पलट जाना
तुर्की में राष्ट्रपति चुनाव से पहले हुआ राजनैतिक विवाद
ओवरसाइट बोर्ड ने Meta के उन मूल फ़ैसलों को पलट दिया जिसमें उसने तीन तुर्की मीडिया संगठनों की पोस्ट को हटा दिया था. उन सभी पोस्ट में एक राजनेता का मिलता-जुलता वीडियो था जो एक दूसरे राजनेता का सार्वजनिक रूप से विरोध कर रही थी.
केस का सारांश
ओवरसाइट बोर्ड ने Meta के उन मूल फ़ैसलों को पलट दिया जिसमें उसने तीन तुर्की मीडिया संगठनों की पोस्ट को हटा दिया था. उन सभी पोस्ट में एक राजनेता का मिलता-जुलता वीडियो था जो दूसरे राजनेता का “İngiliz uşağı” शब्द का उपयोग करते हुए सार्वजनिक रूप से विरोध कर रही थीं. इस शब्द का अर्थ “ब्रिटिश लोगों का नौकर” होता है. बोर्ड ने पाया कि यह शब्द, Meta की पॉलिसी के तहत नफ़रत फैलाने वाली भाषा नहीं है. इसके अलावा, Meta इस कंटेंट को परमिशन देने लायक “रिपोर्टिंग” नहीं समझ पाया या उसे ख़बरों में रहने लायक होने की छूट देने में विफल रहा, इसलिए मीडिया आउटलेट्स के लिए जनहित के मुद्दों की मुक्त रिपोर्टिंग करना मुश्किल हुआ. बोर्ड ने सुझाव दिया कि Meta, गालियों की परमिशन लायक रिपोर्टिंग के अपवाद को सार्वजनिक रूप से दर्शाए.
केस की जानकारी
इन फ़ैसलों के लिए बोर्ड ने तीन पोस्ट पर विचार किया – दो Facebook की, एक Instagram की – जिन्हें स्वतंत्र स्वामित्व वाले तीन अलग-अलग तुर्की मीडिया संगठनों द्वारा पोस्ट किया गया था. उन सभी में सत्ता पक्ष की एक पूर्व सांसद (MP) का एक मिलता-जुलता वीडियो था जिसमें वे तुर्की में फ़रवरी 2023 में आए भूकंप के बाद प्रमुख विपक्षी पार्टी के एक सदस्य का विरोध कर रही थीं. ऐसा अनुमान था कि तुर्की के चुनावों की तैयारी में भूकंप की घटना, वोटिंग के पैटर्न पर एक बड़ा असर डालेगी.
वीडियो में दिखाया गया है कि इस्तांबुल के मेयर इक्रेम इमामोग्लू, जो एक प्रमुख विपक्षी नेता हैं, भूकंप से बुरी तरह प्रभावित एक शहर का दौरा कर रहे हैं. इसी समय एक पूर्व सांसद उनका विरोध करते हुए नारे लगाती हैं कि इमामोगलू “दिखावा” कर रहे हैं, उन्हें “ब्रिटिश लोगों का नौकर” और उनसे “अपने खुद के” शहर लौटने के लिए कहती हैं. लोगों और विशेषज्ञ कमेंटेटर्स ने यह कन्फ़र्म किया कि “İngiliz uşağı” वाक्यांश को तुर्की भाषा बोलने वाले लोगों द्वारा ऐसे व्यक्ति के लिए उपयोग किया जाता है जो ब्रिटेन या सामान्य तौर पर पश्चिम देशों के “हितों और फ़ायदों के लिए काम करता है.”
Meta ने गालियों के संबंध में अपनी नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन करने के कारण तीनों पोस्ट को हटा दिया. क्रॉस-चेक सहित गलतियों को रोकने के Meta के कई सिस्टम इस प्रक्रिया में शामिल किए गए, जिनके कारण हर केस में सभी पोस्ट का कई बार ह्यूमन रिव्यू किया गया, लेकिन इनके परिणाम के रूप में कंटेंट को रीस्टोर नहीं किया गया.
हटाए जाने से पहले पोस्ट को तीनों अकाउंट पर कुल मिलाकर 1,100,000 से ज़्यादा बार देखा गया.
तीनों यूज़र्स को यह सूचना दी गई थी कि उन्होंने नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन किया है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि किस विशेष नियम का उल्लंघन हुआ है. इसके अलावा, दो मीडिया संगठनों के अकाउंट पर फ़ीचर लिमिट लगाई गई. इस लिमिट ने एक संगठन को 24 घंटों तक नया कंटेंट बनाने से रोक दिया और दूसरे को तीन दिनों तक वीडियो लाइवस्ट्रीम करने से रोक दिया.
बोर्ड द्वारा केस की पहचान किए जाने के बाद, Meta ने पाया कि उसके मूल फ़ैसले गलत थे क्योंकि “İngiliz uşağı” शब्द उसकी गालियों की लिस्ट में नहीं होना चाहिए था और उसने कंटेंट को रीस्टोर कर दिया. इसके अलावा, Meta ने चुनावों के पहले तुर्की के लिए गालियों की अपनी लिस्ट का ऑडिट किया और उसके परिणामस्वरूप अप्रैल 2023 में “İngiliz uşağı” शब्द को लिस्ट से हटा दिया गया.
मुख्य निष्कर्ष
पूरे डिजिटल इकोसिस्टम में जानकारी की रिपोर्टिंग में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है. बोर्ड इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि तीन पोस्ट को हटाना, तुर्की मीडिया संगठनों के लोगों के अधिकारों और उनकी ऑडियंस के लिए जानकारी की एक्सेस पर अनावश्यक और अनुपातहीन प्रतिबंध था. इसके अलावा, इन केस में Meta की कार्रवाइयों के कारण तीन में से दो संगठन उतने समय के लिए अपनी रिपोर्टिंग मुक्त रूप से शेयर नहीं कर पाए जितने समय के लिए उनके अकाउंट पर फ़ीचर लिमिट लागू थी. इसका बड़ा असर पड़ा क्योंकि भूकंप और चुनावों की तैयारियों के चलते, स्वतंत्र स्थानीय समाचारों की एक्सेस महत्वपूर्ण हो गई थी.
बोर्ड ने पाया कि “İngiliz uşağı” शब्द, Meta की पॉलिसी के तहत नफ़रत फैलाने वाली भाषा नहीं था क्योंकि वह “सुरक्षित विशिष्टताओं” के आधार पर लोगों पर हमला नहीं करता. वीडियो में दिखाई दे रहा सार्वजनिक विरोध, आपस में प्रतिस्पर्धा कर रही दो राजनैतिक पार्टियों के बीच था. चूँकि उपयोग किया गया शब्द तुर्किए (तुर्की) में राजनैतिक आलोचना के लिए लंबे समय से मौजूद रहा है, इसलिए यह चुनावों के संदर्भ में जनहित के महत्वपूर्ण मामले में राजनैतिक बयान है.
भले ही Meta ने इस शब्द को गाली के रूप में सही चिह्नित किया होता, कंटेंट की जनहित वैल्यू को देखते हुए उसे परमिशन दी जानी चाहिए थी. बोर्ड इस बात से चिंतित है कि तीनों पोस्ट को Meta की कोर पॉलिसी टीम द्वारा ख़बरों में रहने लायक होने की छूट देने के आकलन के लिए एस्केलेट नहीं किया गया.
Meta की पॉलिसी भी लोगों को यह परमिशन देती हैं कि वे गालियों और नफ़रत फैलाने वाली भाषा के खिलाफ़ जागरूकता लाने के लिए उन्हें शेयर कर सकते हैं, बशर्ते यूज़र का इरादा स्पष्ट हो. इन केसों के जवाब में, Meta ने बताया कि “जागरूकता लाने वाली रिपोर्टिंग की योग्यता पाने के लिए, यह दोहराना पर्याप्त नहीं है कि किसी अन्य व्यक्ति ने नफ़रत फैलाने वाली भाषा या गाली का उपयोग किया. इसके बजाय, हमें [Meta] विशेष अतिरिक्त संदर्भ की ज़रूरत होती है.” इन केसों में कोई भी मीडिया संगठन योग्य नहीं पाया जाता क्योंकि कंटेंट को एक तटस्थ कैप्शन के साथ शेयर किया गया था, जिसे पर्याप्त संदर्भ नहीं माना जाता. वीडियो में राजनेता द्वारा शब्द का उपयोग, बताई जा रही मुख्य स्टोरी नहीं था, इसलिए इसकी व्याख्या या आलोचना करने पर फ़ोकस कैप्शन से कोई फर्क नहीं पड़ता. इसके बजाय, मुख्य समाचार यह था कि भूकंप पर प्रतिक्रिया के मुद्दे पर दोनों राजनेताओं के बीच असहमति थी.
अंत में, बोर्ड ने पाया कि Meta को यह सार्वजनिक करना चाहिए कि नफ़रत फैलाने वाली भाषा की रिपोर्टिंग की परमिशन है, आदर्श रूप से ऐसे स्टैंडअलोन अपवाद में जो पत्रकारितापूर्ण “रिपोर्टिंग” को “जागरूकता फैलाने” से अलग करता हो. Meta के आंतरिक मार्गदर्शन में उन अपवादों के मुकाबले ज़्यादा अपवादों को परमिशन दी गई है जो फिलहाल यूज़र्स को सार्वजनिक रूप से बताए गए हैं. यह जानकारी मीडिया संगठनों की मदद करने में उस समय ख़ास तौर पर महत्वपूर्ण होगी जब वे जनहित के लिए किसी ऐसे मामले की रिपोर्ट करते हैं जिसमें थर्ड पार्टी द्वारा गाली का उपयोग किया जाता है, उन मामलों सहित जब ऐसी गाली समाचार का मुख्य भाग न हो. इस जानकारी की संरचना में यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि मीडिया आउटलेट और पत्रकारिता में शामिल अन्य लोग, सामयिक घटनाओं की निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए हमेशा “जागरूकता लाने” का इरादा नहीं बता सकते.
ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला
ओवरसाइट बोर्ड ने तीन पोस्ट को हटाने के Meta के मूल फ़ैसलों को पलट दिया.
बोर्ड ने Meta को सुझाव दिया है कि वह:
- नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड में बदलाव करे और उसमें ऐसी गालियों की पत्रकारितापूर्ण रिपोर्टिंग की स्पष्ट रूप से रक्षा करे जब ऐसी रिपोर्टिंग, ख़ास तौर पर चुनावों के संदर्भ में, से बहिष्कार और/या डर का माहौल न बनता हो. इस अपवाद को सार्वजनिक किया जाना चाहिए, इसे “जागरूकता लाने वाले” अपवाद से अलग रखा जाना चाहिए और इसे यूज़र्स के लिए स्पष्ट बनाया जाना चाहिए, ख़ास तौर पर मीडिया में, कि ऐसे कंटेंट में संदर्भ का उपयोग किस तरह किया जाना चाहिए. मॉडरेटर्स को भी पत्रकारिता का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त ट्रेनिंग दी जानी चाहिए, ख़ास तौर पर अंग्रेज़ी के अलावा अन्य भाषाओं के संदर्भ में.
- यह सुनिश्चित करे कि नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड में हर अपवाद की दृष्टांत उदाहरणों सहित स्पष्ट व्याख्या दी गई हो ताकि यह स्पष्ट हो सके कि गालियों का उपयोग कब किया जा सकता है.
- जिन देशों में 2023 के शेष समय में और 2024 की शुरुआत में चुनाव हैं, वहाँ की गालियों की लिस्ट का ऑडिट शीघ्र पूरा करे. इस ऑडिट का उद्देश्य उन लिस्ट में गलती से जुड़ गए शब्दों को पहचानना और उन्हें हटाना होना चाहिए.
* केस के सारांश से केस का ओवरव्यू मिलता है और आगे के किसी फ़ैसले के लिए इसको आधार नहीं बनाया जा सकता है.
केस का पूरा फ़ैसला
1. फ़ैसले का सारांश
बोर्ड ने तुर्की के तीन मीडिया संगठनों – BirGün Gazetesi, Bolu Gündem और Komedya Haber – की पोस्ट हटाने के Meta के मूल फ़ैसलों को पलट दिया. इन तीनों पोस्ट में मिलता-जुलता वीडियो पोस्ट किया गया था. वीडियो में राष्ट्रपति एर्डोगन की जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (AKP पार्टी) की पूर्व सांसद मिस नूरसेल रेहानलियोग्लू को दिखाया गया था. इसमें वे तुर्किए (तुर्की) की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के सदस्य और इस्तांबुल के मेयर इक्रेम इमामोग्लू को “İngiliz uşağı” कहकर संबोधित कर रही हैं. इस शब्द का अर्थ “ब्रिटिश लोगों का नौकर” होता है. तीनों मामलों में Meta ने नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन करने के कारण वीडियो को हटा दिया. यह कम्युनिटी स्टैंडर्ड “लोगों की सुरक्षित विशिष्टताओं के आधार पर उन पर हमला करने के लिए गालियों के उपयोग” पर रोक लगाता है. बोर्ड द्वारा केस को चुने जाने के बाद, Meta ने पोस्ट को हटाने के अपने सभी फ़ैसले यह कहते हुए पलट दिए कि “İngiliz uşağı” शब्द उसकी गालियों की आंतरिक लिस्ट में नहीं होना चाहिए था.
