“ब्राज़ील के आर्मी जनरल के भाषण” से जुड़े केस में ओवरसाइट बोर्ड ने Meta के मूल फ़ैसले को बदला
22 जून 2023
ओवरसाइट बोर्ड ने उस Facebook वीडियो को न हटाने के Meta के फ़ैसले को बदल दिया है, जिसमें ब्राज़ील का एक आर्मी जनरल लोगों से “hit the streets,” (घरों से बाहर निकलने) और “go to the National Congress and the Supreme Court” (नेशनल कांग्रेस और सुप्रीम कोर्ट की ओर कूच करने)” का आह्वान कर रहा था. बोर्ड यह मानता है कि चुनावों के दौरान और उनके बाद Meta जोखिम का मूल्यांकन करने और उसे कम करने के कई उपाय करता है, लेकिन चुनावों के संदर्भ में इसके प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके हिंसा भड़काने के संभावित जोखिम को देखते हुए, Meta को दुष्परिणामों को रोकने, उन्हें कम करने और उनका समाधान करने के प्रयास लगातार करते रहना चाहिए. बोर्ड यह सुझाव देता है कि Meta चुनावों में निष्पक्षता बनाए रखने के अपने प्रयासों का मूल्यांकन करने की व्यवस्था बनाए.
केस की जानकारी
अक्टूबर 2022 में हुए ब्राज़ील के राष्ट्रपति चुनावों में बहुत ज़्यादा ध्रुवीकरण हुआ था और ऑनलाइन और ऑफ़लाइन तरीकों से कई लोगों ने एक साथ चुनावों की वैधानिकता पर सवाल उठाए थे. इनमें नई सरकार बनने से रोकने के लिए सैन्य हस्तक्षेप की माँग करना और सरकारी इमारतों में घुसने का आह्वान करना भी शामिल था. 1 जनवरी, 2023 को नव-निर्वाचित राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लुला डा सिल्वा के पद संभालने के बाद भी राजनैतिक हिंसा का जोखिम कम नहीं हुआ, क्योंकि नागरिक विद्रोह, विरोध प्रदर्शन और सैन्य ठिकानों के सामने धरना देने की गतिविधियाँ तब भी जारी थीं.
दो दिन बाद, 3 जनवरी, 2023 को एक Facebook यूज़र ने 2022 के ब्राज़ील के चुनावों के बारे में एक वीडियो पोस्ट किया. पुर्तगाली भाषा में लिखे उसके कैप्शन में “the last alternative” (अंतिम विकल्प) के रूप में ब्राज़ील की कांग्रेस पर “besiege” (कब्ज़ा करने) का आह्वान किया गया था. इस वीडियो में ब्राज़ील के एक प्रमुख आर्मी जनरल के भाषण का एक हिस्सा भी शामिल था, जिसमें उन्होंने इसका समर्थन किया कि पूर्व राष्ट्रपति जाइर बोल्सोनारो को राष्ट्रपति के पद के लिए फिर से चुना जाए. वीडियो में, जनरल सेना की वर्दी पहने हुए है और लोगों से “hit the streets” (घरों से बाहर निकलने) और “go to the National Congress … [and the] Supreme Court” (नेशनल कांग्रेस ... [और] सुप्रीम कोर्ट की ओर कूच करने) का आह्वान कर रहा है. इसके बाद उस वीडियो में कई फ़ोटो दिखाई गई हैं, जिनमें से एक फ़ोटो ब्रासीलिया के उस थ्री पावर्स प्लाज़ा से उठी आग की लपटों की है, जिसमें ब्राज़ील के राष्ट्रपति कार्यालय, कांग्रेस और सुप्रीम कोर्ट की इमारतें स्थित हैं. फ़ोटो पर पुर्तगाली भाषा में “Come to Brasília! Let’s Storm it! Let’s besiege the three powers.” (ब्रासीलिया की ओर कूच करो! इसे हिला डालो! तीनों संवैधानिक शक्तियों पर कब्ज़ा कर लो) लिखा हुआ है. एक अन्य फ़ोटो पर “we demand the source code” (हम सोर्स कोड की माँग करते हैं) स्लोगन लिखा है, जिसका उपयोग प्रदर्शनकारियों ने ब्राज़ील की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए किया था.
