पलट जाना

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और नग्नता

ओवरसाइट बोर्ड ने Facebook का Instagram पर मौजूद किसी पोस्ट को हटाने का फ़ैसला बदल दिया है.

निर्णय का प्रकार

मानक

नीतियां और विषय

विषय
सुरक्षा, स्वास्थ्य
सामुदायिक मानक
वयस्क नग्नता और यौन गतिविधि

क्षेत्र/देश

जगह
ब्राज़ील

प्लैटफ़ॉर्म

प्लैटफ़ॉर्म
Instagram

इस फ़ैसले को ब्राज़िली पुर्तगाली भाषा में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें.
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केस का सारांश

ओवरसाइट बोर्ड ने Facebook का Instagram पर मौजूद किसी पोस्ट को हटाने का फ़ैसला बदल दिया है. बोर्ड द्वारा इस केस को चुनने के बाद, Facebook ने कंटेंट रीस्टोर कर दिया. Facebook के ऑटोमेटेड सिस्टम ने वयस्क नग्नता और यौन गतिविधि से संबंधित कंपनी के कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन करने के कारण शुरुआत में पोस्ट को हटा दिया था. बोर्ड ने पाया कि "स्तन कैंसर जागरूकता" के लिए पॉलिसी के अपवाद के अंतर्गत पोस्ट की अनुमति थी और इस केस में Facebook के ऑटोमेटेड मॉडरेशन से मानवाधिकारों से जुड़ी अहम चिंताएँ सामने आती हैं.

केस की जानकारी

अक्टूबर 2020 में, ब्राज़ील में एक यूज़र ने Instagram पर एक फ़ोटो पोस्ट की, जिसके पुर्तगाली भाषा में लिखे टाइटल से पता चलता है कि इसका उद्देश्य स्तन कैंसर के लक्षणों के बारे में जागरूकता फैलाना था. इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के एक अंतर्राष्ट्रीय कैंपेन "पिंक अक्टूबर" के अनुकूल इस फ़ोटो में गुलाबी रंग था. तस्वीर में मौजूद आठ फ़ोटो में स्तन कैंसर के लक्षण दिखाए गए थे और उनकी विस्तृत जानकारी दी गई थी. इनमें से पाँच फ़ोटो में महिला के निप्पल बिना ढके साफ़ दिखाई दे रहे थे, जबकि बाकी तीन फ़ोटो में महिला के स्तन दिख रहे थे, जिसमें निप्पल या तो शॉट में नहीं थे या फिर हाथ से ढके हुए थे. ऑटोमेटेड सिस्टम ने Facebook का वयस्क नग्नता और यौन गतिविधि से जुड़ा कम्युनिटी स्टैंडर्ड लागू करके पोस्ट हटा दी थी. बोर्ड द्वारा इस केस को चुनने के बाद, Facebook ने इसे गलती मानकर पोस्ट को रीस्टोर कर दिया.

मुख्य निष्कर्ष

अपने जवाब में Facebook ने दावा किया कि बोर्ड को इस केस की सुनवाई अस्वीकार कर देनी चाहिए. कंपनी ने तर्क दिया कि इस पोस्ट को रीस्टोर करने के बाद, यूज़र और Facebook के बीच कंटेंट को बनाए रखने पर कोई असहमति नहीं रही, जिससे यह केस अप्रासंगिक हो गया है.

बोर्ड ने Facebook के तर्क को ख़ारिज कर दिया. असहमति की ज़रूरत उस समय ही होती है जब यूज़र Facebook की आंतरिक अपील प्रक्रिया पूरी कर चुका होता है. चूँकि उस समय यूज़र और Facebook असहमत थे, इसलिए बोर्ड केस की सुनवाई कर सकता है.

