ओवरसाइट बोर्ड ने Facebook का फ़ैसला कायम रखा: केस 2021-008-FB-FBR
19 अगस्त 2021
ओवरसाइट बोर्ड ने ब्राज़ील के राज्य-स्तरीय मेडिकल काउंसिल की एक पोस्ट को नहीं हटाने के Facebook के फ़ैसले को बरकरार रखा है, जिसमें दावा किया गया था कि लॉकडाउन बेअसर होते हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इनकी निंदा की है.
बोर्ड ने पाया कि उस कंटेंट को प्लेटफ़ॉर्म पर बरकरार रखने का Facebook का फ़ैसला उसकी कंटेंट पॉलिसी के अनुरूप था. बोर्ड ने पाया कि उस कंटेंट की कुछ जानकारी पूरी तरह से सही नहीं थी, जो ब्राजील में वैश्विक महामारी की गंभीरता के चलते और काउंसिल के सार्वजनिक संस्था होने के कारण एक चिंताजनक बात थी. हालाँकि, बोर्ड ने पाया कि उस कंटेंट से तात्कालिक नुकसान का कोई जोखिम नहीं था और इसीलिए उसे प्लेटफ़ॉर्म पर बने रहना चाहिए. अंत में, बोर्ड ने ज़ोर दिया कि कुछ परिस्थितियों में COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी को फैलने से रोकने के लिए उसे हटाने के अलावा दूसरे उपायों को भी अपनाया जाना चाहिए.
केस की जानकारी
मार्च 2021 में, ब्राज़ील की राज्य स्तरीय मेडिकल काउंसिल के Facebook पेज पर COVID-19 को फैलने से रोकने के उपायों के बारे में लिखित नोटिस की फ़ोटो पोस्ट की, जिसका शीर्षक था 'लॉकडाउन के विरुद्ध सार्वजनिक सूचना'.
उस नोटिस में दावा किया गया है कि लॉकडाउन बेअसर होते हैं, संविधान के मौलिक अधिकारों के विरुद्ध होते हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इनकी निंदा करता है. इसमें COVID-19 के लिए WHO के विशेष प्रतिनिधि डॉ. डेविड नबारो का कथित उद्धरण भी शामिल है "the lockdown does not save lives and makes poor people much poorer" (लॉकडाउन जीवन नहीं बचाता बल्कि गरीब लोगों को और गरीब बना देता है). नोटिस में यह दावा भी किया गया है कि ब्राज़ील के राज्य अमेज़ोनास में लॉकडाउन के बाद मौतों की संख्या और हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले मरीज़ों की संख्या में बढ़ोतरी हुई, जिससे साबित होता है कि लॉकडाउन के प्रतिबंध बेअसर रहे. नोटिस में दावा किया गया है कि लॉकडाउन से लोगों में मानसिक विकार बढ़ेंगे, शराब और नशीली दवाओं का दुरुपयोग बढ़ेगा और आर्थिक नुकसान के साथ-साथ और भी कई नुकसान होंगे. इसमें अंत में कहा गया है कि COVID-19 से बचाव के प्रभावी उपायों में स्वच्छता, मास्क, सामाजिक दूरी और टीकाकरण के बारे में जानकारी देने वाले कैंपेन और सरकार की ओर से निगरानी शामिल होती है - लेकिन लॉकडाउन इसका उपाय नहीं है.
उस पेज के 10,000 से ज़्यादा फ़ॉलोअर हैं. उस कंटेंट को लगभग 32,000 बार देखा गया और लगभग 270 बार शेयर किया गया. किसी भी यूज़र ने उस कंटेंट की रिपोर्ट नहीं की. Facebook ने उस कंटेंट पर कोई एक्शन नहीं लिया और यह केस बोर्ड को रेफ़र कर दिया. वह कंटेंट अब भी प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद है.
मुख्य निष्कर्ष
बोर्ड ने कहा कि उस कंटेंट को प्लेटफ़ॉर्म पर बरकरार रखने का Facebook का फ़ैसला उसकी कंटेंट पॉलिसी के अनुरूप था. हिंसा और उकसावे से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड में ऐसी गलत जानकारी वाले कंटेंट पर रोक है, जिससे आने वाले समय में हिंसा या जान और माल के नुकसान का खतरा हो. इस स्टैंडर्ड से जुड़े हेल्प सेंटर लेख में कहा गया है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थाओं की राय के आधार पर ही Facebook यह तय करता है कि कोई जानकारी गलत है या नहीं. बोर्ड ने पाया कि उस कंटेंट की कुछ जानकारी पूरी तरह से सही नहीं थी, जो ब्राजील में वैश्विक महामारी की गंभीरता के चलते और काउंसिल के सार्वजनिक संस्था होने के कारण एक चिंताजनक बात थी. हालाँकि, बोर्ड ने पाया कि उस कंटेंट से तात्कालिक नुकसान का कोई जोखिम नहीं था.
