ओवरसाइट बोर्ड निजी निवास की जानकारी शेयर करने के बारे में पॉलिसी पर राय देने की रिक्वेस्ट को स्वीकार करता है

आज, बोर्ड ने घोषणा की कि इसने Facebook की ओर से निजी निवास की जानकारी शेयर करने से जुड़ी पॉलिसी पर राय देने की रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लिया है. इसके हिस्से के रूप में, बोर्ड ने लोगों से कमेंट करने की अपील की है.

अलग-अलग मामलों को रिव्यू करने से लेकर कंटेंट हटाने या रीस्टोर करने के अलावा, बोर्ड Facebook की कंटेंट से जुड़ी विस्तृत पॉलिसी पर गाइडेंस देने के लिए भी Facebook की रिक्वेस्ट स्वीकार कर सकता है. Facebook की रिक्वेस्ट और बाहरी स्टेकहोल्डर से जानकारी मिलने के बाद बोर्ड इस बारे में विस्तृत सुझाव देता है कि Facebook को किसी ख़ास विषय से जुड़ी इसकी पॉलिसी में क्या बदलाव करने चाहिए.

Facebook को बोर्ड के सुझावों को इसकी पॉलिसी बनाने से जुड़ी अधिकारिक प्रक्रिया के दौरान ध्यान में रखे जाने के लिए भेजना चाहिए और इसके बारे में नियमित अपडेट देने चाहिए, जिसमें इसके न्यूज़रूम के ज़रिए अपडेट देना शामिल है. वैसे बोर्ड की पॉलिसी से जुड़ी राय को मानना ज़रूरी नहीं है, लेकिन Facebook को हमारे सुझाव मिलने के 30 दिनों के भीतर सार्वजनिक रूप से जवाब देेने होंगे और परिणामस्वरूप लिए गए एक्शन बताने होंगे.

पॉलिसी पर राय 2021-01

पब्लिक कमेंट यहाँ दें.

यह पॉलिसी पर राय देने की रिक्वेस्ट Facebook की निवास के बारे में जानकारी शेयर करने से जुड़ी पॉलिसी से संबंधित है और इस बारे में है कि उस जानकारी को कब निजी मानकर हटा दिया जाना चाहिए. Facebook के अनुसार यह मुश्किल सवाल है, क्योंकि निवास के पते पत्रकारिता और नागरिक सक्रियता के लिए प्रासंगिक हो सकते हैं, लेकिन “इस जानकारी को सहमति के बिना उजागर करने से निवासियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है” और किसी व्यक्ति की निजता का हनन हो सकता है.” वैसे तो हाल ही में ऐसे कई हाई-प्रोफ़ाइल मामले हुए हैं, जहाँ Facebook ने इस तरह के कंटेंट को हटा दिया, लेकिन पॉलिसी पर सलाह देने से जुड़ी यह रिक्वेस्ट किसी विशेष पोस्ट से लिंक नहीं है.

इसकी रिक्वेस्ट में, Facebook ने निवास के पतों के साथ ही अन्य निजी जानकारी उजागर करने से जुड़े कई संभावित नुकसानों पर ध्यान दिया है. इनमें “डॉक्सिंग” शामिल है (इसका मतलब दस्तावेज़ प्रकट करना है, जिसे संक्षिप्त में “डॉक्स” कहते हैं). Facebook का दावा है कि डॉक्सिंग के व्यवहार के पीछे “न्याय” और “बदला” आम वजहें हैं और इसके असल दुनिया में नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं, जैसे स्वाटिंग (गलत परिसर में पुलिस की रेड पड़ना) और उत्पीड़न या पीछा किए जाने का शिकार होना.

कंपनी ने ख़ासकर बताया किया कि मानव अधिकार और तकनीकी विशेषज्ञ, दोनों ही दर्शाते हैं कि डॉक्सिंग और ऑनलाइन उत्पीड़न के अन्य रूप महिलाओं और लड़कियों के साथ ही अन्य तरह से कमज़ोर यूज़र को ज़्यादा प्रभावित करते हैं.

