एकाधिक मामले का निर्णय
अल-शबाब का उल्लेख
इस संक्षिप्त फ़ैसले में, बोर्ड ने आतंकवादी समूह अल-शबाब से जुड़ी दो पोस्ट का रिव्यू किया.
2 इस बंडल में केस शामिल हैं
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Facebook पर खतरनाक लोग और संगठन से जुड़ा केस
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Facebook पर खतरनाक लोग और संगठन से जुड़ा केस
यह संक्षिप्त फ़ैसला है. संक्षिप्त फ़ैसलों में उन केसों का परीक्षण किया जाता है जिनमें बोर्ड द्वारा कंटेंट पर Meta का ध्यान आकर्षित के बाद कंपनी ने कंटेंट के बारे में अपने मूल फ़ैसले को पलटा है. इन फ़ैसलों में उन गलतियों की जानकारी होती है जिन्हें Meta ने स्वीकार किया है और इनमें लोगों को यह जानकारी दी जाती है कि बोर्ड के काम का क्या असर पड़ता है. उन्हें बोर्ड के सदस्यों की पैनल द्वारा स्वीकार किया गया है, न कि पूरे बोर्ड द्वारा. उनमें सार्वजनिक कमेंट प्रोसेस शामिल नहीं होती और बोर्ड आगे के फ़ैसलों के लिए उन्हें आधार भी नहीं बनाता है. संक्षिप्त फ़ैसले, Meta के सुधारों के बारे में पारदर्शिता देते हैं और यह बताते हैं कि पॉलिसी के एन्फ़ोर्समेंट के संबंध में कंपनी कहाँ सुधार कर सकती है.
केस का सारांश
इस संक्षिप्त फ़ैसले में, बोर्ड ने आतंकवादी समूह अल-शबाब से जुड़ी दो पोस्ट का रिव्यू किया. जब बोर्ड ने Meta का ध्यान इन दो अपीलों पर आकर्षित किया, तो कंपनी ने अपना मूल फ़ैसला पलट दिया और दोनों पोस्ट को रीस्टोर कर दिया.
केस की जानकारी और बैकग्राउंड
पहले केस में जुलाई 2023 में, Facebook के एक यूज़र, जो न्यूज़ आउटलेट लगता है, ने एक फ़ोटो पोस्ट की जिसमें एक हथियार और सैन्य साजो-सामान ज़मीन पर सैनिकों के पैरों के पास पड़े हैं और कैप्शन में लिखा है कि "Somali government forces" (सोमाली सरकारी बलों) और "residents" (निवासियों) ने एक सैन्य कार्रवाई में सोमालिया के मुडुग क्षेत्र में अल-शबाब के लोगों को मार गिराया.
जुलाई 2023 में हुए दूसरे केस में, Facebook के एक यूज़र ने एक कैप्शन के साथ दो फ़ोटो पोस्ट कीं. पहली फ़ोटो में एक महिला, नीले रंग के एक पिलर पर काला रंग पोत रही है. दूसरे चित्र में पिलर पर काले रंग में अल-शबाब का प्रतीक बना हुआ दिखाया गया है. कैप्शन में कहा गया है कि “छुपकर बैठने वाले आतंकवादी अपने बिलों से बाहर आ गए हैं और आखिरकार दुनिया उन्हें देख रही है.”
हरकत अल-शबाब अल-मुजाहिदीन, जिसे आम तौर पर अल-शबाब नाम से जाना जाता है, या “द यूथ” (अरबी भाषा में) एक इस्लामी आतंकवादी समूह है जो अल-कायदा से जुड़ा है और सोमाली सरकार को हटाने के लिए काम कर रहा है. यह समूह मुख्य रूप से सोमालिया में काम करता है और उसने पड़ोसी देशों पर कई हमले किए हैं.
Meta ने मूल रूप से पोस्ट को यह कहते हुए Facebook से हटा दिया था कि वह खतरनाक संगठनों और लोगों (DOI) से जुड़ी उसकी पॉलिसी का उल्लंघन करती है. इस पॉलिसी के तहत कंपनी ऐसे कंटेंट को हटा देती है जिनमें कंपनी द्वारा खतरनाक चिह्नित लोगों और संगठनों की “प्रशंसा” की जाती है, उनका “मौलिक समर्थन” किया जाता है या उनका “प्रतिनिधित्व” किया जाता है. हालाँकि, पॉलिसी में यह माना गया है कि “यूज़र्स ऐसा कंटेंट शेयर कर सकते हैं जिसमें चिह्नित खतरनाक संगठनों और व्यक्तियों की रिपोर्ट करने, उनकी निंदा करने या उनकी या उनके कामों की निष्पक्षता से चर्चा करने वाले रेफ़रेंस शामिल हों.”
बोर्ड को की गई अपनी अपील में, दोनों यूज़र्स ने तर्क दिया कि उनके कंटेंट से Meta के कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन नहीं होता. पहले केस में यूज़र ने बताया कि उनका अकाउंट एक न्यूज़ आउटलेट का अकाउंट है और कहा कि उनकी पोस्ट, आतंकवादी समूह अल-शबाब के खिलाफ़ की गई सरकारी कार्रवाई की एक न्यूज़ रिपोर्ट है. दूसरे केस में, यूज़र ने कहा कि उनकी पोस्ट का उद्देश्य अल-शबाब की गतिविधियों के बारे में सूचना देना और उनके बारे में जागरूकता फैलाना और उन गतिविधियों की निंदा करना है.