यह कथन कि WHO लॉकडाउन की निंदा करता है और कथित रूप से डॉ. डेविड नबारो द्वारा कही गई बात पूरी तरह से सही नहीं है. डॉ. नबारो ने यह नहीं कहा कि “lockdown does not save lives” (लॉकडाउन से जान नहीं बचाई जा सकती), बल्कि उन्होंने बताया था कि WHO “not advocate lockdowns as a primary means of control of this virus” (वायरस को नियंत्रित करने के प्राथमिक उपाय के रूप में लॉकडाउन का समर्थन नहीं करता) और यह कि इनके परिणामस्वरूप “making poor people an awful lot poorer” (गरीब लोग और भी ज़्यादा गरीबी का सामना करेंगे). WHO ने कहा है कि “lockdowns are not sustainable solutions because of their significant economic, social broader health impacts (लॉकडाउन को उनके महत्वपूर्ण आर्थिक, सामाजिक और व्यापक स्वास्थ्य प्रभावों के कारण स्थायी समाधान नहीं माना जा सकता). However, during the #COVID19 pandemic there’ve been times when restrictions were necessary and there may be other times in the future” (हालाँकि, #COVID19 वैश्विक महामारी के दौरान ऐसे कई मौके आए, जब प्रतिबंध लगाना ज़रूरी था और भविष्य में भी ऐसा करना पड़ सकता है).
बोर्ड ने Facebook की इस दलील को माना कि वह कंटेंट "तात्कालिक नुकसान" पहुँचाने वाली सीमा में नहीं था क्योंकि WHO और अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कंपनी को सलाह दी थी कि "सामाजिक दूरी जैसी स्वास्थ्य से जुड़ी विशेष आदतों का विरोध करने वाले दावों को हटा देना चाहिए", लेकिन लॉकडाउन की निंदा करने वाले दावों को नहीं हटाना चाहिए. इस बात की पुष्टि करने के बावजूद कि Facebook ब्राज़ील की राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्था से बातचीत कर रहा है, Facebook ने कहा कि गलत जानकारी और नुकसान की पॉलिसी को लागू करने के लिए वह तात्कालिक नुकसान की सीमा परिभाषित करने के लिए स्थानीय संदर्भ को ध्यान में नहीं रखता.
बोर्ड का मानना है कि जान और माल के तात्कालिक नुकसान के जोखिम का आंकलन करने में Facebook को स्थानीय संदर्भ को और इस तथ्य को ध्यान में रखना चाहिए कि कंटेंट एक सार्वजनिक संस्था ने शेयर किया है, जिसका कर्तव्य भरोसेमंद जानकारी देना है. हालाँकि बोर्ड अभी भी यह मानता है कि ब्राजील में वैश्विक महामारी की गंभीरता के बावजूद, इस मामले में पोस्ट तात्कालिक नुकसान की सीमा तक नहीं पहुँचती है, क्योंकि उस पोस्ट ने COVID-19 का फैलना कम करने के लिए अन्य उपायों के महत्व पर ज़ोर दिया है - जिसमें सामाजिक दूरी भी शामिल है.
Facebook ने बताया कि वह पोस्ट फ़ैक्ट-चेकिंग के लिए योग्य थी, लेकिन फ़ैक्ट-चेकिंग पार्टनर ने उस कंटेंट को नहीं जाँचा. बोर्ड ने कहा कि Facebook के द्वारा अपनाया गया तरीका कंटेंट का अतिरिक्त संदर्भ देने में विफल रहा, जिसके कारण लोगों में COVID-19 से जुड़ी सार्वजनिक जानकारी के प्रति विश्वास कम हो सकता है, और यह भी कहा कि Facebook को सार्वजनिक संस्थाओं की ओर से मिलने वाली संभावित स्वास्थ्य जानकारी को पहली प्राथमिकता देकर फ़ैक्ट-चेकिंग पार्टनर के पास भेजना चाहिए.
बोर्ड ने कहा कि Facebook ने पहले कहा था कि राजनेताओं का कंटेंट फ़ैक्ट-चेकिंग के लिए योग्य नहीं होता है, लेकिन इसने अपनी पॉलिसी में अन्य यूज़र्स, जैसे कि सार्वजनिक संस्थाओं के पेज या अकाउंट के लिए योग्यता की कोई शर्तें स्पष्ट रूप से नहीं बताई हैं.
ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला
ओवरसाइट बोर्ड उस कंटेंट को प्लेटफ़ॉर्म पर बनाए रखने के Facebook के फ़ैसले का समर्थन करता है.
पॉलिसी से जुड़े सुझाव देते हुए बोर्ड ने Facebook को कहा कि वह:
- केस के फ़ैसले 2020-006-FB-FBR में दिए गए सुझाव को लागू करे और उन सभी जगहों पर कम दखल देने वाले उपाय अपनाए, जहाँ COVID-19 से संबंधित कंटेंट अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों के निर्देशों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करता हो और जहाँ जान और माल के संभावित नुकसान का खतरा हो लेकिन वह तात्कालिक न हो.
- स्थानीय संदर्भ को ध्यान में रखकर स्वास्थ्य संबंधी गलत जानकारी के रूप में फ़्लैग किए गए कंटेंट की फ़ैक्ट-चेकिंग को प्राथमिकता दे.
- कोई कंटेंट फ़ैक्ट-चेकिंग के लिए कब योग्य होगा, इसके बारे में फ़र्ज़ी खबरों से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड में और स्पष्ट जानकारी दे, जैसे यह कि सार्वजनिक संस्थानों के अकाउंट के कंटेंट की फ़ैक्ट-चेकिंग की जाएगी या नहीं.
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