प्राइवेसी के उल्लंघन और फ़ोटो से जुड़े प्राइवेसी के अधिकारों पर बने मौजूदा कम्युनिटी स्टैंडर्डके अंतर्गत, यूज़र को “अपने और अन्य लोगों के बारे में व्यक्ति की पहचान कर सकने वाली निजी जानकारी” शेयर नहीं करनी चाहिए. इसमें “निजी जानकारी” शामिल है, जैसे “निजी निवासों के बाहरी दृश्य को दिखाने वाली फ़ोटो.” Facebook ने इस बारे में मार्गदर्शन माँगा है कि “किन वजहों से निजी जानकारी को ‘सार्वजनिक रूप से उपलब्ध’ बनाना चाहिए”, इसका मतलब है कि इसे Facebook पर पोस्ट किया जा सकता है. कंपनी ने बोर्ड से ऐसे सोर्स पर राय देने की रिक्वेस्ट की है जो “आसानी से पहुँचने योग्य या विश्वसनीय नहीं हैं” और इस पर भी राय माँगी है कि यह तय करने के लिए कि क्या कोई जानकारी सार्वजनिक हो गई है, इसे किसी सोर्स को बाहर रखना चाहिए और क्यों. इसके अतिरिक्त, Facebook ने बोर्ड से पूछा है कि क्या, इन कुछ परिस्थितियों में, इसे निजी जानकारी को हटाना चाहिए, भले ही यह पहले से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हो.

बोर्ड ऐसे पब्लिक कमेंट का स्वागत करेगा, जो इन बातों से प्रासंगिक हैं:

  • अगर Facebook यूज़र को निवास की कोई निजी जानकारी शेयर करने से रोकता है तो क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अनावश्यक रूप से प्रतिबंधित होती है और मौजूदा पॉलिसी निजता के उल्लंघन से होने वाले नुकसान से लोगों को उचित रूप से किस हद तक सुरक्षित करती है.
  • Facebook को यह कैसे तय करना चाहिए कि जानकारी के कौन-से सोर्स निजी जानकारी को “सार्वजनिक रूप से उपलब्ध” बनाते हैं (मीडिया आउटलेट द्वारा प्रकाशित जानकारी शामिल), इस श्रेणी के अंतर्गत आने वाले एक्सेस करने योग्य सार्वजनिक रिकॉर्ड के प्रकार, और परिस्थितियाँ, अगर हों तो, जिनके अंतर्गत भी “सार्वजनिक रूप से उपलब्ध” जानकारी को हटाया जाना चाहिए (जिसमें पहले निजी रही जानकारी ऑनलाइन कहीं और सार्वजनिक बनाई गई थी, शामिल है)
  • इस पॉलिसी को लागू करने में ऑटोमेटेड तकनीकों के फायदें और सीमाएँ.
  • किसी वैश्विक पॉलिसी को अलग-अलग राष्ट्रीय डेटा प्रोटेक्शन कानूनों के लिए कैसे ज़िम्मेदार होना चाहिए, जो सार्वजनिक रिकॉर्ड में शामिल जानकारी पर अलग-अलग नियम लागू कर सकते हैं.
  • क्या अन्य लोगों के निजी पतों का खुलासा करना अलग पॉलिसी के अंतर्गत आना चाहिए, या “डॉक्सिंग” के बारे में और सामान्य पॉलिसी में सम्मिलित होना चाहिए? बाद वाले विकल्प में, ऐसी और सामान्य पॉलिसी में क्या होना चाहिए?
  • Facebook को सार्वजनिक हस्ती से जुड़ी निजी जानकारी के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए और इस पॉलिसी के उद्देश्य के लिए यह कैसे निर्धारित करना चाहिए.
  • Facebook को शेयर की गई निजी जानकारी से टार्गेट किए गए व्यक्ति को नुकसान पहुँचने की संभावित कमज़ोरी को कैसे संभालना चाहिए (जैसे सुरक्षित विशिष्टता या मानव अधिकार के संरक्षक या पत्रकार के स्टेटस के आधार पर).
  • Facebook को पॉलिसी को लागू करते समय विस्तृत राजनीतिक संदर्भ पर कैसे ध्यान देना चाहिए (e.g. चुनाव की अवधि, सामूहिक प्रदर्शन, नागरिक अशांति और/या सशस्त्र लड़ाई).

पब्लिक कमेंट

पॉलिसी पर राय तैयार करने की बोर्ड की प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा लोगों और संगठनों से अतिरिक्त जानकारी और विशेषज्ञता पाना है. इससे बोर्ड के सदस्यों को और जानकारी मिलेगी तथा इस बारे में समझ बढ़ेगी कि Facebook की पॉलिसी दुनिया के विभिन्न हिस्सों के अलग-अलग लोगों को कैसे प्रभावित करती हैं.

अगर आपको या आपके संगठन को ऐसा लगता है कि आप पॉलिसी पर राय देने की इस रिक्वेस्ट के बारे में मूल्यवान नज़रिया दे सकते हैं, तो आप यहाँ अपना योगदान दे सकते हैं.

आज घोषित की गई पॉलिसी पर राय देने की रिक्वेस्ट के बारे में पब्लिक कमेंट देने का समय शुक्रवार, 9 जुलाई, UTC के अनुसार दोपहर 3 बजे तक है.