2. केस की जानकारी और बैकग्राउंड
6 फ़रवरी, 2023 को दक्षिणी तुर्किए (तुर्की) में सीरिया की उत्तरी सीमा के पास भूकंप के कई ताकतवर झटके आए. इस आपदा में सिर्फ़ तुर्किए (तुर्की) में 50,000 से ज़्यादा लोग मारे गए और 100,000 से ज़्यादा लोग घायल हुए. भूकंप के झटकों से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए प्रांतों में तीस लाख लोग बेघर हो गए. 8 फ़रवरी, 2023 को इस्तांबुल नगरीय निकाय के मेयर इक्रेम इमामोग्लू, जो मुख्य विपक्षी पार्टी रिपब्लिकन पीपल्स पार्टी (CHP) के सदस्य हैं, ने इस आपदा से प्रभावित एक शहर कहरामानमारस का दौरा किया. उनके दौरे के दौरान, जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (AKP पार्टी) की पूर्व सांसद (MP) नूरसेल रेहानलियोग्लू ने उनका विरोध किया. आमने-सामने का यह विरोध रिकॉर्ड हुआ जिसमें पूर्व MP रेहानलियोग्लू, मेयर इमामोग्लू को चिल्लाकर यह कह रही हैं कि उनका दौरा एक “दिखावा” हैं, वे “ब्रिटिश लोगों के नौकर” (तुर्की भाषा में: İngiliz uşağı) हैं और वे “वहाँ से वापस चले जाएँ” और “अपने बिल” इस्तांबुल में घुस जाएँ.
लोगों के कमेंट और बोर्ड द्वारा परामर्श किए गए विशेषज्ञों ने यह कन्फ़र्म किया कि “İngiliz uşağı” वाक्यांश को तुर्की वक्ताओं द्वारा “ऐसे व्यक्ति के लिए उपयोग किया जाता है जो ब्रिटिश राष्ट्र या सरकारी अधिकारियों या सामान्य तौर पर पश्चिम देशों के हितों और फ़ायदों के लिए काम करता है.” बाहरी विशेषज्ञों ने यह रेखांकित किया कि यह कहना कि विदेशी ताकतों के हितों की रक्षा करते हुए कोई व्यक्ति अपने देश से गद्दारी कर रहा है, एक गंभीर और नुकसानदेह आरोप हो सकता है क्योंकि इससे उस व्यक्ति की अपने देश के प्रति ईमानदारी और प्रतिबद्धता पर सवालिया निशान लगते हैं, ख़ास तौर पर राजनैतिक संदर्भ में.
इन केसों में शामिल तीन मीडिया संगठनों का तुर्की सरकार से कोई संबंध नहीं है और वे स्वतंत्र स्वामित्व के अधीन हैं. बाहरी विशेषज्ञों ने नोट किया कि BirGün Gazetesi के सरकार से सबसे खराब रिश्ते रहे हैं. उसके एक स्तंभकार तुर्की-आर्मेनियाई पत्रकार ह्रांत डिंक की 2007 में हत्या कर दी गई थी और अखबार पर भी बार-बार आपराधिक मुकदमे चलाए जाते रहे हैं.
फ़रवरी के भूकंप के तुरंत बाद, मई में होने वाले राष्ट्रपति और संसद के चुनावों पर लोगों का सबसे ज़्यादा ध्यान था. Meta ने अप्रैल 2023 की ब्लॉग पोस्ट में अनाउंस किया कि वह तुर्की के आने वाले चुनाव में “गलत जानकारी” और “फ़र्ज़ी ख़बर” से निपटने के लिए तैयार है. बोर्ड द्वारा परामर्श किए गए विशेषज्ञों ने बताया कि चुनाव पर्यवेक्षकों को यह अनुमान था कि भूकंप से वोटिंग के पैटर्न पर किस तरह असर पड़ेगा. सरकार की आलोचना का एक मुख्य बिंदु उसका वह विधेयक था जिसमें वे ऐसी कंस्ट्रक्शन कंपनियों को माफ़ी देना चाहती थी जिन्होंने सुरक्षा संहिताओं में विफल रहने वाली इमारतें खड़ी कीं. रेहानलियोग्लू ने 2018 में सांसद रहते हुए इस कानून का समर्थन किया था. आपदा प्रबंधन एजेंसी Afet ve Acil Durum Yönetimi Başkanlığı (AFAD) की भूकंप पर प्रतिक्रिया में विफलताओं की सार्वजनिक आलोचना, चुनाव का एक मुद्दा बनी.
वह पहला केस जिसे बोर्ड ने अपील के बाद स्वीकार किया, उसमें तुर्की समाचार साइट पेज Bolu Gündem ने विरोध का वीडियो अपने Facebook पेज पर पोस्ट किया था. यूज़र्स ने पोस्ट की रिपोर्ट की और उसे मॉडरेटर के रिव्यू के लिए कतारबद्ध किया गया. रिव्यू के समय, Meta का गलतियों को रोकने का एक सिस्टम चालू था जिसे डायनेमिक मल्टी रिव्यू कहा जाता है. इसमें बहुमत के आधार पर फ़ैसला लेने के लिए जॉब्स का कई रिव्यूअर्स द्वारा आकलन किया जाता है. तीन में से दो रिव्यूअर ने पाया कि कंटेंट ने Meta की नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी का उल्लंघन किया, जबकि एक रिव्यूअर ने ऐसा नहीं माना. अर्ली रिस्पॉन्स सेकेंडरी रिव्यू (ERSR) प्रोटोकॉल के कारण, जो क्रॉस-चेक का एक रूप है, कंटेंट को तत्काल हटाए जाने के बजाय सेकेंडरी रिव्यू के लिए एस्केलेट किया गया (गलतियों को रोकने के इस केस में शामिल अलग-अलग सिस्टमों के बारे में सेक्शन 8.1 में विस्तार से बताया गया है). सेकेंडरी रिव्यू के दौरान, दो रिव्यूअर्स ने पाया कि कंटेंट ने नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी का उल्लंघन किया और कंटेंट को हटा दिया गया. Meta ने इस केस के कंटेंट क्रिएटर अकाउंट पर (पेज पर नहीं) स्ट्राइक और 24 घंटे की फ़ीचर लिमिट लगाई जिसने यूज़र को प्लेटफ़ॉर्म पर नया कंटेंट बनाने से रोक दिया (उनके एडमिन अधिकार के तहत आने वाले सभी पेज सहित) और Facebook messenger रूम बनाने या उनमें जुड़ने से भी रोक दिया. हटाए जाने से पहले, पोस्ट को दस लाख से ज़्यादा बार देखा गया था.
दूसरे केस में, तुर्की मीडिया आउटलेट BirGün Gazetesi ने अपने Facebook पेज पर लाइव स्ट्रीम के रूप में उसी विरोध का एक लंबा वीडियो पोस्ट किया जिसके छोटे वीडियो अन्य दो आउटलेट ने पोस्ट किए थे. लाइव स्ट्रीम के खत्म होने के बाद, वह वीडियो, पेज पर एक स्थायी पोस्ट बन गया. दो अन्य वीडियो से अलग, इसमें मेयर इमामोग्लू और CHP नेता और राष्ट्रपति उम्मीदवार केमाल किलिक्डारोग्लू का आगे का फ़ुटेज है जिसमें वे दो आम लोगों से बात कर रहे हैं. विरोध के बाद की बातचीत में, दो आम लोगों ने मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए ज़्यादा सहायता भेजने का अनुरोध किया और सरकार की आपातकालीन प्रतिक्रिया पर अपनी निराशा व्यक्त की. एक यूज़र ने रिपोर्ट की कि Facebook पोस्ट से Meta की पॉलिसी का उल्लंघन होता है. रिव्यू के समय, Meta का डायनेमिक मल्टी-रिव्यू (सेक्शन 8.1 देखें) चालू था और तीन में से दो रिव्यूअर्स ने पाया कि कंटेंट से नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी का उल्लंघन होता है जबकि एक रिव्यूअर ने ऐसा नहीं माना. कंटेंट को जनरल सेकेंडरी रिव्यू (GSR) रैंकर के कारण अतिरिक्त रिव्यू के लिए भेजा गया, जो कि ERSR के साथ में चलने वाला एक अन्य क्रॉस-चेक प्रोटोकॉल है. GSR एल्गोरिदम में संवेदनशीलता, एन्फ़ोर्समेंट की गंभीरता, फ़ाल्स-पॉज़िटिव की संभावना, अनुमानित पहुँच और एंटिटी संवेदनशीलता जैसी शर्तों के आधार पर कंटेंट को अतिरिक्त रिव्यू के लिए रैंक किया जाता है (सेक्शन 8.1 और क्रॉस-चेक पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय, पैरा 42 में इस प्रोटोकॉल के बारे में ज़्यादा जानकारी देखें). Meta की क्षेत्रीय मार्केट टीम के एक रिव्यूअर ने पाया कि पोस्ट से नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी का उल्लंघन होता है और पोस्ट को हटा दिया गया. Meta ने कंटेंट क्रिएटर की प्रोफ़ाइल और Facebook पेज, दोनों पर स्टैंडर्ड स्ट्राइक लगाई, लेकिन उसने कोई फ़ीचर लिमिट नहीं लगाई (जैसे कि पोस्ट करने की योग्यता बंद करना) क्योंकि स्ट्राइक की संख्या इसके लिए ज़रूरी लिमिट तक नहीं पहुँची थी. हटाए जाने से पहले, पोस्ट को 60,000 से ज़्यादा बार देखा गया था.
तीसरे केस में, डिजिटल मीडिया आउटलेट Komedya Haber ने Instagram पर एक वीडियो पोस्ट किया. “सबसे ज़्यादा वायरल और संभावित रूप से उल्लंघन करने वाले कंटेंट” को पहचानने के लिए डिज़ाइन किए गए एक क्लासिफ़ायर ने कंटेंट को नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी का संभावित रूप से उल्लंघन करने वाला डिटेक्ट किया जिससे कारण उसे मॉडरेटर के रिव्यू के लिए कतारबद्ध कर दिया गया. रिव्यूअर ने पाया कि कंटेंट ने नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी का उल्लंघन किया. बाद में, एक यूज़र ने रिपोर्ट की कि कंटेंट Meta की पॉलिसी का उल्लंघन करता है. रिव्यू के समय, Meta का डायनेमिक मल्टी-रिव्यू चालू था और दो रिव्यूअर्स ने पाया कि कंटेंट से नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी का उल्लंघन होता है. GSR रैंकर ने अतिरिक्त रिव्यू के लिए कंटेंट को प्राथमिकता दी, इसलिए पोस्ट को एक अन्य मॉडरेटर को भेज दिया गया. क्रॉस-चेक पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय में Meta से प्राप्त जानकारी के अनुसार, GSR रिव्यू या तो किसी कर्मचारी द्वारा किया जाता है या Meta की क्षेत्रीय बाज़ार टीम के किसी कॉन्ट्रैक्टर द्वारा ( क्रॉस-चेक पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय, पेज 21). GSR के ज़रिए, एक रिव्यूअर ने कंटेंट को नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी का उल्लंघन करने वाला पाया और कंटेंट को हटा दिया गया. Meta ने स्टैंडर्ड स्ट्राइक लगाते हुए तीन दिन की फ़ीचर लिमिट लगाई जिसके तहत Instagram अकाउंट, लाइव वीडियो का उपयोग नहीं कर सकता था. हटाए जाने से पहले, पोस्ट को 40,000 से ज़्यादा बार देखा गया था.
हर पोस्ट को हटाए जाने के बाद, तीनों यूज़र्स को यह सूचना दी गई थी कि उन्होंने Meta की नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन किया है लेकिन यह नहीं बताया कि उन्होंने किस विशेष नियम का उल्लंघन किया. दो Facebook यूज़र्स को प्राप्त नोटिफ़िकेशन में कहा गया था कि नफ़रत फैलाने वाली भाषा में “लोगों की जाति, नस्ल, धर्म, वर्ण, शारीरिक या मानसिक क्षमता, लिंग या सेक्शुअल ओरिएंटेशन के आधार पर उन पर हमले करना शामिल है” और उसमें कई उदाहरण दिए गए थे लेकिन उसमें किसी गाली का उल्लेख नहीं था. Instagram यूज़र को एक छोटा नोटिफ़िकेशन मिला, जिसमें कहा किया था कि “नफ़रत फैलाने वाली भाषा या प्रतीकों पर हमारी [Instagram] कम्युनिटी गाइडलाइन का उल्लंघन करने के कारण” कंटेंट को हटा दिया गया है.
Bolu Gündem के Facebook पेज पर कंटेंट पोस्ट करने वाले कंटेंट क्रिएटर पर Meta ने 24 घंटे की फ़ीचर लिमिट लगाई, लेकिन यूज़र को इस प्रतिबंध का यूज़र नोटिफ़िकेशन नहीं मिला. Instagram पर, Komedya Haber को एक नोटिफ़िकेशन मिला कि उसके Instagram अकाउंट को लाइव वीडियो बनाने से कुछ समय के लिए रोक दिया गया है. फिर सभी तीन यूज़र्नस ने कंटेंट हटाने के संबंध में Meta के फ़ैसले के खिलाफ़ अपील की और Meta के रिव्यूअर्स फिर इस नतीजे पर पहुँचे कि हर पोस्ट से नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी का उल्लंघन होता है. हर यूज़र को सूचित किया गया था कि कंटेंट का एक और बार रिव्यू किया गया है, लेकिन यह भी सूचित किया गया कि कंटेंट से Facebook कम्युनिटी स्टैंडर्ड या Instagram की कम्युनिटी गाइडलाइन का उल्लंघन होता है. अपील मैसेज में उन्हें यह नहीं बताया गया कि कौन-सी पॉलिसी का उल्लंघन हुआ है.