जिस दिन यह कंटेंट पोस्ट किया गया, उसी दिन एक यूज़र ने यह कारण बताते हुए इसकी रिपोर्ट कर दी कि इसमें Meta के हिंसा और उकसावे से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन किया गया है, जिसके अनुसार अधिक जोखिम वाली जगहों पर जबरन घुसने का आह्वान करना प्रतिबंधित होता है. 3 से 4 जनवरी के बीच कुल मिलाकर चार यूज़र्स ने सात बार इस कंटेंट की रिपोर्ट की. पहली रिपोर्ट के बाद, किसी कंटेंट रिव्यूअर ने इस कंटेंट का रिव्यू किया और उन्हें इसमें Meta की पॉलिसी का उल्लंघन नहीं मिला. यूज़र ने इस फ़ैसले के विरुद्ध अपील की, लेकिन एक दूसरे कंटेंट रिव्यूअर ने यह फ़ैसला कायम रखा. अगले दिन, अन्य छह रिपोर्ट का रिव्यू पाँच अलग-अलग मॉडरेटर्स ने किया, जिनमें से सभी ने यह माना कि इस कंटेंट से Meta की पॉलिसी का उल्लंघन नहीं होता है.
8 जनवरी को, पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो के समर्थकों ने पुलिस पर हमला करते हुए और संपत्ति को नुकसान पहुँचाते हुए ब्रासीलिया के “थ्री पावर्स प्लाज़ा” में स्थित नेशनल कांग्रेस, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति कार्यालयों में घुसपैठ की. 9 जनवरी को, Meta ने 8 जनवरी के दंगों को अपनी खतरनाक लोगों और संगठनों से जुड़ी पॉलिसी के तहत “हिंसक घटना” करार दिया और कहा कि वह “इन कृत्यों का समर्थन या इनकी प्रशंसा करने वाले कंटेंट” को हटा देगा. कंपनी ने यह भी घोषणा की कि उसने “ब्राज़ील को अस्थायी रूप से अधिक जोखिम वाली जगह” के रूप में चिह्नित किया था और वह “ऐसे कंटेंट को हटा रही थी, जिसमें लोगों से हथियार उठाने या कांग्रेस, राष्ट्रपति भवन और अन्य संघीय इमारतों में जबरन घुसने का आह्वान किया गया था.”
जब बोर्ड ने इस केस को चुन लिया, तब Meta ने पाया कि उसने उस कंटेंट को Facebook से न हटाने के जो फ़ैसले बार-बार लिए थे, वे गलत थे. जब 20 जनवरी, 2023 को बोर्ड ने इस केस को चुन लिया, तब Meta ने उस कंटेंट को हटा दिया.
मुख्य बातें
ब्राज़ील के 2022 के आम चुनाव और दूसरे चुनावों को ध्यान में रखते हुए, यह केस इस बारे में सवाल खड़े करता है कि Meta चुनावों में निष्पक्षता बनाए रखने के जो प्रयास करता है, वह दरअसल कितने प्रभावी होते हैं. हालाँकि चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठाना आम तौर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत आता है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में चुनावों को कमज़ोर करने की कोशिश करने वाले और बहुत सारे लोगों द्वारा किए जाने वाले ऐसे दावे हिंसा भड़का सकते हैं. इस केस में वक्ता के इरादे, उसके भाषण, उसकी पहुँच और ब्राज़ील के राजनैतिक संदर्भ में उस समय होने जा रहे नुकसान की संभावना को देखते हुए इस पोस्ट को हटाना ही सही कदम होता.
अधिक जोखिम वाली जगहों पर जबरन घुसने का आह्वान करने के बारे में Meta ने जो नियम बनाया है, अगर किसी पोस्ट में उस नियम का उल्लंघन किया जाता है, तो पोस्ट में बताई गई जगह को “अधिक जोखिम” वाली जगह ज़रूर होना चाहिए और वह किसी ऐसे क्षेत्र में या उसके आसपास होनी चाहिए, जिसे अलग से “अस्थायी रूप से अधिक जोखिम वाली जगह” के रूप में चिह्नित किया गया हो. चूँकि इस पोस्ट में स्पष्ट रूप से ब्रासीलिया के थ्री पावर्स प्लाज़ा (ब्राज़ील की “अस्थायी रूप से अधिक जोखिम वाली जगहों” में स्थित “अधिक जोखिम वाली जगह”) में स्थित सरकारी इमारतों में जबरन घुसने का आह्वान किया गया था, इसलिए राजनैतिक हिंसा बढ़ने के दौरान इस कंटेंट को न हटाने के Meta के फ़ैसले खुद उसके नियमों के ही विरुद्ध थे.
