ओवरसाइट बोर्ड ने श्रीलंका से जुड़े नए केस पर सुनवाई करने की घोषणा की
17 नवंबर 2022
आज बोर्ड एक नए केस की सुनवाई करने की घोषणा करने जा रहा है. इस प्रक्रिया के अंतर्गत, हम लोगों और संगठनों को पब्लिक कमेंट सबमिट करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं.
केस का चयन
चूँकि हम सभी अपीलों पर सुनवाई नहीं कर सकते हैं, इसलिए बोर्ड उन केस को प्राथमिकता देता है, जिनका असर दुनिया भर के यूज़र्स पर पड़ सकता हो और जो सार्वजनिक विचार-विमर्श के लिए बेहद ज़रूरी हों या जो Meta की पॉलिसी के बारे में बड़े सवाल खड़े करते हों.
आज हम इस केस की घोषणा करने जा रहे हैं:
श्रीलंका फ़ार्मास्यूटिकल्स (2022-014-FB-MR)
Meta के द्वारा रेफ़र किया गया केस
पब्लिक कमेंट यहाँ सबमिट करें.
अप्रैल 2022 में एक Facebook यूज़र ने श्रीलंका के एक चिकित्सा संगठन के Facebook पेज पर अंग्रेज़ी में एक पोस्ट डाली, जिसमें कहा गया कि लोग देश के लिए फ़ार्मास्यूटिकल दवाएँ दान कर सकते हैं और पोस्ट में दवाएँ दान करने का लिंक भी दिया. इस पोस्ट को 80,000 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है, लगभग 1,000 बार शेयर किया जा चुका है और किसी ने भी इस पोस्ट की रिपोर्ट नहीं की है. जब इसे पोस्ट किया गया था, तब श्रीलंका में वित्तीय संकट चल रहा था, जिसके कारण देश फ़ार्मास्यूटिकल दवाएँ इम्पोर्ट करने में सक्षम नहीं था. उस समय ऐसी ख़बरें मिल रही थीं कि स्थानीय अस्पतालों में दवाइयों सहित अन्य मेडिकल सामान की किल्लत हो रही है.
Meta की प्रतिबंधित सामान और सेवाओं से जुड़ी पॉलिसी ऐसे कंटेंट पर रोक लगाती है, जिसके ज़रिए “फ़ार्मास्यूटिकल दवाओं को दान या गिफ़्ट करने की कोशिश की जाती है.” Meta का कहना है कि इस कंटेंट को सामान्य परिस्थिति में इस प्रावधान के तहत हटा दिया जाता. लेकिन, श्रीलंका की परिस्थिति के चलते Meta ने इस मामले में “पॉलिसी के वास्तविक उद्देश्य” का अस्थायी अपवाद लागू करने और इस कंटेंट के साथ-साथ “श्रीलंका में फ़ार्मास्यूटिकल दवाओं को दान करने, गिफ़्ट करने या उनकी माँग करने की एक्टिविटी” को परमिशन देने का फ़ैसला लिया. Meta “पॉलिसी के वास्तविक उद्देश्य” वाले अपवाद तब लागू करता है, जब पॉलिसी को सख्ती से लागू करने पर पॉलिसी के उद्देश्यों के अनुरूप परिणाम नहीं मिलते हैं. अपवादों के बारे में अक्सर सार्वजनिक सूचना नहीं दी जाती है. इस केस में, यह अपवाद अस्थायी था और सिर्फ़ श्रीलंका की परिस्थिति तक ही सीमित था. इसका कई बार नवीनीकरण किया जा चुका है. जब कोई यूज़र अपवाद की समय-सीमा समाप्त होने के बाद कंटेंट की रिपोर्ट करता है, तब सामान्य नियम लागू होते हैं और किसी कंटेंट के द्वारा पॉलिसी का उल्लंघन किए जाने पर उसे हटा दिया जाएगा.