बोर्ड द्वारा इन तीन अपीलों को चुने जाने के परिणामस्वरूप, Meta ने पाया कि उसके सभी तीन मूल फ़ैसले गलत थे और उसने लगाई गई सभी स्ट्राइक हटाते हुए हर अकाउंट के कंटेंट को 28 मार्च, 2023 को रीस्टोर कर दिया. इस समय तक, दो केसों में लगाई गई फ़ीचर लिमिट की समय-सीमा पहले ही समाप्त हो चुकी थी. Meta ने बोर्ड को बताया कि वाक्यांश का उपयोग गाली के रूप में नहीं किया गया था और इसलिए तीनों पोस्ट नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी का उल्लंघन नहीं करती हैं. जनवरी और अप्रैल 2023 के बीच, Meta द्वारा तुर्की बाज़ार के लिए उसकी गालियों की लिस्ट का वार्षिक ऑडिट किया जा रहा था, जिसके कारण अंततः “İngiliz uşağı” वाक्यांश को लिस्ट से हटा दिया गया. यह उस समय हुआ जब बोर्ड इन तीन केस का चयन कर रहा था, जिसके कारण, नियमित प्रक्रिया के भाग के रूप में, Meta ने अपने मूल फ़ैसलों का रिव्यू किया. उस रिव्यू में, कंपनी ने यह भी पाया कि “İngiliz uşağı” कोई गाली नहीं थी.
3. ओवरसाइट बोर्ड की अथॉरिटी और स्कोप
बोर्ड को उस व्यक्ति के अपील करने के बाद Meta के फ़ैसले का रिव्यू करने का अधिकार है, जिसका कंटेंट हटा दिया गया था (चार्टर आर्टिकल 2, सेक्शन 1; उपनियम आर्टिकल 3, सेक्शन 1). बोर्ड Meta के फ़ैसले को कायम रख सकता है या उसे बदल सकता है (चार्टर अनुच्छेद 3, सेक्शन 5) और उसका फ़ैसला कंपनी पर बाध्यकारी होता है (चार्टर अनुच्छेद 4). Meta को मिलते-जुलते संदर्भ वाले समान कंटेंट पर अपने फ़ैसले को लागू करने की संभावना का भी आकलन करना चाहिए (चार्टर अनुच्छेद 4). बोर्ड के फ़ैसलों में गैर-बाध्यकारी सलाह शामिल हो सकती हैं, जिन पर Meta को जवाब देना ज़रूरी है (चार्टर अनुच्छेद 3, सेक्शन 4; अनुच्छेद 4). बोर्ड उन सुझावों को लागू करने की निगरानी करता है जिन पर Meta एक्शन लेने की प्रतिबद्धता व्यक्त करता है और वह अपने केस के फ़ैसलों के पुराने सुझावों के बारे में फ़ॉलो-अप कर सकता है.
जब बोर्ड इन केसों जैसे केस चुनता है, जहाँ बाद में Meta यह मानता है कि उसने गलती की है, तो बोर्ड मूल फ़ैसले को रिव्यू करके उस कंटेंट मॉडरेशन प्रोसेस को बेहतर तरीके से समझता है और बोर्ड आगे गलतियों को कम करने और Facebook और Instagram का उपयोग करने वाले लोगों के साथ निष्पक्षता बढ़ाने के सुझाव देता है. बोर्ड ने आगे नोट किया कि इनमें से हर केस में Meta के मूल फ़ैसले की वापसी आंशिक रूप से हर पोस्ट किए जाने के बाद उसके आंतरिक मार्गदर्शन में बदलाव के कारण हुई थी, जिसमें अप्रैल 2023 में उसकी गालियों की गैर-सार्वजनिक लिस्ट से “İngiliz uşağı” को हटा दिया गया था. बोर्ड यह समझता है कि कंपनी के मूल फ़ैसलों के समय, शुरुआती रिव्यू करने वाले Meta के रिव्यूअर्स ने वह पॉलिसी और आंतरिक मार्गदर्शन लागू किया जो उस समय प्रचलित था.
जब बोर्ड ऐसे केसों की पहचान करता है जिनमें अपील से मिलते-जुलते या ओवरलैपिंग समस्याओं को बढ़ावा मिलता है, जिनमें कंटेंट पॉलिसी या उनके एन्फ़ोर्समेंट से संबंधित समस्याएँ या Meta की मानवाधिकार से जुड़ी ज़िम्मेदारियाँ शामिल हैं, तो उन्हें मिलाया जा सकता है और एक पैनल को असाइन किया जा सकता है जो सभी अपीलों पर साथ में सुनवाई करती है. हर पोस्ट को लेकर एक बाध्यकारी फ़ैसला लिया जाएगा.
4. अथॉरिटी और मार्गदर्शन के सोर्स
इस केस में बोर्ड ने इन स्टैंडर्ड और पुराने फ़ैसलों को ध्यान में रखते हुए विश्लेषण किया:
I. ओवरसाइट बोर्ड के फ़ैसले:
ओवरसाइट बोर्ड के कुछ सबसे प्रासंगिक पुराने फ़ैसलों में ये शामिल हैं:
- अज़रबैजान में आर्मेनियाई केस (2020-003-FB-UA)
- ज़्वार्टे पिएट का चित्रण केस (2021-002-FB-UA)
- कोलंबिया के विरोध प्रदर्शन केस (2021-010-FB-UA)
- दक्षिण अफ़्रीका की गालियाँ केस (2021-011-FB-UA)
- अरबी शब्दों को स्वीकार्य उपयोग में लाना केस (2022-003-IG-UA)
- न्यूज़ रिपोर्टिंग में तालिबान का उल्लेख केस (2022-005-FB-UA)
- ईरान में विरोध प्रदर्शन का स्लोगन केस (2022-013-FB-UA)
II. Meta की कंटेंट पॉलिसी:
Instagram की कम्युनिटी गाइडलाइन के अनुसार जिस कंटेंट में नफ़रत फैलाने वाली भाषा होगी, उसे हटा दिया जाएगा. “Instagram कम्युनिटी के अन्य सदस्यों का सम्मान करें” शीर्षक के तहत, गाइडलाइन में कहा गया है कि “किसी व्यक्ति की जाति, नस्ल, राष्ट्रीय मूल, सैक्स, लिंग, लैंगिक पहचान, सेक्शुअल ओरिएंटेशन, धार्मिक संबद्धता, अक्षमता या बीमारी के आधार पर उस पर हिंसा को प्रोत्साहन देना या हमला करना कभी भी उचित नहीं है.” Instagram की कम्युनिटी गाइडलाइन में गालियों के लिए कोई विशेष नियम नहीं बताया गया है, लेकिन “नफ़रत फैलाने वाली भाषा” शब्द, नफ़रत फैलाने वाली भाषा पर Facebook कम्युनिटी स्टैंडर्ड से लिंक हैं.
नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी बनाने के अपने कारण में Meta “ऐसी गालियों का उपयोग प्रतिबंधित करता है जिनका उद्देश्य लोगों पर उनकी सुरक्षित विशिष्टताओं के आधार पर हमला करना होता है.” Meta की पॉलिसी में सुरक्षित विशिष्टताओं में उदाहरण के तौर पर राष्ट्रीय मूल, धार्मिक संबद्धता, जाति और नस्ल शामिल हैं. जिस समय ये तीन पोस्ट बनाई, हटाई और बोर्ड को अपील की गई थीं और जब Meta ने सभी तीनों मामलों में अपने मूल फ़ैसले पलटे, तब “गालियों” को उन शब्दों के रूप में परिभाषित किया गया था “जो अपने आप में ही आपत्तिजनक हों और जिनका उपयोग ऊपर बताई गई विशिष्टताओं के आधार पर अपमानजनक नामों की तरह किया जाता है.” 25 मई, 2023 को पॉलिसी में अपडेट के बाद, Meta अब “गालियों” को ऐसे शब्दों के रूप में परिभाषित करता है “जो लोगों की सुरक्षित विशिष्टता के आधार पर उनके खिलाफ़ अपने आप में बहिष्कार और डर का माहौल बनाते हैं, अक्सर इसलिए क्योंकि इन शब्दों का संबंध ऐतिहासिक भेदभाव, उत्पीड़न और हिंसा से रहा है” और यह जोड़ता है कि “वे ऐसा तब भी करते हैं जब किसी ऐसे व्यक्ति को टार्गेट किया जा रहा हो जो उस [सुरक्षित विशिष्टता वाले] ग्रुप का सदस्य न हो जिसे गाली स्वाभाविक रूप से टार्गेट करती है.”
पॉलिसी बनाने के कारण में कई अपवाद भी बताए गए हैं जो गालियों का उपयोग करने की परमिशन उन स्थितियों में देते हैं जब उनका उपयोग “आलोचना करने या उनके प्रति जागरूकता लाने” के लिए किया गया हो या जब उनका उपयोग “उनके अपने संदर्भ में या सशक्तिकरण के तरीके से” किया गया हो.” हालाँकि, Meta द्वारा कंटेंट को उस समय भी हटा दिया जाता है जब “इरादा स्पष्ट न हो.” नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी में 25 मई को हुए संशोधनों में इस भाषा में कोई बदलाव नहीं हुआ.
नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी में तय अपवादों के अलावा, ख़बरों में रहने लायक होने की छूट में वह “ऐसे कंटेंट को परमिशन देता है जो Facebook कम्युनिटी स्टैंडर्ड या Instagram कम्युनिटी गाइडलाइन का उल्लंघन करता है बशर्ते कंटेंट ख़बरों में रहने लायक हो और उसे बनाए रखना जनहित में हो.” Meta, ख़बरों में रहने लायक होने की छूट “जनहित और नुकसान के जोखिम की तुलना के गहन रिव्यू” के बाद ही देता है और ये “फ़ैसले लेने में मदद पाने के लिए अपने “अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार स्टैंडर्ड” का भी ध्यान रखता है, जैसा कि हमारी कॉर्पोरेट मानवाधिकार पॉलिसी में बताया गया है.” Meta के अनुसार वह यह आकलन करता है कि क्या कंटेंट से “लोगों के स्वास्थ्य या सुरक्षा को तात्कालिक खतरा है या क्या उससे राजनीतिक प्रक्रिया के भाग के रूप में फ़िलहाल बहस का विषय बने हुए दृष्टिकोण ज़ाहिर किए जा सकते हैं.” इन आकलनों में देश की परिस्थितियों का ध्यान रखा जाता है जैसे क्या वहाँ कोई चुनाव या संघर्ष चल रहा है, क्या वहाँ प्रेस को आज़ादी है और क्या वहाँ Meta के प्रोडक्ट बैन हैं. Meta कहता है कि “वक्ता की पहचान के आधार पर हम पहले से ही यह नहीं मान लेते हैं कि कंटेंट जनहित का होगा ही, उदाहरण के लिए किसी राजनेता के रूप में उनकी पहचान के आधार पर.”
बोर्ड का विश्लेषण, Meta की “अभिव्यक्ति” की प्रतिबद्धता, जिसे कंपनी “सर्वोपरि” बताती है, और “सुरक्षा,” “प्राइवेसी” और “गरिमा” की उसकी वैल्यू के आधार पर किया गया है.
III. Meta की मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियाँ
बिज़नेस और मानवाधिकारों के बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ के मार्गदर्शक सिद्धांत (UNGP), जिन्हें 2011 में संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार समिति ने स्वीकृति दी है, प्राइवेट बिज़नेस की मानवाधिकार से जुड़ी ज़िम्मेदारियों का स्वैच्छिक ढाँचा तैयार करते हैं. 2021 में Meta ने मानवाधिकारों से जुड़ी अपनी कॉर्पोरेट पॉलिसी की घोषणा की, जिसमें उसने UNGP के अनुसार मानवाधिकारों का ध्यान रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
इस केस में बोर्ड ने Meta की मानवाधिकार से जुड़ी ज़िम्मेदारियों का विश्लेषण इन अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड को ध्यान में रखते हुए किया:
- विचार और अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार: अनुच्छेद 19 और 20, नागरिक और राजनैतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिज्ञापत्र ( ICCPR), सामान्य टिप्पणी सं. 34, मानवाधिकार समिति, 2011; विचार और अभिव्यक्ति की आज़ादी के बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ का ख़ास रैपर्टर, रिपोर्ट: A/HRC/38/35 (2018), A/74/486 (2019); मीडिया की आज़ादी और लोकतंत्र पर संयुक्त घोषणा, अभिव्यक्ति की आज़ादी पर संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय आदेशपत्र (2023).
- सार्वजनिक मामलों में भागीदारी और वोट के अधिकार: अनुच्छेद 25, ICCPR.
- समानता और भेदभाव न होने देने के अधिकार: अनुच्छेद 2 और 26, ICCPR.
- सम्मान और प्रतिष्ठा पर गैर-कानूनी हमले के खिलाफ़ कानूनी रक्षा का अधिकार: अनुच्छेद 17, ICCPR.