बोर्ड द्वारा इन दोनों केसों को Meta के ध्यान में लाए जाने के बाद, कंपनी ने पाया कि पोस्ट से उसकी किसी भी पॉलिसी का उल्लंघन नहीं हुआ. भले ही दोनों पोस्ट में अल-शबाब का उल्लेख है, जो कि एक चिह्नित खतरनाक संगठन है, लेकिन उनमें अल-शबाब की प्रशंसा नहीं की गई है बल्कि उसके बारे में रिपोर्ट की गई है और उसकी निंदा की गई है. Meta इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि दोनों पोस्ट को हटाने का उसका शुरुआती फ़ैसला गलत था क्योंकि उन्हें DOI पॉलिसी से छूट मिलनी चाहिए थी और कंपनी ने दोनों पोस्ट के कंटेंट को प्लेटफ़ॉर्म पर रीस्टोर कर दिया.
बोर्ड का प्राधिकार और दायरा
बोर्ड को उस यूज़र के अपील करने के बाद Meta के फ़ैसले का रिव्यू करने का अधिकार है, जिसका कंटेंट हटा दिया गया था (चार्टर अनुच्छेद 2, सेक्शन 1; उपनियम आर्टिकल 3, सेक्शन 1).
जहाँ बोर्ड द्वारा रिव्यू किए जा रहे केस में Meta यह स्वीकार करता है कि उससे गलती हुई है और वह अपना फ़ैसला पलट देता है, वहाँ बोर्ड उस केस का चुनाव संक्षिप्त फ़ैसले के लिए कर सकता है (उपनियम अनुच्छेद 2, सेक्शन 2.1.3). बोर्ड कंटेंट मॉडरेशन प्रोसेस के बारे में ज़्यादा जानकारी पाने, गलतियाँ कम करने और Facebook और Instagram का उपयोग करने वाले लोगों के लिए निष्पक्षता बढ़ाने के लिए मूल फ़ैसले का रिव्यू करता है.
केस का महत्व
ये दोनों केस, एक ऐसे देश में Meta की DOI पॉलिसी का ज़रूरत से ज़्यादा एन्फ़ोर्समेंट हाइलाइट करते हैं जो सशस्त्र संघर्ष और आतंकवादी हमलों से ग्रस्त है. इस तरह की गलती से आतंकी संगठनों, ऐसे समूहों द्वारा किए गए मानवाधिकारों के कथित हनन और अत्याचारों सहित, की निंदा करने, उनकी रिपोर्ट करने और उनके खिलाफ़ जागरूकता फैलाने की कोशिशों को धक्का लगता है.
पहले बोर्ड Meta की DOI पॉलिसी के बारे में कई सुझाव दे चुका है. इनमें “सिस्टम की जिन समस्याओं के कारण एन्फ़ोर्समेंट में गलतियाँ हो रही हैं, उनका पता लगाने के लिए Meta को DOI पॉलिसी के तहत रिपोर्टिंग की छूट देने वाले रिव्यूअर्स की सटीकता का आकलन करने” का सुझाव शामिल है, जिसके बारे में Meta ने क्रियान्वयन की प्रगति दिखाई है (“न्यूज़ रिपोर्टिंग में तालिबान का उल्लेख, सुझाव सं. 5). बोर्ड ने यह सुझाव भी दिया है कि “Meta अपनी DOI पॉलिसी में शर्तें और विवरणात्मक उदाहरण जोड़े ताकि अपवादों के बारे में लोगों को ज़्यादा जानकारी मिले, ख़ास तौर पर निष्पक्ष चर्चाओं और न्यूज़ रिपोर्टिंग के बारे में.” Meta ने इसके बारे में प्रकाशित जानकारी के ज़रिए क्रियान्वयन दर्शाया है (“अल जज़ीरा की शेयर की गई पोस्ट”, सुझाव सं. 1). इसके अलावा, बोर्ड ने सुझाव दिया है कि Meta, “एन्फ़ोर्समेंट की गलतियों को पलटने और उनसे सीखने के लिए एक आंतरिक ऑडिट प्रोसेस बनाए जिसमें ऑटोमेटेड साधनों से हटाए कंटेंट के सांख्यिकीय प्रतिनिधि नमूने का लगातार विश्लेषण किया जाए,” ( ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और नग्नता, सुझाव सं. 5). Meta ने इस सुझाव के बारे में कहा कि वह ऐसा काम पहले से करता आ रहा है लेकिन क्रियान्वयन दर्शाने के लिए उसने कोई जानकारी प्रकाशित नहीं की.
फ़ैसला
बोर्ड ने दो पोस्ट के कंटेंट को हटाने के Meta के मूल फ़ैसलों को पलट दिया. बोर्ड द्वारा केसों को Meta के ध्यान में लाए जाने के बाद, Meta द्वारा मूल फ़ैसलों की गलती में किए गए सुधारों को बोर्ड ने स्वीकार किया.