Meta ने यह कहते हुए यह केस बोर्ड को रेफ़र कर दिया कि यहाँ फ़ैसला लेना काफ़ी मुश्किल है, क्योंकि इसमें “सुरक्षा” और “अभिव्यक्ति” के विपरीत मूल्यों के बीच संतुलन बनाना होगा और यह फ़ैसला बेहद अहम होगा, क्योंकि यह श्रीलंका के वित्तीय संकट से संबंधित है और इससे तय होगा कि चिकित्सा दवाओं की कमी के कारण हो सकने वाली मौतों को रोका जा सकेगा या नहीं. Meta ने बोर्ड से यह निर्धारित करने की माँग की है कि कंपनी अपनी प्रतिबंधित सामान और सेवाओं से जुड़ी पॉलिसी में अस्थायी और क्षेत्र विशेष से संबंधित “पॉलिसी के वास्तविक उद्देश्य” वाले अपवाद कैसे लागू करे, ख़ास तौर पर संकट या संघर्ष की स्थिति के दौरान.
बोर्ड ऐसे पब्लिक कमेंट चाहता है, जो बताएँ कि:
- श्रीलंका की आर्थिक और राजनैतिक परिस्थिति कैसी है और यह चिकित्सा सेवाओं, फ़ार्मास्यूटिकल दवाओं की आपूर्ति और आम लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को कैसे प्रभावित कर रही है.
- श्रीलंका में फ़ार्मास्यूटिकल दवाओं को इकट्ठा करने और बाँटने का काम कर रहे संगठनों के प्रयासों पर, फ़ार्मास्यूटिकल दवाओं को दान करने, गिफ़्ट करने या माँगने की एक्टिविटी पर लगे Meta के आम प्रतिबंधों का क्या असर पड़ रहा है.
- सामान्य तौर पर फ़ार्मास्यूटिकल दवाओं को दान करने, गिफ़्ट करने या माँगने से संबंधित कंटेंट के लिए Meta की प्रतिबंधित सामान और सेवाओं से जुड़ी पॉलिसी में क्या प्रावधान किए जाने चाहिए.
- क्या Meta को सार्वजनिक तौर पर यह बताना चाहिए कि वह संकट की परिस्थितियों में अपने कम्युनिटी स्टैंडर्ड पर “पॉलिसी के वास्तविक उद्देश्य” वाले अस्थायी अपवादों को कब और कैसे परमिशन देता है.
- संकट की परिस्थितियों में “पॉलिसी के वास्तविक उद्देश्य” वाले अपवादों को कब लागू किया जाए, इसका निष्पक्ष मापदंड क्या होना चाहिए और यह कि ऐसे अपवाद कब तक मान्य रहने चाहिए और उनकी समय-सीमा कब समाप्त होनी चाहिए.
बोर्ड अपने फ़ैसलों में Meta को पॉलिसी से जुड़े सुझाव दे सकता है. ये सुझाव बाध्यकारी नहीं होते हैं, लेकिन Meta को 60 दिनों के अंदर इन सुझावों पर अपनी राय रखनी होती है. वैसे, बोर्ड इस केस के लिए प्रासंगिक सुझाव देने वाले पब्लिक कमेंट का स्वागत करता है.
पब्लिक कमेंट
अगर आपको या आपके संगठन को लगता है कि आज घोषित इस केस को लेकर आप हमें ऐसी कोई जानकारी दे सकते हैं, जिससे हमें फ़ैसला लेने में मदद मिलेगी, तो आप ऊपर दिए गए लिंक के ज़रिए अपनी बात हम तक पहुँचा सकते हैं. पब्लिक कमेंट की विंडो 14 दिनों तक खुली रहेगी, जो UTC के अनुसार गुरुवार, 1 दिसंबर को 16:00 बजे बंद हो जाएगी.
इसके बाद क्या होगा
अगले कुछ हफ़्तों में बोर्ड के मेंबर इस केस पर विचार-विमर्श करेंगे. जब वे अपने आख़िरी फ़ैसले पर पहुँच जाएँगे, तब हम उस फ़ैसले को ओवरसाइट बोर्ड की वेबसाइट पर पोस्ट करेंगे.
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