5. यूज़र सबमिशन
सभी मीडिया आउटलेट ने बोर्ड को कंटेंट हटाने के Meta के फ़ैसलों के खिलाफ़ अलग-अलग अपील की. बोर्ड को की गई अपनी अपील में, Bolu Gündem ने यह बताया कि उसने एक न्यूज़ एजेंसी को वीडियो के लिए पेमेंट किया है और अन्य समाचार संगठनों ने भी Facebook पर वह वीडियो शेयर किया है जिसे हटाया नहीं गया है. BirGün Gazetesi ने इस बात पर ज़ोर दिया कि लोगों को जानकारी पाने का अधिकार है, जबकि Komedya Haber की अपील में इस बात का विरोध किया गया कि कंटेंट में नफ़रत फैलाने वाली भाषा है.
6. Meta के सबमिशन
Meta ने अपने नफ़रत फैलाने वाली भाषा के कम्युनिटी स्टैंडर्ड के तहत सभी तीनों पोस्ट को हटा दिया क्योंकि सभी वीडियो को पोस्ट किए जाने से लेकर उन्हें बहाल किए जाने तक “İngiliz uşağı” वाक्यांश Meta की तुर्की बाज़ार की लिस्ट में एक चिह्नित गाली था जिसका मतलब है “ब्रिटिश लोगों का नौकर.”
तीनों पोस्ट को हटाए जाने के समय, कम्युनिटी स्टैंडर्ड और लोगों को दिखाई देने वाली पॉलिसी में गालियों को “ऐसे शब्दों के रूप में परिभाषित किया गया था जो अपने आप में ही आपत्तिजनक होते हैं और जिनका उपयोग राष्ट्रीय मूल सहित सुरक्षित विशिष्टताओं के आधार पर अपमानजनक नामों की तरह किया जाता है. Meta ने बोर्ड से शेयर किया कि एक आंतरिक पॉलिसी फ़ोरम के बाद, उसने गालियों का वर्णन करने के अपने आधार के रूप में “अपने आप में आपत्तिजनक” शब्द की अवधारणा को छोड़ने और “रिसर्च आधारित परिभाषा को अपनाने का फ़ैसला किया जिसमें शब्द के सुरक्षित विशिष्टता वाले समूहों के प्रति ऐतिहासिक भेदभाव, उत्पीड़न और हिंसा से संबंध पर ध्यान दिया जाता है.” Meta ने बोर्ड से शेयर किया कि उसकी परिभाषा में बदलाव से रिव्यूअर्स के लिए इस मार्गदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ा कि पॉलिसी को कैसे लागू करना है. एकमात्र बदलाव जिसका असर इन केसों के परिणाम पर हुआ होगा, वह “İngiliz uşağı” शब्द को गालियों की लिस्ट से हटाना था.
Meta ने बताया कि उसकी पॉलिसी “उस समय लोगों को नफ़रत फैलाने वाली भाषा और गालियों को शेयर करने की परमिशन देती हैं जब उन्हें आलोचना करने के लिए, जागरूकता फैलाने के लिए, खुद के संबंध में या सशक्तिकरण के लिए उपयोग किया गया हो. हालाँकि, यूज़र का इरादा स्पष्ट होना चाहिए. जागरूकता लाने वाली रिपोर्टिंग की योग्यता पाने के लिए, यह दोहराना पर्याप्त नहीं है कि किसी अन्य व्यक्ति ने नफ़रत फैलाने वाली भाषा या गाली का उपयोग किया. इसके बजाय, हमें [Meta] विशेष अतिरिक्त संदर्भ की ज़रूरत होती है.” बोर्ड के सवालों के जवाब में, Meta ने यह स्पष्ट किया कि वह “रिपोर्टिंग” के संदर्भ में गालियों को सिर्फ़ तभी परमिशन देता है जब उन्हें “विशेष अतिरिक्त संदर्भ” के साथ गाली के उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए शेयर किया जाए और यह कि “इसके लिए तटस्थ कैप्शन पर्याप्त नहीं होगा.” Meta ने बताया कि उसने इन पोस्ट पर यह अपवाद लागू नहीं किया क्योंकि वीडियो में जागरूकता फैलाने या आलोचना करने का संदर्भ नहीं दिया गया था.
बोर्ड के सवालों के अपने जवाब में, Meta ने कहा कि इन केसों में ख़बरों में रहने लायक होने की उसकी छूट का उपयोग करना ज़रूरी नहीं था क्योंकि कंटेंट में उल्लंघन करने वाली गाली नहीं थी. हालाँकि, मूल रूप से इन्हें हटाए जाते समय, Meta ने वाक्यांश को एक गाली माना था. उस परिदृश्य के लिए, Meta ने जोड़ा कि उसने देखा होगा कि चुनाव के संदर्भ में कंटेंट की जनहित वैल्यू, नुकसान के जोखिम से ज़्यादा है, इसलिए उसने कंटेंट को रीस्टोर कर दिया होगा. ख़बरों में रहने लायक होने के बोर्ड के आकलन के लिए, सेक्शन 8.1 देखें.
नवंबर 2022 में, Meta के स्टाफ़ ने तुर्किए (तुर्की) में मई 2023 में होने वाले राष्ट्रपति और संसद चुनावों के लिए कंपनी की तैयारी के भाग के रूप में तुर्की गालियों की लिस्ट को अपडेट करने की ज़रूरत पहचानी. देश के बाज़ार की गालियों की लिस्ट का वार्षिक ऑडिट जनवरी 2023 में शुरू हुआ और कंपनी की क्षेत्रीय टीम ने मार्च 2023 के मध्य में प्रस्तावित बदलाव सबमिट किए. अपने ऑडिट में, Meta ने फ़ैसला किया कि “İngiliz uşağı” वाक्यांश को एक गाली नहीं समझा जा सकता और उसे हटा दिया. यह बदलाव कंटेंट को सभी तीन केसों में रीस्टोर करने दो सप्ताह बाद 12 अप्रैल, 2023 से प्रभावी हुआ. उसी समय, Meta ने गालियों की अपनी लिस्ट से ऐसे अन्य शब्दों को भी हटा दिया जिसमें “uşak” (नौकर) शब्द का उपयोग विशिष्ट राष्ट्रीयता के साथ मिलाकर किया जाता था. बोर्ड के सवालों के जवाब में Meta ने कहा कि उसके पास ऐसा कोई डॉक्यूमेंट नहीं है जिससे यह पता चले कि कब और क्यों इस शब्द को मूल रूप से गालियों में शामिल कर लिया गया था, लेकिन उसने अब यह समझ लिया है कि यह सुरक्षित विशिष्टताओं के आधार पर लोगों पर हमला नहीं करता. कंपनी ने यह भी कहा कि “İngiliz uşağı” उस समय भी तुर्की बाज़ार की गालियों की लिस्ट में मौजूद था जब इस केस की तीनों पोस्ट का रिव्यू किया गया था और इसलिए मॉडरेटर्स ने आंतरिक मार्गदर्शन के आधार पर कार्रवाई करके कंटेंट को हटा दिया.
Meta हर वर्ष जनवरी में क्षेत्रीय बाज़ार टीमों के नेतृत्व वाली एक प्रोसेस के ज़रिए गालियों की अपनी लिस्ट का ऑडिट करवाता है “जिसका लक्ष्य यह होता है कि अगर कोई गाली लिस्ट में नहीं होनी चाहिए, तो उसे हटा दिया जाए.” Meta ने एक नई ऑडिट प्रक्रिया का उपयोग किया जिसका ट्रायल तुर्की बाज़ार की गालियों की लिस्ट के 2023 के ऑडिट में किया गया था. नई प्रोसेस में दो चरण शामिल हैं: पहला, शब्द का इतिहास और उपयोग निर्धारित करने के लिए गुणात्मक विश्लेषण; और दूसरा, ऐसे मुख्य डेटा सवालों के निर्धारण के लिए मात्रात्मक विश्लेषण कि सैंपल का कितना भाग पॉलिसी से छूट के तहत आता है. Meta ने बताया कि “İngiliz uşağı” शब्द “गालियों” की उसकी परिभाषा (चरण एक) की पूर्ति नहीं करता, इसलिए उसके उपयोग के मात्रात्मक विश्लेषण (चरण दो) की ज़रूरत के बिना उसे लिस्ट से हटा दिया गया.
बोर्ड ने Meta से 23 लिखित सवाल पूछे. सवालों में गाली के निर्धारण की शर्त और प्रोसेस संबंधी समस्याओं; गालियों के बारे में आंतरिक मार्गदर्शन और पॉलिसी अपवादों के उपयोग; तीन पोस्ट के रिव्यू में गलतियों को रोकने के सिस्टम के अलग-अलग काम करने के तरीके और कंटेंट से जुड़े हर फ़ैसले के परिणामस्वरूप अकाउंट लेवल के एन्फ़ोर्समेंट के मूल्यांकन से संबंधित मुद्दों की बात की गई थी. 23 सवालों में से 22 का पूरी तरह और एक का आंशिक रूप से जवाब दिया गया. आंशिक जवाब इस बारे में दिया गया था कि “İngiliz uşağı” वाक्यांश कब और क्यों गालियों में शामिल हुआ जिसमें कंपनी ने कहा कि उसके पास इसके डॉक्यूमेंट नहीं हैं. Meta ने बोर्ड को इस बारे में मौखिक जानकारी भी दी कि गालियों की उसकी परिभाषा और उन्हें चिह्नित करने की प्रोसेस में बदलाव हुआ है.
7. पब्लिक कमेंट
ओवरसाइट बोर्ड को लोगों की ओर से इन तीन केस के लिए प्रासंगिक 11 कमेंट मिले. एक कमेंट मध्य और दक्षिणी एशिया से; नौ यूरोप से; और एक अमेरिका और कनाडा क्षेत्र से सबमिट किए गए थे. सबमिशन में इन विषयों पर बात की गई थी: गालियों के मॉडरेशन के लिए संदर्भात्मक दृष्टिकोण का महत्व; कंटेंट को हटाए जाने पर यूज़र को उचित नोटिस; न्यूज़ आउटलेट के कंटेंट को गलत तरीके से हटाए जाने के प्रभाव; कंटेंट को ख़बरों में रहने लायक होने की छूट देने की प्रासंगिकता; और गालियों के उदाहरणों की लोगों की लिस्ट माँगना.
इस केस को लेकर लोगों की ओर से सबमिट किए गए कमेंट देखने के लिए कृपया यहाँ क्लिक करें.
8. ओवरसाइट बोर्ड का विश्लेषण
बोर्ड ने Meta की पॉलिसी, मानवाधिकार संबंधी ज़िम्मेदारियों और वैल्यू का विश्लेषण करके यह परीक्षण किया कि इन तीन केसों में Meta के मूल फ़ैसलों को कायम रखा जाए या पलटा जाए. इन फ़ैसलों पर साथ में विचार करने से बोर्ड को कंटेंट गवर्नेंस को लेकर Meta के व्यापक दृष्टिकोण के लिए उनके निहितार्थों के आकलन का बड़ा अवसर भी मिलता है.
8.1 Meta की कंटेंट पॉलिसी का अनुपालन
I. कंटेंट नियम
नफ़रत फैलाने वाली भाषा
बोर्ड ने पाया कि इन तीनों केसों में “İngiliz uşağı” शब्द, Meta के कम्युनिटी स्टैंडर्ड के तहत नफ़रत फैलाने वाली भाषा नहीं है. चाहे 25 मई, 2023 को पॉलिसी में हुए बदलावों के पहले के संदर्भ में विचार किया जाए या बाद के, “İngiliz uşağı” शब्द सुरक्षित विशिष्टता के आधार पर लोगों पर हमला नहीं करता है. सभी तीनों केसों में इस शब्द वाले कंटेंट को हटाना, नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी बनाने के कारण के अनुसार नहीं है, क्योंकि वह सुरक्षित विशिष्टता के आधार पर लोगों पर हमला नहीं करता है.
“İngiliz uşağı” शब्द को तुर्किए (तुर्की) में राजनैतिक आलोचना के लिए लंबे समय से उपयोग किया जाता रहा है. बोर्ड ने जिन विशेषज्ञों से परामर्श किया, उनके अनुसार यह शब्द आधुनिक तुर्किए (तुर्की) की स्थापना के पहले से मौजूद है. तब इस शब्द का उपयोग ब्रिटेन के हितों की रक्षा करने के लिए ओट्टोमैन एंपायर के नेताओं की आलोचना के लिए किया जाता था और यह शब्द भेदभावपूर्ण नहीं है. इन तीनों केसों में दिखाई दे रहा विरोध, आपस में प्रतिस्पर्धा कर रही दो राजनैतिक पार्टियों के बीच था. सांसद रेहानलियोग्लू की पार्टी AKP को भूकंप के बाद उचित बंदोबस्त न कर पाने और ऐसी कंस्ट्रक्शन कंपनियों को माफ़ी देने के विधेयक के कारण लोगों की आलोचना और गुस्से का सामना करना पड़ा है जिन्होंने भूकंप सुरक्षा संहिताओं में विफल रहने वाली इमारतें खड़ी कीं. उन्होंने मेयर इमामोग्लू के लिए गाली का उपयोग किया, जो देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी CHP के एक बड़े नेता हैं. चुनावी विषय के रूप में भूकंप के महत्व सहित, AKP और CHP के बीच चुनाव तक चला तनाव, मेयर इमामोग्लू और CHP के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार केमाल किलिक्डारोग्लू की कहरामानमारस के दौरे के समय सार्वजनिक रूप से बाहर आया. इसलिए तीनों केस का कंटेंट, चुनावी संदर्भ में महत्वपूर्ण जनहित का राजनैतिक बयान है.
