल सके. ये विवरण न तो केस को लेकर बोर्ड का आकलन दर्शाते हैं, न ही पॉलिसी से संबंधित वैसी समस्याओं को सामने रखते हैं, जिनके बारे में पैनल यह विचार कर सकता है कि वे केस से जुड़े हुए हैं. पैनल केस से संबंधित अतिरिक्त जानकारी पोस्ट करने का फ़ैसला कर सकता है. ऐसा करने के लिए पैनल कमेंट के सबमिशन की नई समयसीमा भी तय करेगा.

ट्रस्टियों की नियुक्ति

पिछले महीने Paul G. Haaga, Jr. को ओवरसाइट बोर्ड के लिए चेयरपर्सन नियुक्त करने की हमारी घोषणा के बाद, आज हम पाँच अतिरिक्त ट्रस्टियों की नियुक्ति की घोषणा भी कर रहे हैं:

  • Kristina Arriaga को दुनिया भर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के जाने-माने पैरोकरों में से गिना जाता है. उनका काम ख़ास तौर पर धर्म और आस्था की स्वतंत्रता पर केंद्रित रहता है. Kristina एक एडवाइज़री फ़र्म Intrinsic की प्रसिडेंट हैं.
  • Cherine Chalaby इंटरनेट गवर्नेंस, इंटरनेशनल फ़ाइनेंस और टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ हैं और उनके पास बोर्ड मेंबर होने का लंबा अनुभव है. ICANN के चेयरमैन के तौर पर उन्होंने इस संगठन के लिए साल 2021 से लेकर साल 2025 तक का पाँच साल का स्ट्रेटेजिक प्लान बनाने वाली टीम की अगुआई की है.
  • Wanda Felton के पास फ़ाइनेंशियल सर्विसेज़ इंडस्ट्री में लगभग 30 सालों का लंबा अनुभव है. इसमें Export-Import Bank of the United States के लिए Vice Chair of the Board और First Vice President होने का अनुभव भी शामिल है.
  • Kate O'Regan दक्षिण अफ़्रीका की संवैधानिक अदालत की पूर्व जज और Khayelitsha Commission की कमिश्नर हैं. वे ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में Bonavero Institute of Human Rights की सबसे पहली डायरेक्टर भी हैं.
  • Robert Post अमेरिका के एक कानूनविद हैं और Yale Law School में कानून के प्रोफ़ेसर हैं, जहाँ वे पहले डीन भी रह चुके हैं. वे फ़र्स्ट अमेंडमेंट और फ़्रीडम ऑफ़ स्पीच (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) के नामी जानकारों में से हैं.

ट्रस्टी के रूप में जानकार लोगों को नियुक्त करने के साथ-साथ, ओवरसाइट बोर्ड ट्रस्ट ने Brown Brothers Harriman को अपना कॉर्पोरेट ट्रस्टी भी बनाया है, जिसकी घोषणा दिसंबर 2019 में की गई थी.

ओवरसाइट बोर्ड के तीन महत्वपूर्ण आयाम हैं: बोर्ड मेंबर्स, ट्रस्ट और एडमिनिस्ट्रेशन इन तीनों आयामों की भूमिकओं और ज़िम्मेदारियों से यह तय होता है कि तीनों मिलकर बोर्ड के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करें. ट्रस्टियों की यह ज़िम्मेदारी है कि वे बोर्ड की स्वतंत्रता को सुरक्षित बनाए रखें और यह तय करें कि बोर्ड अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रभावी ढंग से संचालित हो. ओवरसाइट बोर्ड मेंबर्स और ओवरसाइट बोर्ड एडमिनिस्ट्रेशन की वित्तीय ज़रूरतों और उनकी गतिविधियों को फ़ंड करने की ज़िम्मेदारी ट्रस्टियों की होती है. ओवरसाइट बोर्ड एडमिनिस्ट्रेशन में फ़ुल-टाइम काम करने वाले कर्मचारी होते हैं, जो रिसर्च, केस के चयन, केस की तैयारी और केस के फ़ैसलों से जुड़े कम्युनिकेशन में बोर्ड मेंबर्स की मदद करते हैं. केसों के चयन या उनसे जुड़े फ़ैसलों में ट्रस्टियों की कोई भूमिका नहीं होती. यह ज़िम्मेदारी पूरी तरह से बोर्ड मेंबर्स की होती है.

ओवरसाइट बोर्ड के मेंबर्स नए ट्रस्टियों का उनकी भूमिका में स्वागत करते हैं और बोर्ड को दीर्घकालिक वैश्विक सफलता दिलाने के लिए बनी इस प्रभावशाली और विविधता से भरी टीम के साथ मिलकर काम करने की कामना करते हैं.

इसके बाद क्या होगा

आज का दिन बोर्ड के लिए एक आगे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

आने वाले कुछ हफ़्तों में मेंबर्स का ध्यान पूरी तरह से इन शुरुआती केसों पर विचार-विमर्श करके फ़ैसले देने पर केंद्रित रहेगा. हम केस से जुड़े फ़ैसलों को यहाँ वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे और आप इनके बारे में नोटिफ़िकेशन पाने के लिए यहाँ साइन अप कर सकते हैं.

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