यह समय-सीमा किसी नए केस पर पब्लिक कमेंट देने की अवधि से ज़्यादा है, क्योंकि पॉलिसी पर राय देने की प्रक्रिया में केस पर फ़ैसले देेने की तरह समय की बाध्यता नहीं होती हैं. इसके अतिरिक्त, पब्लिक कमेंट छह पेज तक लंबे हो सकते हैं और बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी भाषा में दिए जा सकते हैं, ताकि मौजूदा समस्या पर व्यापक भागीदारी मिले. भाषाओं की पूरी लिस्ट ऊपर दी गई लिंक के ज़रिए उपलब्ध है.

बोर्ड पॉलिसी पर राय देने की रिक्वेस्ट पर कैसे जवाब देता है?

1.बोर्ड पॉलिसी पर राय देने की Facebook की रिक्वेस्ट को स्वीकार करता है

जब Facebook पॉलिसी पर राय देने की रिक्वेस्ट बोर्ड को भेजता है, तो यह बोर्ड के चारों सह-अध्यक्षों में से किसी एक को असाइन की जाती है. प्रासंगिक सह-अध्यक्ष उठाए गए मुख्य मुद्दे का संक्षेप में वर्णन करते हुए बोर्ड के सभी सदस्यों के लिए मेमो ड्राफ़्ट करते हैं. इसके आधार पर, बोर्ड के सदस्य Facebook की रिक्वेस्ट स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए वोट देते हैं.

2. समिति पॉलिसी के विकल्प तैयारी करती है

अगर बोर्ड रिक्वेस्ट स्वीकार करता है, तो सह-अध्यक्ष बोर्ड के कम से कम पाँच सदस्यों की समिति असाइन करते हैं. बोर्ड के सदस्यों को विशेषज्ञता और दिलचस्पी के आधार पर स्वेच्छा से शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है. कोई भी बची हुई वैकेंसी बिना किसी तय क्रम में बोर्ड के उन सदस्यों को असाइन की जाती हैं जो सह-अध्यक्ष नहीं हैं, इसमें लिंग की विविधता भी सुनिश्चित की जाती है.

लीड ड्राफ़्टर को नियुक्त करने के बाद, समिति Facebook से अतिरिक्त जानकारी देने की रिक्वेस्ट करने, साथ ही ओवरसाइट बोर्ड एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा रिसर्च करने और स्टेकहोल्डर के एंगेजमेंट के लिए योजना बनाने हेतु सहमत होती है. जब समिति को Facebook, एडमिनिस्ट्रेशन और बाहरी स्टेकहोल्डर से अपने सवालों के जवाब मिल जाते हैं, तो यह पॉलिसी के विकल्प ड्राफ़्ट करती है, जिन पर पूरा बोर्ड विचार करता है.

3. बोर्ड विचार-विमर्श करता है और सुझाव देता है

बोर्ड के सभी सदस्य पॉलिसी के इन विकल्पों पर चर्चा करने के लिए विचार-विमर्श में शामिल होते हैं. इन विचार-विमर्शों के आधार पर, लीड ड्राफ़्टर पॉलिसी पर राय तैयार करता है, जिसमें Facebook के लिए विस्तृत सुझाव होते हैं. बोर्ड के सदस्य इस पर फ़ीडबैक देते हैं और बदलाव का प्रस्ताव देते हैं.

4. पॉलिसी पर राय स्वीकृत और प्रकाशित हो जाती है

पॉलिसी पर राय बोर्ड के सभी सदस्यों को उपलब्ध करवाई जाती है, वे इसे बहुमत से स्वीकृत या अस्वीकृत करते हैं. अगर यह स्वीकृत हो जाती है, तो पॉलिसी पर राय को बोर्ड की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाता है और Facebook को इस पर 30 दिनों के भीतर जवाब देना होता है. अगर यह अस्वीकृत हो जाती है, तो सह-अध्यक्ष इसके कारणों पर चर्चा करते हैं और यह तय करते हैं कि आगे कैसे बढ़ा जाए.

इसके बाद क्या

अब जबकि बोर्ड ने पॉलिसी पर राय देने की इस रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लिया है, यह ज़रूरी जानकारी एकत्र कर रहा है, जिसमें आज ही लॉन्च हुई पब्लिक कमेंट की अपील के ज़रिए जानकारी एकत्र करना शामिल है. विचार-विमर्श के बाद, फिर पूरा बोर्ड पॉलिसी पर राय के लिए वोट देगा. अगर यह स्वीकृत हो जाती है, तो यह बोर्ड की वेबसाइट पर प्रकाशित होगी.

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