जैसा कि Meta ने बताया है, “जागरूकता लाने वाली रिपोर्टिंग की योग्यता पाने के लिए, यह दोहराना पर्याप्त नहीं है कि किसी अन्य व्यक्ति ने नफ़रत फैलाने वाली भाषा या गाली का उपयोग किया. दूसरे शब्दों में, एक तटस्थ कैप्शन पर्याप्त नहीं है.” अगर कंटेंट में कोई गाली शामिल होती, तो इनमें से कोई भी मीडिया संगठन नफ़रत फैलाने वाली भाषा की “चर्चा” या “रिपोर्टिंग” करने के लिए योग्य नहीं होता क्योंकि कंटेंट को सभी तीन केसों में एक तटस्थ कैप्शन के साथ शेयर किया गया था. बोर्ड की दृष्टि में, भले ही इस गाली को लिस्ट में रखा जाना सही होता, फिर भी सभी तीन केसों में कंटेंट की “रिपोर्टिंग” के रूप में रक्षा की जानी चाहिए थी. चूँकि आंतरिक मार्गदर्शन अभी तैयार किया जा रहा है, अगर कंटेंट में कोई गाली शामिल होती, तो इनमें से कोई भी मीडिया संगठन नफ़रत फैलाने वाली भाषा की “चर्चा” या “रिपोर्टिंग” करने के लिए योग्य नहीं होता क्योंकि कंटेंट को सभी तीन केसों में एक तटस्थ कैप्शन के साथ शेयर किया गया था. बोर्ड की दृष्टि में, भले ही इस गाली को लिस्ट में रखा जाना सही होता, फिर भी सभी तीन केसों में कंटेंट की “रिपोर्टिंग” के रूप में रक्षा की जानी चाहिए थी.
बोर्ड ने पाया कि “İngiliz uşağı” शब्द को गालियों की Meta की गोपनीय लिस्ट में जोड़ा नहीं जाना चाहिए था क्योंकि वह नफ़रत फैलाने वाली भाषा का कोई रूप नहीं है. अन्य संदर्भों में, “विदेशी एजेंट” होने के आरोपों से व्यक्तियों की सुरक्षा को वास्तविक खतरा हो सकता है, लेकिन इसका समाधान अन्य पॉलिसी के तहत किया जा सकता है (जैसे कि हिंसा और उकसावे की पॉलिसी के तहत). उन स्थितियों में भी, Meta को किसी प्रभावशाली पद वाले स्पीकर से होने वाले खतरों को उन खतरों की मीडिया रिपोर्टिंग से अलग रखना चाहिए. इन केसों के तथ्यों और उस समय मौजूद आंतरिक मार्गदर्शन को देखते हुए, कंटेंट का शुरुआती रिव्यू करने वाले मॉडरेटर्स ने Meta की गालियों की लिस्ट में मौजूद शब्दों वाले कंटेंट को हटाने के मार्गदर्शन के अनुसार सही काम किया. उस समय उस लिस्ट में “İngiliz uşağı” शब्द शामिल था. इन केसों में गलतियों का कारण, पॉलिसी संबंधी वह फ़ैसला था जिसमें शब्द को गालियों की लिस्ट में जोड़ा गया था. साथ ही वह अपर्याप्त और गोपनीय मार्गदर्शन भी था कि रिव्यूअर्स को किस तरह गाली के उपयोग की “रिपोर्टिंग” करने वाली पोस्ट पर “जागरूकता फैलाने” का अपवाद लागू करना चाहिए.
ख़बरों में रहने लायक होने की छूट
बोर्ड ने इस बारे में चिंता जताई कि जिस समय Meta की आंतरिक पॉलिसी में “İngiliz uşağı” को उल्लंघन करने वाली एक गाली के रूप में कैटेगराइज़ किया गया था, तब तीनों पोस्ट को ख़बरों में रहने लायक होने की छूट देने के आकलन के लिए Meta की कोर पॉलिसी टीम (कंपनी में पहले इसे “कंटेंट पॉलिसी टीम” कहा जाता था”) को एस्केलेट नहीं किया गया.
तुर्की के अभिव्यक्ति की आज़ादी से जुड़े संगठन İfade Özgürlüğü Derneği (İFÖD) ने अपने पब्लिक कमेंट में यह तर्क दिया कि अपनी जनहित वैल्यू के कारण, इन तीनों केस में शामिल कंटेंट को ख़बरों में रहने लायक होनी की छूट दी जानी चाहिए थी. अगर कंटेंट में ऐसी गाली होगी जिसे Meta की नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी के अनुसार सही तरीके से चिह्नित किया गया होगा, तो बोर्ड इससे सहमत होगा. तीनों पोस्ट में एक (पूर्व) राजनेता के बयान की रिपोर्टिंग की गई है जिसमें एक वर्तमान राजनेता को इस तरह टार्गेट किया गया है जो आलोचना की ऐसी सीमाओं (भले ही आपत्तिजनक हो) के भीतर है जिसे राजनेताओं को सहन करना चाहिए और इसमें अपमानजनक विशेषण भी शामिल हैं. आकलन अलग हो सकता है, जैसे कि, क्या शब्द का उपयोग उसके भेदभावपूर्ण गाली होने के विशेष संदर्भ में किया गया है. वीडियो, राजनैतिक और सामाजिक रूप से ऐसे महत्वपूर्ण समय पर सामने आया जब तुर्किए (तुर्की) में विनाशकारी भूकंप के कई झटके आए थे. भूकंप के साथ-साथ सरकार की प्रतिक्रिया और उनकी तैयारी से जुड़ी चर्चाएँ, मई 2023 के चुनावों से पहले के कैंपेन में राष्ट्रपति एर्डोगन और CHP के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार केमाल किलिक्डारोग्लू के लिए महत्वपूर्ण विषय थे. भूकंप के बाद, तुर्की की सरकार ने भूकंप पर प्रतिक्रिया के बारे में सरकार की आलोचना को फैलने से रोकने के लिए कुछ समय के लिए Twitter और अन्य सोशल मीडिया साइटों को भी बंद कर दिया था. यह फ़ुटेज जनहित का था और इसे हटाने से नुकसान के जोखिम में कोई कमी नहीं होती, इसलिए Meta को जनहित की रिपोर्टिंग के लिए इस शब्द के उपयोग की परमिशन देनी चाहिए थी, भले ही वह वास्तव में एक गाली होता. बोर्ड ने पहले इस बात पर ज़ोर दिया था कि Meta उस समय भेदभावपूर्ण गालियों वाले कंटेंट को बनाए रखे जब कंटेंट, देश के इतिहास के किसी महत्वपूर्ण पल से अन्यथा संबंधित हो (कोलंबिया के विरोध प्रदर्शन केस देखें).
II. एन्फ़ोर्समेंट और गलतियों को रोकने के सिस्टेमिक चैलेंज
गालियों की लिस्ट का निर्धारण और ऑडिट प्रोसेस
अपर्याप्त डॉक्यूमेंट के कारण Meta, बोर्ड को यह जानकारी नहीं दे पाया कि “İngiliz uşağı” शब्द मूल रूप से कब और क्यों गालियों की लिस्ट में शामिल हुआ. वह गालियों के निर्धारण और ऑडिट की अपनी नई प्रोसेस के ज़रिए इस चिंता का समाधान कर रहा है.
पिछली ऑडिट प्रोसेस के तहत, पॉलिसी और ऑपरेशन विशेषज्ञों के सपोर्ट के साथ कंपनी की क्षेत्रीय टीमें, भाषा और संबंधित क्षेत्र की संस्कृति या गालियों की लिस्ट के लिए इच्छित बाज़ार का गुणात्मक और मात्रात्मक विश्लेषण करती थीं. इस प्रोसेस में शब्द के संबंधित अर्थों, Meta के प्लेटफ़ॉर्म पर उसकी व्यापकता और उसके स्थानीय और बोलचाल संबंधी उपयोगों का रिव्यू शामिल था. इस प्रोसेस में Meta के लिए उस शब्द वाले कम से कम 50 अलग-अलग कंटेंट को कलेक्ट करके उनका आकलन करना ज़रूरी था. हालाँकि, Meta ने अपने हाल ही के पॉलिसी फ़ोरम में नोट किया कि गालियों को चिह्नित करने की उसकी पुरानी प्रोसेस में कई समस्याएँ थीं, जिनमें उनके आपत्तिजनक होने की इंडेक्सिंग, डॉक्यूमेंट की कमी और व्यक्तिपरक मापदंड शामिल हैं; और जैसा कि Meta बोर्ड को बताया, हटाने की शर्त तय न होने या उसकी तुलना न होने के कारण इसका “असमान रूप से उपयोग” हुआ.
जब Meta ने 2023 में तुर्की के बाज़ार के लिए गालियों को चिह्नित करने की अपनी नई प्रोसेस का ट्रायल शुरू किया, तो “İngiliz uşağı” को गालियों की लिस्ट से हटा दिया गया. संयोग से, जिस समय बोर्ड ने इन तीन केसों का चयन किया, उसे समय ऑडिट चल रहा था. वह शब्द Meta की गालियों की लिस्ट में कम से कम 2021 से था. Meta के अनुसार, नई प्रोसेस में किसी गाली को लिस्ट से हटाने के लिए शब्द के वैकल्पिक अर्थों और उपयोगों को बेहतर तरीके से दर्शाया गया है. इस प्रोसेस में समय के साथ शब्दों के बदलते अर्थों पर बेहतर विचार करने पर फ़ोकस किया गया है.
गवर्नेंस से जुड़े ये बदलाव सामान्य तौर पर सकारात्मक हैं और अगर उन्हें प्रभावी रूप से लागू किया जाए, तो वह गालियों की पॉलिसी के ज़रूरत से ज़्यादा एन्फ़ोर्समेंट को कम किया जा सकता है. हालाँकि, नई प्रोसेस तब एन्हांस होगी जब वह ख़ास तौर पर उन शब्दों को पहचानने के लिए लक्षित हो जिन्हें गलती से गालियों की लिस्ट में जोड़ दिया गया हो. Meta को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वह ट्रांसपेरेंसी सेंटर में गालियों को चिह्नित करने और उन्हें ऑडिट करने की अपनी व्याख्या को अपडेट करके और उसे ज़्यादा व्यापक बनाकर उसे गालियों की नई परिभाषा और गालियों की लिस्ट के ऑडिट के बारे में अपने संशोधित दृष्टिकोण के अनुरूप बनाता है.
गलतियों को रोकने के उपाय और एस्केलेशन से जुड़े चैलेंज
इन तीनों केसों का रिव्यू एक साथ में करने से बोर्ड को यह आकलन करने का अवसर मिला कि गलतियों को रोकने के Meta के अलग-अलग सिस्टम्स ने एक जैसे कंटेंट पर किस तरह प्रतिक्रिया दी. साथ ही उस व्यापक सुनियोजित चैलेंज पर भी फिर से विचार करने का अवसर मिला जो उसने पुराने फ़ैसलों में नोट किया था. बोर्ड इस बात से चिंतित है कि भले ही हर पोस्ट के रिव्यू में गलतियों को रोकने के अलग-अलग सिस्टम्स का उपयोग किया गया था, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने मीडिया संगठन या उनकी ऑडियंस के फ़ायदों के लिए एकरूपता से काम नहीं किया. इसके अलावा, इन उपायों में ऐसी कोई सुविधा नहीं थी जिसके ज़रिए तीनों पोस्ट में से किसी भी पोस्ट को अतिरिक्त संदर्भात्मक रिव्यू के लिए एस्केलेट कर पाते. ऐसे एस्केलेशन से या तो कंटेंट को बनाए रखा जाता (जैसे ख़बरों में रहने लायक होने के कारण) और/या इस शब्द के गालियों में जुड़ने की गलती जल्दी और मानवीय ऑडिट से पहले पकड़ ली जाती.
