मैक्सिको में मेयर पद के उम्मीदवार की हत्या

मैक्सिको में मेयर पद के उम्मीदवार जोस अल्फ़्रेडो काबरेरा बारेंतोस की हत्या से जुड़े चार वीडियो के इस केस में, बोर्ड ने यह नोट किया कि Meta ने पोस्ट के साथ किस तरह अलग-अलग व्यवहार किया जबकि उनमें से तीन को खबरों में रहने लायक होने की छूट देते हुए प्लेटफ़ॉर्म पर बनाए रखा जाना चाहिए था. इन तीन पोस्ट को न्यूज़ आउटलेट द्वारा शेयर किया गया था और इनमें स्पष्ट रूप से मैक्सिको के चुनावों के पहले हुई राजनैतिक हत्या की रिपोर्टिंग की गई थी: Meta ने दो बनाए रखा जबकि एक को हटा दिया. ऐसे मुद्दों की रिपोर्टिंग को हटाना, जिन पर लोगों द्वारा बहस की जा रही हो, ज़रूरी जानकारी तक लोगों की ऐक्सेस को सीमित करता है और स्वतंत्र अभिव्यक्ति में बाधा डालता है. सरकार के भ्रष्टाचार और संगठित अपराध की रिपोर्टिंग पर मैक्सिको में न्यूज़ आउटलेट द्वारा झेले जा रहे जोखिमों को देखते हुए यह चिंताजनक है. भले ही इन केसों में खबरों में रहने लायक छूट का असमान उपयोग किया गया था, लेकिन बोर्ड ने इस छूट के असर के बारे में भी अपनी चिंताएँ जाहिर कीं. इसका समाधान करने के लिए, बोर्ड ने मॉस्को में आतंकवादी हमले का फ़ुटेज फ़ैसले के अपने हाल ही के सुझाव को दोहराया, जिसमें बोर्ड ने उस नियम में एक अपवाद जोड़ने के लिए कहा था जो चिह्नित हमलों के वक्त के पीड़ितों को दिखाने वाली थर्ड पार्टी इमेजरी को परमिशन नहीं देता है. इस अपडेट किए गए तरीके से सभी यूज़र्स के लिए निष्पक्ष व्यवहार सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.

केस की जानकारी

मई 2024 में, मैक्सिको के गुरेरो राज्य के मेयर पद के उम्मीदवार की हत्या से जुड़े चार कंटेंट को लैटिन अमेरिका में न्यूज़ मीडिया के अकाउंट से पोस्ट या फिर से शेयर किया गया था. सभी चार पोस्ट में जोस अल्फ़्रेडो काबरेरा बारेंतोस के एक जैसे वीडियो थे जिसमें एक कैंपेन के दौरान उन पर बंदूक से निशाना लगाया था. उसके बाद अस्पष्ट फ़ोटो और गोलियों की आवाज़ शामिल थी.

पहले दो केस में बड़े मीडिया संगठनों द्वारा शेयर की गई पोस्ट थीं. पहली पोस्ट के कैप्शन में इस बात की चर्चा की गई थी कि चुनाव के चक्र के दौरान कितने उम्मीदवारों की हत्या हुई है, जबकि वीडियो के ऑडियो में लोक अभियोजक के कार्यालय से यह बताया जा रहा है कि जब काबरेरा बारेंतोस की हत्या हुई, तब वे सुरक्षा में थे. इसे लगभग 59,000 बार देखा गया. दूसरी पोस्ट में वीडियो की संवेदनशीलता के बारे में एक चेतावनी थी और गुरेरा के गवर्नर द्वारा हत्या की निंदा से जुड़े बयान की रिपोर्टिंग थी. इसे दस लाख से ज़्यादा बार देखा गया था.