बोर्ड इस बात को लेकर बहुत चिंतित है कि जिस समय इस कंटेंट को पोस्ट किया गया था, उस समय ब्राज़ील में नागरिक विद्रोह होने के बावजूद और 8 जनवरी के दंगों से पहले के कई हफ़्तों और महीनों के दौरान इस तरह के कंटेंट का व्यापक प्रचार-प्रसार होने के बावजूद भी Meta के कंटेंट मॉडरेटर्स ने कई बार रिव्यू करने पर भी इस कंटेंट में किसी भी पॉलिसी का कोई उल्लंघन नहीं पाया और न ही उन्होंने इसे रिव्यू के लिए आगे भेजा. इसके अलावा, जब बोर्ड ने Meta से ब्राज़ील के चुनावों से पहले, चुनावों के दौरान और चुनावों के बाद, चुनाव के बारे में किए गए किसी ख़ास तरह के दावों की जानकारी माँगी, तो कंपनी ने बोर्ड को बताया कि उसके पास ऐसे दावों की व्यापकता का कोई डेटा नहीं है. इस केस से जुड़े कंटेंट को आखिरकार दो हफ़्ते बाद हटा दिया गया, लेकिन ऐसा तब हुआ जब बोर्ड ने Meta का ध्यान इस केस की ओर खींचा और तब तक इसके कारण पहले ही हिंसा भड़क चुकी थी.
बोर्ड के द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में Meta ने बताया कि आम तौर पर कंपनी चुनावों में निष्पक्षता बनाए रखने के अपने प्रयासों की सफलता का मूल्यांकन करने के लिए किन्हीं निश्चित मीट्रिक का उपयोग नहीं करती, बल्कि उसके पास सिर्फ़ यह डेटा होता है कि चुनाव से संबंधित कंटेंट को कितने लोगों ने देखा, उस पर कितने लोगों ने क्लिक किया और ऐसे कितने कंटेंट को हटाया गया. इसलिए, बोर्ड को लगता है कि Meta को एक ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए, जिससे वह चुनावों में निष्पक्षता बनाए रखने के अपने प्रयासों और इस संबंध में लोगों के द्वारा की जाने वाली रिपोर्ट का मूल्यांकन कर सके. इससे कंपनी को अपने कंटेंट मॉडरेशन सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए प्रासंगिक डेटा मिल सकेगा और वह यह तय कर सकेगी कि वह चुनावों के संदर्भ में अपने रिसोर्स का सही इस्तेमाल कैसे करे. इस तरह की जानकारी के बिना बोर्ड या आम लोग व्यापक तौर पर यह नहीं जान सकेंगे कि चुनावों में निष्पक्षता बनाए रखने के Meta के प्रयास कितने प्रभावी हैं.
ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला
ओवरसाइट बोर्ड ने संबंधित पोस्ट को प्लेटफ़ॉर्म से न हटाने के Meta के मूल फ़ैसले को बदल दिया है.
बोर्ड ने Meta को ये सुझाव भी दिए हैं कि वह:
- चुनावों में निष्पक्षता बनाए रखने के अपने प्रयासों का मूल्यांकन करने की व्यवस्था बनाए. इसके तहत वह चुनावों में निष्पक्षता बनाए रखने के सफल प्रयासों के मीट्रिक बनाए और शेयर करे, जैसे कि Meta के द्वारा अपनी कंटेंट पॉलिसी के एन्फ़ोर्समेंट से जुड़े मीट्रिक और विज्ञापनों से संबंधित अपने तौर-तरीकों से जुड़े मीट्रिक.
- अपने ट्रांसपेरेंसी सेंटर में यह स्पष्ट करे कि क्राइसिस पॉलिसी प्रोटोकॉल के अलावा, कंपनी चुनावों के संदर्भ में या अधिक जोखिम वाली अन्य घटनाओं के दौरान होने वाले नुकसान के संभावित जोखिम को रोकने और जोखिम कम करने के अपने प्रयासों के तहत कुछ अन्य प्रोटोकॉल का उपयोग करती है.
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