क्रॉस-चेक का उपयोग सभी तीनों केसों में किया गया था, लेकिन हर पोस्ट के फ़ैसले में उसने अलग-अलग तरीके से काम किया. अर्ली रिस्पॉन्स सेकेंडरी रिव्यू (ERSR) के उद्देश्य के लिए, सिर्फ़ Bolu Gündem को एक मीडिया संगठन के रूप में लिस्ट किया गया था, जबकि BirGün Gazetesi और Komedya Haber को यह दर्जा प्राप्त नहीं था. ERSR, क्रॉस-चेक का एक एंटिटी आधारित रूप है जिसके अनुसार अगर लिस्ट की गई एंटिटी की किसी भी पोस्ट को हटाने के लिए चिह्नित किया जाता है, तो उसका एक अतिरिक्त रिव्यू किया जाता है (क्रॉस-चेक एडवाइज़री टीम की राय, पैरा. 27-28). इन केसों में शामिल तीन मीडिया संगठनों में से सिर्फ़ Bolu Gündem के पास पार्टनर मैनेजर उपलब्ध था. Meta के अनुसार, ERSR की योग्यता पाने के लिए, मीडिया संगठन के पास “पार्टनर मैनेजर” होना ज़रूरी है. Meta के अनुसार, पार्टनर मैनेजर “बाहरी संगठनों और Meta के प्लेटफ़ॉर्म और सेवाओं का उपयोग करने वाले लोगों के बीच एक लिंक का काम करते हैं” और वे अकाउंट होल्डर की “मौजूदगी ऑप्टिमाइज़ करने और Meta के प्लेटफ़ॉर्म और सेवाओं से उन्हें प्राप्त होने वाली वैल्यू को अधिकतम करने” में उनकी मदद करते हैं. बोर्ड ने नोट किया कि BirGün Gazetesi और Komedya Haber की पोस्ट का जनरल सेकेंडरी रिव्यू (GSR) के तहत क्रॉस-चेक रिव्यू किया गया. यह रिव्यू “क्रॉस-चेक रैंकर” के आधार पर कंटेंट को प्राथमिकता देता है. इसके बावजूद, बोर्ड इस बात से चिंतित है कि स्थानीय या छोटी मीडिया एंटिटी को ERSR के रूप में लिस्ट की गई एंटिटी में व्यवस्थित रूप से शामिल नहीं किया गया है क्योंकि उनके पास पार्टनर मैनेजर नहीं है. इससे उन चिंताओं को बल मिलता है जो बोर्ड ने प्रोग्राम की पारदर्शिता में कमी और ERSR में शामिल होने की निष्पक्ष शर्त की कमी के संबंध में अपनी पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय में जताई थीं. जनहित की पत्रकारिता में शामिल एंटिटी के पास ऐसी स्पष्ट जानकारी की एक्सेस होना ज़रूरी है कि उनके अकाउंट किस तरह क्रॉस-चेक सुरक्षा का फ़ायदा ले सकते हैं; अगर शामिल होने के लिए किसी पार्टनर मैनेजर का होना ज़रूरी है, तो इस बात के स्पष्ट निर्देश दिए जाने चाहिए कि पार्टनर मैनेजर के लिए आवेदन किस तरह किया जा सकता है. इसके अलावा, बोर्ड इस बात से चिंतित है कि इस तथ्य के बावजूद कि तीनों पोस्ट का रिव्यू क्रॉस-चेक के तहत किया गया था, लेकिन फिर भी इस बात का गहराई पर गहराई से विचार नहीं किया गया कि क्या पॉलिसी संबंधी अपवाद लागू किया जाना चाहिए था और/या ख़बरों में रहने लायक होने की छूट संबंधी आकलन के लिए उन्हें एस्केलेट किया जाना चाहिए.
इसके अलावा, जब तीनों पोस्ट को शुरुआती मॉडरेटर रिव्यू के लिए भेजा गया, तब डायनेमिक मल्टी-रिव्यू (DMR) को भी लागू रिव्यू कतार के लिए “चालू” किया गया था. DMR के उद्देश्य के लिए, ऑटोमेशन ने पोस्ट को हटाने से पहले सभी तीनों पोस्ट की एक से ज़्यादा मॉडरेटर रिव्यू के लिए पहचान की. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि ह्यूमन रिव्यू की सटीकता सुनिश्चित की जा सके और वायरल होने और देखे जाने की संख्या जैसे कई कारणों के आधार पर गलत फ़ैसलों के जोखिम को कम किया जा सके. तीनों मिलती-जुलती पोस्ट के कुल आठ रिव्यू, जिन सभी के पहले अतिरिक्त क्रॉस-चेक रिव्यू हुए थे, में से सिर्फ़ दो रिव्यूअर्स (हर पोस्ट के लिए एक) ने पाया कि उन पोस्ट ने नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी का उल्लंघन नहीं किया है. बोर्ड इस बात से चिंतित है कि जब ऑटोमेशन में एन्फ़ोर्समेंट की गलती का अधिक जोखिम पाया जाता है, तब रिव्यूअर्स को उसकी सूचना नहीं दी जाती, जबकि इससे उन्हें कंटेंट का बारीकी से परीक्षण करने की प्रेरणा मिल सकती है. तब वे या तो पॉलिसी के लागू होने वाले संभावित अपवादों कर विचार कर सकते हैं और/या कंटेंट को गहन संदर्भात्मक विश्लेषण के लिए एस्केलेट कर सकते हैं.
गलतियों को रोकने के Meta के मौजूदा उपाय, DMR और क्रॉस-चेक दोनों में, लगभग पूरी तरह यह सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए दिखाई देते हैं कि मॉडरेटर्स, पॉलिसी को आंतरिक मार्गदर्शन के अनुसार लागू करें. ऐसा लगता है कि उनमें रिव्यूअर्स के लिए यह पहचानने का अतिरिक्त तरीका नहीं है कि Meta के आंतरिक मार्गदर्शन के कारण कब वे गलत फ़ैसले ले रहे हैं, क्योंकि खुद पॉलिसी ही गलत है (जैसा कि Meta ने बाद में स्वीकार किया कि तीनों केसों में शुरुआती फ़ैसलों में यही हुआ था). भले ही ऑटोमेशन ने सही पहचान की थी कि तीनों केसों में पोस्ट को फ़ाल्स-पॉज़िटिव एन्फ़ोर्समेंट का जोखिम है, लेकिन मॉडरेटर्स द्वारा किए गए अतिरिक्त रिव्यू में ख़बरों में रहने लायक होने की छूट देने के लिए एस्केलेशन नहीं किया गया. शुरुआती रिव्यू के दौरान फ़ॉल्स पॉज़िटिव के चैलेंज को देखते हुए, जनहित की चर्चाओं से संबंधित कंटेंट, ख़ास तौर पर चुनाव के संदर्भ में, के लिए एस्केलेशन ज़्यादा व्यवस्थित और बार-बार होना चाहिए. इन केसों में Meta ने बड़ी संख्या में रिसोर्स का उपयोग करके गलतियों को रोकने के सिस्टमों का उपयोग किया, लेकिन फिर भी तीनों केसों में उसके फ़ैसले गलत हुए, इससे पता चलता है कि उन्हें अतिरिक्त रिव्यू की ज़रूरत थी. Meta ने पहले मिलती-जुलती उन चिंताओं को ख़ारिज कर दिया था जो बोर्ड ने “ कोलंबिया के विरोध प्रदर्शन” फ़ैसले (“कोलंबिया के विरोध प्रदर्शन” केस में सुझाव सं. 3 पर Meta का जवाब देखें) ख़बरों में रहने लायक होने की छूट देने के लिए एस्केलेशन के बारे में जताई थीं, क्योंकि Meta का मानना था कि वह इस बारे में पहले से ही पर्याप्त काम कर रहा है. बोर्ड ने पाया कि ये तीन केस बताते हैं कि इस समस्या का फिर से परीक्षण करने की ज़रूरत है.
8.2 Meta की मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों का अनुपालन
बोर्ड ने पाया कि तीनों केसों में कंटेंट को हटाने का Meta का फ़ैसला, Meta की मानवाधिकार की ज़िम्मेदारियों के अनुसार नहीं था.
अभिव्यक्ति की आज़ादी (अनुच्छेद 19 ICCPR)
ICCPR का अनुच्छेद 19, अभिव्यक्ति के लिए व्यापक सुरक्षा देता है, जिसमें “सभी प्रकार की जानकारी और आइडिया माँगने, पाने और देने की आज़ादी” शामिल है. सुरक्षा के दायरे में वह अभिव्यक्ति शामिल है जिसे “घोर आपत्तिजनक माना जा सकता है” ( सामान्य कमेंट 34, पैरा. 11). अभिव्यक्ति की आज़ादी की सुरक्षा उस समय भी “ख़ास तौर पर उच्च" होती है जब लोगों की चर्चा “सार्वजनिक और राजनैतिक क्षेत्र की हस्तियों” से संबंधित होती है ( सामान्य कमेंट 34, पैरा. 34). पूरे डिजिटल इकोसिस्टम में जानकारी की रिपोर्टिंग में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है. मानवाधिकार समिति ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि “मुक्त, अपरिवर्तित और बेरोकटोक प्रेस या अन्य मीडिया ज़रूरी है” जहाँ प्रेस या अन्य मीडिया “सार्वजनिक समस्याओं पर बिना सेंसर किए या बिना बाधित किए कमेंट कर पाए और लोगों की राय बता पाए” ( सामान्य कमेंट 34, पैरा. 13).
इन तीनों केसों में जिस समस्या पर सवाल उठाया गया, उसे “विशेष रूप से उच्च” सुरक्षा दी जानी चाहिए थी क्योंकि यह राजनैतिक विवाद ऐसे समय हुआ था जब भूकंप पर सरकार की प्रतिक्रिया पर बड़ी राजनीतिक बहस चल रही थी जो तुर्किए (तुर्की) के राष्ट्रपति और संसद के चुनाव तक जारी रही. लोगों का गुस्सा और आलोचना तब दिखाई दी जब राष्ट्रपति एर्डोगन और CHP के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार केमाल किलिक्डारोग्लू, मई 2023 के राष्ट्रपति और संसद के चुनावों से कुछ महीनों पहले कैंपने कर रहे थे. मीडिया की आज़ादी और लोकतंत्र पर संयुक्त घोषणा में संयुक्त राष्ट्र और अभिव्यक्ति की आज़ादी के क्षेत्रीय अधिदेश धारकों ने सलाह दी कि “बड़े ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म को लोकतांत्रिक संवाद को सुगम बनाने के लिए अपने प्लेटफ़ॉर्म पर अच्छे स्वतंत्र मीडिया और जनहित के कंटेंट को विशेषाधिकार देना चाहिए” और “अगर उन्होंने अच्छे स्वंतत्र मीडिया के और जनहित के कंटेंट को गलती से हटा दिया है, तो उसका तुरंत और पर्याप्त निराकरण करे जिसमें शीघ्र ह्यूमन रिव्यू करके ऐसा करना शामिल है” (सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के लिए सुझाव, पेज 8).
जहाँ राज्य, अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध लगाता है, वहाँ प्रतिबंधों को वैधानिकता, वैधानिक लक्ष्य और आवश्यकता तथा आनुपातिकता की शर्तों को पूरा करना चाहिए (अनुच्छेद 19, पैरा. 3, ICCPR). इन आवश्यकताओं को अक्सर “तीन भागों वाला परीक्षण” कहा जाता है. Meta की स्वैच्छिक मानवाधिकार प्रतिबद्धताओं को समझने के लिए बोर्ड इस फ़्रेमवर्क का उपयोग करता है - रिव्यू में मौजूद कंटेंट से जुड़े व्यक्तिगत फ़ैसले के लिए और यह जानने के लिए कि कंटेंट गवर्नेंस के प्रति Meta के व्यापक नज़रिए के बारे में यह क्या कहता है. जैसा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी के बारे में संयुक्त राष्ट्र के खास रैपर्टर में कहा गया है कि भले ही “कंपनियों का सरकारों के प्रति दायित्व नहीं है, लेकिन उनका प्रभाव इस तरह का है जो उनके लिए अपने यूज़र की सुरक्षा के बारे में इस तरह के सवालों का मूल्यांकन करना ज़रूरी बनाता है” (A/74/486, पैरा. 41).
I. वैधानिकता (नियमों की स्पष्टता और सुलभता)
वैधानिकता के सिद्धांत के अनुसार अभिव्यक्ति पर रोक लगाने वाले नियम स्पष्ट और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होने चाहिए (सामान्य कमेंट सं. 34, पैरा. 25). मानवाधिकार समिति ने आगे कहा है कि नियम "उनका कार्यान्वयन करने वाले लोगों को अभिव्यक्ति की आज़ादी पर प्रतिबंध लगाने के निरंकुश निर्णय नहीं लेने दे सकते" (पूर्वोक्त). ऑनलाइन अभिव्यक्ति के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र के ख़ास रैपर्टर में कहा गया है कि नियमों का स्पष्ट और विशिष्ट होना ज़रूरी है (A/HRC/38/35, पैरा. 46).
गालियों पर Meta का नफ़रत फैलाने वाली भाषा संबंधी प्रतिबंध, यूज़र्स के लिए पर्याप्त स्पष्ट नहीं है. 25 मई, 2023 के पहले, Meta की गालियों की परिभाषा शब्दों के आपत्तिजनक होने पर केंद्रित थी, जो कि अत्यधिक व्यक्तिपरक और पॉलिसी बनाने के कारण में बताई गई नफ़रत फैलाने वाली भाषा की Meta की परिभाषा से बहुत ज़्यादा व्यापक थी. बदलावों के पहले, इस बात की संभावना थी कि Facebook और Instagram के यूज़र्स “आपत्तिजनक” शब्द का अलग-अलग अर्थ समझें जिससे भ्रम की स्थिति बन सकती थी. इन स्थितियों में वह स्थितियाँ शामिल हैं जब सुरक्षित विशिष्टता पर हमला होता है और वह स्थितियाँ भी शामिल हैं जब ऐसा नहीं होता. 25 मई के बदलाव में Meta ने पॉलिसी से जुड़ी अनपी स्थिति को कुछ हद तक स्पष्ट किया और “आपत्तिजनक” होने की अस्पष्ट अवधारणा को दूर किया.