Meta ने अपनी खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी पॉलिसी के तहत इस हत्या को एक उल्लंघन करने वाली हिंसक घटना चिह्नित किया था, इसलिए वीडियो के एक अन्य वर्जन को पहले ही मीडिया मैचिंग सर्विस (MMS) बैंक में जोड़ा गया था. MMS को समान कंटेंट को हटाने के लिए प्रोग्राम किया गया है. पॉलिसी के तहत, यूज़र्स को ऐसी इमेजरी शेयर करने की परमिशन नहीं है जिसमें चिह्नित हमलों के समय के ऐसे दृश्य हों जिनमें पीड़ित भी दिखाई दे रहे हों. पहली दो पोस्ट, जिन्हें MMS बैंक द्वारा पहचाना गया और अतिरिक्त रिव्यू के लिए Meta के विषयवस्तु विशेषज्ञों के पास भेजा गया, को Meta के नियमों का उल्लंघन करने के बावजूद बनाए रखा गया. उन्हें खबरों में रहने लायक होने की छूट दी गई, जो कभी-कभी ऐसे कंटेंट को दी जाती है जिसे Meta अत्यधिक जनहित वैल्यू वाला मानता है. दोनों पोस्ट Meta के प्लेटफ़ॉर्म पर “परेशान करने वाला” चेतावनी स्क्रीन और ख़बरों में रहने लायक होने के लेबल के साथ बनी रहीं, लेकिन उन्हें बोर्ड को रेफ़र किया गया.

तीसरे और चौथे केस में, यूज़र ने अपनी पोस्ट को हटाने के Meta के फ़ैसलों के खिलाफ़ बोर्ड को अपील की. तीसरी पोस्ट में एक वीडियो को फिर से शेयर किया गया था, जिसके ऊपर एक मैसेज जोड़कर कहा गया था कि उसका सेंसर न किया गया वर्जन Telegram पर उपलब्ध है. इसे 17,000 बार देखा गया था. चौथी पोस्ट में यह बताने वाला कैप्शन शामिल किया गया था कि घटनास्थल पर किसे गोली लगी और कौन घायल हुआ. इसे 11,000 बार देखा गया था. MMS बैंक द्वारा दोनों पोस्ट को पहचाने जाने के बाद, उन्हें हटा दिया गया.

काबरेरा बारेंतोस की हत्या 2 जून को मैक्सिको में राष्ट्रव्यापी चुनावों की कैंपेनिंग के अंतिम दिन हुई थी. देश में हाल ही में हुए चुनावों में राजनैतिक हिंसा एक मुख्य मुद्दा रहा है जिसके लिए संगठित अपराध आंशिक रूप से ज़िम्मेदार था. इसके कारण उम्मीदवार, अपनी जान बचाने के लिए चुनावों से पीछे हट रहे थे.

मुख्य निष्कर्ष

पहली दो पोस्ट को ख़बरों में रहने लायक होने के कारण अपने प्लेटफ़ॉर्म पर बनाए रखने का फ़ैसला लेते समय Meta सही था, लेकिन बोर्ड मानता है कि चौथे केस में Instagram से पोस्ट को हटाने का कंपनी का फ़ैसला सही नहीं था. इस पोस्ट की जनहित वैल्यू भी अत्यधिक थी. अलग-अलग फ़ैसले लेने के पीछे कोई ठोस कारण नहीं था. बोर्ड द्वारा चौथे केस को चुने जाने के बाद भी, Meta, खबरों में रहने लायक होने से जुड़ी वही छूट लागू करने में विफल रहा और उसने कहा कि यूज़र्स को वायरल होने की सूचना देकर पोस्ट में फ़ुटेज के बारे में सनसनी फैलाई गई. हालाँकि, यह जानकारी गोलीबारी के बारे में बताने के साथ-साथ दी गई, जिसमें हताहत हुए लोगों की संख्या की जानकारी, गवर्नर का बयान और घटना में हमलावर के मारे जाने का तथ्य शामिल था. भले ही काबरेरा बारेंतोस दिखाई दे रहे थे और उन्हें पहचाना जा सकता था, वह एक सार्वजनिक हस्ती थे और चुनावी रैली में भाग ले रहे थे, इसलिए प्राइवेसी से जुड़ी चिंताएँ कम हो जाती हैं और जनहित वैल्यू को नुकसान के जोखिम पर प्राथमिकता मिलती है.