तीनों केसों में नोटिफ़िकेशन से संबंधित यूज़र्स को यह स्पष्ट नहीं हुआ कि पोस्ट को गाली के उपयोग के कारण हटाया गया था. उन्हें सिर्फ़ यह बताया गया कि Meta की नफ़रत फैलाने वाली भाषा के चलते कंटेंट हटाया गया था. ओवरसाइट बोर्ड को दिए Q2 2022 के अपडेट में Meta ने कहा कि वह “इस बारे में जानकारी जोड़कर नोटिफ़िकेशन का विस्तार करने की व्यवहार्यता का आकलन करने की योजना बना रहा है कि पॉलिसी के किस भाग का उल्लंघन किया गया है (जैसे नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड में गालियों के प्रतिबंध का उल्लंघन करना).” Meta ने इस रिपोर्ट में नोट किया कि उसके रिव्यू सिस्टम, पॉलिसी के लेवल पर एकदम सटीक हैं और वे उसी के अनुसार “सही, व्यापक मैसेजिंग” को “विशिष्ट, लेकिन अशुद्ध मैसेजिंग” की तुलना में प्राथमिकता देता है. जैसे कि Meta को इस बारे में ज़्यादा भरोसा है कि वह यूज़र्स को सटीकता के साथ यह सूचना दे सकता है कि उन्होंने नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन किया है, लेकिन उसे यूज़र्स को सटीकता से यह सूचना देने का कम आत्मविश्वास है कि उन्होंने उस पॉलिसी के किस ख़ास नियम का उल्लंघन किया है (जैसे गालियों का प्रतिबंध). हालाँकि “दक्षिण अफ़्रीका की गालियाँ” केस के सुझावों पर अपने जवाब में Meta ने कहा कि “वह ज़्यादा विस्तृत नोटिफ़िकेशन देने की नई क्षमताएँ बना रहा है.” ये नोटिफ़िकेशन अभी अंग्रेज़ी में दिए जाते हैं और अरबी, स्पैनिश और पुर्तगाली भाषा में Facebook के नोटिफ़िकेशन की टेस्टिंग की जा रही है. इससे इन केसों के यूज़र्स को कोई फ़ायदा नहीं होता क्योंकि बोर्ड समझता है कि यूज़र्स को प्राप्त नोटिफ़िकेशन तुर्की भाषा में थे. बोर्ड ने Meta से कहा कि वह गैर-अंग्रेज़ी यूज़र्स के लिए जानकारी के लेवल के बारे में बताए.
गालियों पर प्रतिबंध के संबंध में Meta की अपवादों की लिस्ट और नफ़रत फैलाने वाली भाषा को यूज़र्स और कंटेंट रिव्यूअर्स को ज़्यादा स्पष्ट तरीके से समझाया जा सकता है. भले ही बोर्ड को इस बात पर आपत्ति है कि अपवादों का फ़ायदा मिलने के लिए इरादे के स्पष्ट कथन ज़रूरी हैं, लेकिन जब तक इरादे का होना इस बारे में विचार किए जाने के लिए ज़रूरी है, तब तक Meta को यूज़र्स के लिए ज़्यादा स्पष्ट रूप से यह बताना ज़रूरी है कि वे पॉलिसी के लिस्ट किए गए हर अपवाद के लिए किस तरह इरादा दर्शा सकते हैं. इसके अलावा, ऐसा लगता है कि रिव्यूअर्स को दिए जाने वाले आंतरिक मार्गदर्शन में व्यापक अपवादों को परमिशन दी गई है, जबकि यूज़र्स को सार्वजनिक रूप से कम परमिशन दी गई हैं. इससे एक्सेसिबिलिटी और स्पष्टता से जुड़ी चिंताएँ सामने आती हैं. Meta का पॉलिसी मार्गदर्शन कहता है कि नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी के तहत “रिपोर्टिंग” को तब परमिशन दी जाती है जब उसका उद्देश्य जागरूकता फैलाना हो. रिव्यूअर्स के लिए आंतरिक मार्गदर्शन में मौजूद नियमों को Meta की लोगों को दिखाई देने वाली नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी पॉलिसी में समझाने में विफल रहने के कारण बोर्ड ने पहले उस पॉलिसी की आलोचना की थी (जैसे, दो बटन वाला मीम केस देखें). Meta को यह सार्वजनिक करना चाहिए कि नफ़रत फैलाने वाली भाषा की रिपोर्टिंग की परमिशन है, आदर्श रूप से ऐसे स्टैंडअलोन अपवाद में जो पत्रकारितापूर्ण “रिपोर्टिंग” को “जागरूकता फैलाने” से अलग करता हो. यह जानकारी ख़ास तौर पर मीडिया संगठनों और ऐसे अन्य लोगों की सहायता करने के लिए महत्वपूर्ण है जो जनहित की ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करना चाहते हैं जिनमें थर्ड पार्टी द्वारा गाली का उपयोग किया गया हो, उन स्थितियों सहित जिनमें समाचार के लिए गाली प्रासंगिक हो या उसका मुख्य बिंदु न हो. यह परमिशन तभी दी जाती है जब कंटेंट को इस तरह प्रस्तुत किया गया हो जिससे बहिष्कार और/या डर का माहौल न बनता हो. इसे इस तरह फ़्रेम किया जाना चाहिए जिसमें यह स्वीकार किया गया हो कि मीडिया आउटलेट और पत्रकारिता में शामिल अन्य लोग, वर्तमान घटनाओं की निष्पक्ष रिपोर्टिंग करने के लिए, शायद हर समय “जागरूकता फैलाने” के अपने इरादे को बता न पाएँ और यह कि इसे अन्य संदर्भात्मक संकेतों से समझने की ज़रूरत हो सकती है.
II. वैधानिक लक्ष्य
अभिव्यक्ति से संबंधित प्रतिबंध में ICCPR में सूचीबद्ध वैधानिक लक्ष्यों में से किसी एक का अनुसरण किया जाना चाहिए, जिसमें "अन्य लोगों के अधिकार" शामिल हैं. कई फ़ैसलों में, बोर्ड ने पाया है कि Meta की नफ़रत फैलाने वाली भाषा की पॉलिसी, गालियों पर प्रतिबंध सहित, अन्य लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के वैधानिक लक्ष्य को पूरा करती है, जिसका नाम है दूसरों की तुलना में खुद से भेदभाव न होने देना (जैसे कि “ अज़रबैजान में आर्मेनियाई” फ़ैसला देखें).
बोर्ड ने नोट किया कि गालियों की परिभाषा में Meta द्वारा 25 मई को किए गए अपडेट से यह लक्ष्य ज़्यादा स्पष्ट होता है. गालियों को “अपने आप में आपत्तिजनक” कहने के पुराने संदर्भ को शायद आपत्तिजनक भाषा से सुरक्षा के लोगों के अधिकार के रूप में पढ़ लिया गया होगा. यह एक वैधानिक लक्ष्य नहीं होगा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत आपत्तिजनक भाषा से सुरक्षा का कोई अधिकार मौजूद नहीं है. Meta की नई परिभाषा जो “सुरक्षित विशिष्टता के आधार पर लोगों के खिलाफ़ सहज रूप से बहिष्कार और डर का माहौल बनाने” वाले शब्दों के लिए आपत्तिजनक शब्दों की अवधारणा को ज़्यादा वस्तुनिष्ठ परिभाषा से बदलती है, वह दूसरे लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के वैधानिक लक्ष्य के ज़्यादा अनुरूप है.
III. आवश्यकता और आनुपातिकता
आवश्यकता और आनुपातिकता के सिद्धांत के अनुसार यह ज़रूरी है कि अभिव्यक्ति की आज़ादी से संबंधित प्रतिबंध "रक्षा करने के उनके कार्य को सही तरीके से पूरा करने वाले होने चाहिए; उनसे उन लोगों के अधिकारों में कम से कम हस्तक्षेप होना चाहिए, जिन्हें उन प्रतिबंधों से होने वाले रक्षात्मक कार्यों का लाभ मिल सकता है; [और] जिन हितों की सुरक्षा की जानी है, उसके अनुसार ही सही अनुपात में प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए" (सामान्य कमेंट 34, पैरा. 34). बोर्ड ने पाया कि इन तीनों केसों में कंटेंट को हटाना ज़रूरी नहीं था. प्रासंगिक अपवादों को लागू करने की पूरे सिस्टम की विफलता के साथ मिलने पर, गालियों की Meta की आंतरिक लिस्ट के कारण लगभग पूर्ण बैन लग सकता है, जो पत्रकारितापूर्ण रिपोर्टिंग के संदर्भ में आवश्यकता और आनुपातिकता संबंधी चिंताएँ उत्पन्न करता है.
आवश्यकता के संबंध में, गालियों की लिस्ट में “İngiliz uşağı” को शामिल करना, लोगों की नफ़रत फैलाने वाली भाषा से रक्षा करने के लिए ज़रूरी नहीं था क्योंकि उसका उपयोग सुरक्षित विशिष्टता के आधार पर लोगों पर हमला करने के लिए नहीं किया जाता है. ऐसा लगता है कि 25 मई को कंपनी के संशोधनों के पहले या बाद में, Meta की गालियों की लिस्ट में ऐसे शब्द भी हैं जो खुद कंपनी की गालियों परिभाषा को पूरा नहीं करते हैं. बोर्ड को 2023 की पहली तिमाही में अपडेट की गई गालियों की सभी लिस्ट की पूरी एक्सेस दी गई है और उनमें कई बाज़ारों के लिए ऐसे शब्द लिस्ट किए गए हैं जिनके बारे में यह सवाल किया जा सकता है कि क्या वे नफ़रत फैलाने वाली भाषा के अंतर्गत आते हैं या उन्हें आपत्तिजनक अपमान के रूप में बेहतर समझा जा सकता है जो भेदभावपूर्ण नहीं होते. बोर्ड के कुछ सदस्यों ने यह चिंता भी जताई कि लिस्ट पूरी नहीं है और उसमें नफ़रत फैलाने वाली भाषा के ऐसे कई शब्द नहीं हैं जिन्हें लोग ऐसी लिस्ट में देखना चाहेंगे; जबकि कुछ बाज़ारों या भाषाओं के लिए चिह्नित शब्दों की लिस्ट में कई पेज हैं और कुछ बाज़ारों के लिए यह लिस्ट बहुत छोटी है.
इन केसों में Meta के मूल फ़ैसलों के समय, गालियों की Meta की पुरानी परिभाषा, जो उस समय आपत्तिजनक होने की अवधारणा पर आधारित थी, ज़रूरत से ज़्यादा व्यापक थी और उसके कारण सार्वजनिक हस्तियों द्वारा राजनैतिक महत्व की घटनाओं में गालियों के उपयोग की रिपोर्टिंग किए जाने पर तीन मीडिया संगठनों पर अनुपातहीन प्रतिबंध लगाए गए. भले ही वाक्यांश को गाली के रूप में सही चिह्नित किया गया हो, जब थर्ड पार्टी द्वारा उसके इस तरह उपयोग की घटनाओं की रिपोर्टिंग की जाती है जिससे हिंसा नहीं भड़केगी या भेदभाव नहीं होगा, तो कंटेंट को “रिपोर्टिंग” के रूप में परमिशन मिलने की योग्यता होनी चाहिए थी. इस बारे में Meta के अघोषित मार्गदर्शन कि गालियों की रिपोर्टिंग में किस तरह अतिरिक्त संदर्भ होना चाहिए ताकि उसे “जागरूकता फैलाने वाली” समझा जा सके, से हर न्यूज़ आउटलेट के विवेकाधिकार और तुर्की जनता तक सूचना पहुँचाने की कोशिशों में हस्तक्षेप हुआ. तीनों केस में मीडिया एंटिटी ने यह अतिरिक्त संदर्भ जोड़े बिना वीडियो शेयर किया कि उनका इरादा आलोचना करना या जागरूकता फैलाना है (ऊपर अनुच्छेद 8.1 में Meta के अपवादों का बोर्ड द्वारा विश्लेषण देखें).
“ न्यूज़ रिपोर्टिंग में तालिबान का उल्लेख” फ़ैसले में, बोर्ड ने उन चैलेंज का परीक्षण किया था जो यूज़र के इरादे की स्पष्ट ज़रूरत के मामले में आते हैं, “तब भी जब संदर्भात्मक संकेतों से यह स्पष्ट हो कि पोस्ट वास्तव में एक रिपोर्टिंग है”. वह केस खतरनाक संगठनों और व्यक्तियों से जुड़ी पॉलिसी (जहाँ चिह्नित एंटिटी की रिपोर्टिंग के लिए सार्वजनिक अपवाद मौजूद है) से संबंधित था, लेकिन इरादों के बारे में वहाँ के अवलोकन, नफ़रत फैलाने वाली भाषा के इन केसों पर भी लागू होते हैं. पत्रकारिता में कोई फ़ैसला निकाले बिना तथ्यों कि तटस्थ या निष्पक्ष रिपोर्टिंग को अक्सर अच्छा माना जाता है. वह आचरण Meta की उस ज़रूरत के विरोध में है जिसके अनुसार रिपोर्टिंग में आलोचना करने या जागरूकता फैलाने का स्पष्ट इरादा बताना ज़रूरी है. इन केसों से उस आलोचना में एक नया पहलू जुड़ता है. भले ही Meta का “जागरूकता फैलाने” संबंधी अपवाद, गालियों के उपयोग की रिपोर्टिंग से जुड़े सवाल का समाधान करता है, लेकिन उसमें उपयोग की ज़रूरत से कम परिस्थितियाँ बताई गई हैं, जैसी कि इन केसों की स्थितियाँ, जिसमें गाली का उपयोग मौटे तौर पर रिपोर्ट किए जा रहे मुख्य विषय से जुड़ा हुआ था. इन केसों में तीन पोस्ट को हटाना, मीडिया के लोगों की अभिव्यक्ति की आज़ादी और उनकी ऑडियंस के जानकारी की एक्सेस के अधिकार पर अनावश्यक और अनुपातहीन प्रतिबंध था.
बोर्ड इस बात से चिंतित है कि Meta यंत्रवत रूप से गालियों पर नफ़रत फैलाने वाली भाषा की अपनी पॉलिसी लागू कर रहा है और इस बात पर विचार नहीं कर रहा है कि उसमें कोई सार्वजनिक हस्ती मौजूद है और उसका टार्गेट आलोचना करना है. मानवाधिकार कमिटी ने यह देखा है कि सार्वजनिक अधिकारी “आलोचना और राजनैतिक विरोध का विधिसम्मत विषय होते हैं” ( सामान्य कमेंट 34, पैरा. 38). बोर्ड ने अपने “ कोलंबिया के विरोध प्रदर्शन” फ़ैसले में पहले यह चिंता जताई है. उस केस में, बोर्ड ने कहा कि संदर्भ पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाना चाहिए, न सिर्फ़ उस राजनैतिक संदर्भ पर जिसमें गाली का उपयोग किया गया है, बल्कि इस बात पर भी कि क्या गाली का उपयोग राजनैतिक नेताओं की आलोचना के भाग के रूप में किया गया है. “ ईरान में विरोध प्रदर्शन का स्लोगन” केस में बोर्ड के फ़ैसले में राजनैतिक नेताओं पर कल्पित खतरों का समाधान किया गया था, जिसमें यह सुनिश्चित करते हुए कि सार्वजनिक हस्तियों सहित सभी लोगों की वास्तविक खतरों से रक्षा की जाए, अलंकारिक राजनैतिक बयानों की रक्षा के महत्व पर ज़ोर दिया. सार्वजनिक हस्तियों की आलोचना कई तरह की हो सकती है, आपत्तिजनक भाषा के उपयोग के रूप में भी, लेकिन Meta के एन्फ़ोर्समेंट के वर्तमान तरीके में इन प्रतिस्पर्धी कारकों को या तो रिपोर्टिंग के अघोषित नियमों या समानांतर और ज़्यादा सामान्य रूप से लागू होनी वाली ख़बरों में रहने लायक होनी की छूट के तहत सोच-विचार करके संतुलित करने के लिए ज़रूरी जगह नहीं है. जो पॉलिसी न्यूज़ रिपोर्टिंग को बेहतर तरीके से शामिल कर सकती है, उसमें शुरुआती रिव्यू के दौरान एस्केलेशन की ज़रूरत के बिना संदर्भ के ज़्यादा सोच-विचारपूर्ण आकलन की सुविधा होगी.
जैसा कि बोर्ड ने ऊपर (अनुच्छेद 8.1: गलतियों को रोकने के उपाय और एस्केलेशन संबंधी चैलेंज) और “ कोलंबिया के विरोध प्रदर्शन” फ़ैसले में ज़ोर दिया, ऐसा लगता है कि संभावित रूप से ख़बरों में रहने लायक पोस्ट, जिन्हें गहन संदर्भात्मक आकलन का फ़ायदा मिलना चाहिए, को उतना सुव्यवस्थित रूप से या बार-बार Meta की पॉलिसी टीम को एस्केलेट नहीं किया जाता, जितना उन्हें होना चाहिए. ख़बरों में रहने लायक होनी की छूट को Meta, जनहित की अभिव्यक्ति की सुरक्षा में लगभग विफल न होने वाली प्रक्रिया बताता है, लेकिन Meta की अपनी ही ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट बताती हैं कि इस छूट को जून 2021 – मई 2022 के बीच के वर्ष में सिर्फ़ 68 बार उपयोग किया गया. जैसा कि बोर्ड ने पहले अपने “कोलंबिया के विरोध प्रदर्शन” फ़ैसले में नोट किया था, “ख़बरों में रहने लायक होने के अपवाद को नफ़रत फैलाने वाली भाषा को बनाए रखने की व्यापक परमिशन नहीं माना जाना चाहिए.” हालाँकि, जनहित की अभिव्यक्ति की रक्षा के लिए बेहतर साधनों की ज़रूरत है, जिन्हें बहुत आसानी से हटाया जा सकता है.
दो केसों में, कंटेंट को गलती से हटाए जाने के कारण यूज़र की अभिव्यक्ति और मीडिया की आज़ादी पर अतिरिक्त सीमाएँ लगाई गईं जिसके कारण Meta के स्ट्राइक और पेनल्टी सिस्टम से जुड़ी आवश्यकता और आनुपातिकता संबंधी चिंताएँ सामने आती हैं. इन उपायों से दोनों मीडिया संगठनों के लिए उन फ़ीचर लिमिट के लागू रहते समय अपनी रिपोर्टिंग को मुक्त रूप से शेयर करने में अतिरिक्त कठिनाई हुई. संभावित भविष्य के चिलिंग इफ़ेक्ट के कारण, ज़्यादा कठोर प्रतिबंधों के मामले में भी, उस समय इसका वास्तविक प्रभाव हुआ जब भूकंप और चुनाव से पहले के समय में स्वतंत्र लोकल न्यूज़ की एक्सेस ख़ास तौर पर ज़रूरी थी.
ऐसे कंटेंट को हटाने के साथ-साथ, जिसके परिणामस्वरूप स्ट्राइक और फ़ीचर लिमिट लगती है, फ़ॉल्स-पॉज़ीटिव से बचने और गालियों के उपयोग को रेग्युलेट करने के कम कठोर साधन के रूप में, बोर्ड ने Meta को प्रोएक्टिव इनहाउस प्रक्रियाओं के साथ प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया. इस बात को देखते हुए कि अभिव्यक्ति की आज़ादी, जो Meta की “अभिव्यक्ति” की सर्वोपरि वैल्यू बताई गई है, एक नियम है और गालियों पर Meta का प्रतिबंध एक अपवाद, मॉडरेटर्स के लिए Meta के आंतरिक मार्गदर्शन द्वारा यह पूर्वधारणा स्थापित की जानी चाहिए कि पत्रकारितापूर्ण रिपोर्टिंग (नागरिक पत्रकारिता सहित) को हटाया नहीं जाना चाहिए. भले ही बोर्ड ने कोलंबिया के विरोध प्रदर्शन फ़ैसले में ज़ोर दिया है कि “ख़बरों में रहने लायक होने के अपवाद को नफ़रत फैलाने वाली भाषा को बनाए रखने की व्यापक परमिशन नहीं माना जाना चाहिए,” लेकिन Meta के आंतरिक नियमों में विशिष्ट परिस्थितियों पर संपूर्ण विचार-विमर्श को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जनहित की ऐसी रिपोर्टिंग, जो नफ़रत फैलाने वाली भाषा नहीं है, को गलत तरीके से नहीं हटाया जाए. बोर्ड ने वामपम बेल्ट केस के फ़ैसले को भी दोहराया जिसमें उसने Meta द्वारा कंटेंट के अलग-अलग हिस्सों पर आधारित आकलनों के बजाय कंटेंट के संपूर्ण आकलन पर ज़ोर दिया था.
इसके अलावा, व्यवहार से जुड़े संकेतों को शामिल करने, जैसे यूज़र्स को तब सूचित करना जब उनकी पोस्ट में प्रतिबंधित गालियाँ दिखाई दें, और उन्हें उनकी पोस्ट को एडिट करने के लिए आमंत्रित करने से कंपनी की पॉलिसी के अनुपालन में वृद्धि होगी. मीडिया संगठनों के लिए अतिरिक्त रिसोर्स ज़रूरी हैं जिससे वे यह समझ सकें कि गालियों के उपयोग वाली स्टोरीज़ को किस तरह रिपोर्ट किया जाए कि उनके कारण कंटेंट को हटाया न जाए. यूज़र्स को यह सलाह देने से भी उन मीडिया संगठनों की संख्या में कमी आएगी जिनके अकाउंट को जनहित के मुद्दों को रिपोर्ट करने के कारण प्रतिबंधित कर दिया जाता है, कि ब्रॉडकास्ट वीडियो को एडिट करके गाली के उपयोग को छिपाते हुए भी वर्तमान घटनाओं की रिपोर्ट कैसे की जाए.
9. ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला
ओवरसाइट बोर्ड ने तीनों केसों में कंटेंट को हटाने के Meta के मूल फ़ैसले को बदल दिया है.
10. सुझाव
कंटेंट पॉलिसी
1. यह सुनिश्चित करने के लिए कि मीडिया संगठन, जनहित के विषयों की रिपोर्टिंग ज़्यादा मुक्त रूप से कर सकें, Meta को नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड में बदलाव करना चाहिए और उसमें ऐसी गालियों की पत्रकारितापूर्ण रिपोर्टिंग की स्पष्ट रूप से रक्षा करनी चाहिए जब ऐसी रिपोर्टिंग, ख़ास तौर पर चुनावों के संदर्भ में, से बहिष्कार और/या डर का माहौल न बनता हो. इस अपवाद को सार्वजनिक किया जाना चाहिए और उसे “जागरूकता फैलाने” और “आलोचना करने” के अपवादों से अलग रखा जाना चाहिए. मॉडरेटर्स को स्थानीय मीडिया सहित पत्रकारिता का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त ट्रेनिंग दी जानी चाहिए, ख़ास तौर पर अंग्रेज़ी के अलावा अन्य भाषाओं के संदर्भ में. रिपोर्टिंग संबंधी अपवाद में यूज़र्स के लिए यह स्पष्ट होना चाहिए, ख़ास तौर पर मीडिया के लोगों के लिए, कि कंटेंट में संदर्भ का उपयोग किस तरह किया जाना चाहिए और रिव्यूअर्स के लिए आंतरिक मार्गदर्शन का निर्माण इसके अनुसार किया जाना चाहिए. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब कम्युनिटी स्टैंडर्ड को अपडेट कर दिया जाएगा और Meta के ह्यूमन रिव्यूअर्स के लिए आंतरिक मार्गदर्शन को ये बदलाव दिखाने के लिए अपडेट कर दिया जाएगा.
2. गालियों के उपयोग की परमिशन कब दी जाती है, इस बारे में ज़्यादा स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए Meta को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड में हर अपवाद की दृष्टांत उदाहरणों सहित स्पष्ट व्याख्या दी गई हो. नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े शब्दों को दोहराने से बचने के लिए संक्षेप में स्थिति संबंधी उदाहरण दिए जा सकते हैं. बोर्ड इसे तब लागू मानेगा जब Meta अपने नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड का फिर से निर्माण करके उसमें दृष्टांत उदाहरण जोड़ेगा.
एन्फ़ोर्समेंट
3. नफ़रत फैलाने वाली भाषा की अपनी पॉलिसी में कम गलतियाँ सुनिश्चित करने के लिए, Meta को गालियों की अपनी लिस्ट का ऑडिट उन देशों के लिए जल्दी पूरा करना चाहिए 2023 की दूसरी छमाही और 2024 की शुरुआत में चुनाव हैं. इसका लक्ष्य उन शब्दों को पहचानना और हटाना होना चाहिए जिन्हें कंपनी की गालियों की लिस्ट में गलती से जोड़ दिया गया है. बोर्ड इसे तब लागू मानेगा जब Meta, ऑडिट के बाद चिह्नित गालियों की अपडेट की गई लिस्ट उपलब्ध कराएगा. साथ ही नए ऑडिट के बाद हर बाज़ार के लिए उन शब्दों की लिस्ट उपलब्ध कराएगा जिन्हें गालियों की लिस्ट से हटाया गया है.
*प्रक्रिया संबंधी नोट:
ओवरसाइट बोर्ड के फ़ैसले पाँच सदस्यों के पैनल द्वारा लिए जाते हैं और उन पर बोर्ड के अधिकांश सदस्यों की सहमति होती है. ज़रूरी नहीं है कि बोर्ड के फ़ैसले उसके हर एक मेंबर की निजी राय को दर्शाएँ.
इस केस के फ़ैसले के लिए, बोर्ड की ओर से स्वतंत्र रिसर्च करवाई गई थी. बोर्ड की सहायता एक स्वतंत्र शोध संस्थान ने की जिसका मुख्यालय गोथेनबर्ग यूनिवर्सिटी में है और जिसके पास छह महाद्वीपों के 50 से भी ज़्यादा समाजशास्त्रियों की टीम के साथ ही दुनियाभर के देशों के 3,200 से भी ज़्यादा विशेषज्ञ हैं. बोर्ड को Duco Advisers की सहायता भी मिली, जो भौगोलिक-राजनैतिक, विश्वास और सुरक्षा और टेक्नोलॉजी के आपसी संबंध पर काम करने वाली एक एडवाइज़री फ़र्म है. Memetica ने भी विश्लेषण उपलब्ध कराया जो सोशल मीडिया ट्रेंड पर ओपन-सोर्स रिसर्च में एंगेज होने वाला संगठन है. Lionbridge Technologies, LLC कंपनी ने भाषा संबंधी विशेषज्ञता की सेवा दी, जिसके विशेषज्ञ 350 से भी ज़्यादा भाषाओं में कुशल हैं और वे दुनियाभर के 5,000 शहरों से काम करते हैं.