तीसरी पोस्ट के बारे में, जिसमें पीड़ितों को दिखाने वाली हमलों की थर्ड पार्टी इमेजरी शेयर करने पर Meta के प्रतिबंध से बचने के लिए वीडियो के सेंसर न किए गए ग्राफ़िक वर्जन का Telegram लिंक देखने के लिए यूज़र्स को कहा गया था, बोर्ड के बहुसंख्य सदस्य Meta की इस बात से सहमत हैं कि इस कंटेंट से सुरक्षा और प्राइवेसी के जोखिम उत्पन्न होते हैं और उसे हटाया जाना चाहिए था. बोर्ड के इस सदस्यों के अनुसार, खबरों में रहने लायक होने की छूट न देकर Meta ने सही किया, खास तौर पर यह देखते हुए कि पोस्ट में कोई अतिरिक्त कैप्शन या कमेंटरी नहीं थी जिससे यूज़र्स को पता चले कि उसका उद्देश्य हत्या की निंदा करना है. बोर्ड के कुछ सदस्य इस बात से असहमत हैं और उनके अनुसार तीसरी पोस्ट को भी खबरों में रहने लायक होने की छूट दी जानी चाहिए थी क्योंकि इसका कंटेंट भी अन्य पोस्ट जैसा ही था.

जैसा कि बोर्ड ने हाल ही में मॉस्को में आतंकवादी हमले का फ़ुटेज फ़ैसले में कहा था कि चिह्नित हमलों की इमेजरी को कई कारणों से शेयर किया जा सकता है. Meta इस बात से चिंतित है कि ऐसे कंटेंट से आपराधिक समूहों की गतिविधियों का महिमामंडन, समर्थन या प्रतिनिधित्व होगा, लेकिन यह नियम यूज़र्स को थर्ड पार्टी की ऐसी इमेजरी शेयर करने की परमिशन नहीं देता जिसमें चिह्नित हमलों में पीड़ित दिखाई दे रहे हों और ऐसे कंटेंट को हटा दिया जाता है जिसमें नुकसान का कम जोखिम हो या न हो. इन केसों के संबंध में, विशेषज्ञों ने नोट किया कि मैक्सिको में आपराधिक समूह, लोगों को भर्ती करने के उद्देश्य से राजनैतिक हत्याओं के वीडियो का उपयोग आम तौर पर नहीं करते हैं, लेकिन वे डराने के लिए इन्हें शेयर कर सकते हैं. इसके अलावा, बोर्ड को इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि इस फ़ुटेज को अपराधियों द्वारा रिकॉर्ड किया गया था या नकल करने के व्यवहार को प्रेरित करने के लिए इसका उपयोग किया जा रहा था.

बोर्ड ने पाया कि चौथी पोस्ट को खबरों में रहने लायक होने की छूट दी जानी चाहिए था, लेकिन उसने नोट किया कि इस छूट का उपयोग बहुत कम मामलों में किया जाता है क्योंकि Meta के लिए यह पता लगाने के सीमित तरीके हैं कि किस कंटेंट को इसका फ़ायदा दिया जाए. छूट देने पर विचार करने के लिए ज़रूरी कई कारकों के साथ मिलकर, इससे छूट के बेतरतीब उपयोग के जोखिम बढ़ते हैं जो यूज़र के लिए नुकसानदेह है. इसलिए बोर्ड यह मानता है कि Meta की पॉलिसी में Meta के मौजूदा नज़रिए को दिखाने के लिए एक बदलाव ज़रूरी है, जैसा कि ‘मॉस्को में आतंकवादी हमले का फ़ुटेज’ फ़ैसले में कहा गया है.

ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला

ओवरसाइट बोर्ड ने पहले तीन केसों में Meta के फ़ैसलों का कायम रखा. बोर्ड ने चौथे केस में Meta के फ़ैसले को बदल दिया और पोस्ट को “परेशान करने वाला” चेतावनी स्क्रीन के साथ रीस्टोर करने के लिए कहा.

बोर्ड ने हाल ही के ‘मॉस्को में आतंकवादी हमले का फ़ुटेज’ फ़ैसले के अपने सुझाव को दोहराते हुए कहा कि Meta को “परेशान करने वाला” चेतावनी स्क्रीन के साथ चिह्नित हमलों की ऐसी थर्ड पार्टी इमेजरी को न्यूज़ रिपोर्टिंग, जागरूकता फैलाने या निंदा करने के लिए परमिशन देनी चाहिए जिसमें हमले के समय के दृश्यों को पीड़ितों के साथ दिखाया गया हो लेकिन जिनमें पीड़ितों की पहचान न की जा सकती हो.

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