Facebook का कंटेंट रीस्टोर करने का फ़ैसला भी इस केस को अप्रासंगिक नहीं बनाता, जैसा कि कंपनी का दावा है. कंटेंट के हिस्सों को रीस्टोर करने संबंधी बाध्यकारी निर्णय लेने के साथ ही, बोर्ड का यह भी प्रस्ताव है कि यूज़र को इस बात की भी पूरी जानकारी होनी चाहिए कि उनकी पोस्ट क्यों हटाई गई. इस पोस्ट का गलत ढंग से हटाया जाना किसी व्यक्ति द्वारा उचित निगरानी की कमी को दर्शाता है जो मानवाधिकारों की चिंताओं को बढ़ाता है. इस पोस्ट का पता लगाने और हटाने का काम पूरी तरह ऑटोमेटेड था. Facebook के ऑटोमेटेड सिस्टम "स्तन कैंसर" शब्दों को पहचानने में विफल रहे, जो फ़ोटो में पुर्तगाली भाषा में दिखाई दिए थे और पोस्ट को गलती से हटा दिया गया था. चूँकि Facebook के नियम पुरुष और महिला के निप्पल के लिए अलग-अलग हैं, इसलिए इन नियमों को लागू करने के लिए गलत ऑटोमेशन का उपयोग करना महिलाओं की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को असंगति से प्रभावित करता है. किसी व्यक्ति द्वारा पर्याप्त निगरानी के बिना सिर्फ़ ऑटोमेशन पर निर्भर रहने वाले एन्फ़ोर्समेंट से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में भी हस्तक्षेप होता है.

इस केस में, यूज़र को बताया गया कि पोस्ट में Instagram की कम्युनिटी गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ था, जिसका अर्थ है कि स्तन कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए महिला के बिना ढके निप्पल की फ़ोटो शेयर करने की अनुमति नहीं है. हालाँकि, Facebook का वयस्क नग्नता और यौन गतिविधि से जुड़ा कम्युनिटी स्टैंडर्ड उस समय स्पष्ट रूप से नग्नता की अनुमति देता है, जब यूज़र "किसी मुद्दे या शैक्षणिक अथवा चिकित्सा कारणों के बारे में जागरूकता फैलाता" है और खास तौर पर "स्तन कैंसर जागरूकता" बढ़ाने के लिए महिला के बिना ढके निप्पल की अनुमति देता है. चूँकि Facebook के कम्युनिटी स्टैंडर्ड Instagram पर लागू होते हैं, इसलिए यूज़र की पोस्ट ऊपर बताए गए अपवाद में आती है. इसलिए, Facebook द्वारा कंटेंट हटाया जाना उसके कम्युनिटी स्टैंडर्ड के साथ असंगत था.

ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला

ओवरसाइट बोर्ड ने Facebook के कंटेंट को हटाने के शुरुआती फ़ैसले को बदल दिया और पोस्ट को रीस्टोर करने के लिए कहा. बोर्ड ने ध्यान पाया है कि Facebook ने इस तरह का एक्शन पहले ही ले लिया है.

बोर्ड ने Facebook को सुझाव दिया कि वह:

  • यूज़र को उस समय सूचित करे जब उनका कंटेंट मॉडरेट करने के लिए ऑटोमेटेड एन्फ़ोर्समेंट का उपयोग किया जाता है, यह सुनिश्चित करे कि यूज़र कुछ मामलों में किसी व्यक्ति के पास ऑटोमेटेड निर्णय की अपील कर सकें और टेक्स्ट-ओवरले वाली फ़ोटो का पता लगाने के ऑटोमेटेड सिस्टम में सुधार करे ताकि स्तन कैंसर के लक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाने वाली पोस्ट को रिव्यू के लिए गलत ढंग से फ़्लैग न किया जाए. Facebook को ऑटोमेटेड एन्फ़ोर्समेंट के उसके उपयोग से जुड़ी अपनी पारदर्शिता रिपोर्टिंग में भी सुधार करना चाहिए.
  • यह बताने के लिए Instagram की कम्युनिटी गाइडलाइन को संशोधित करे कि स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए महिला के निप्पल दिखाए जा सकते हैं और यह स्पष्ट करे कि जब कभी Instagram की कम्युनिटी गाइडलाइन और Facebook के कम्युनिटी स्टैंडर्ड के बीच असंगतताएँ हों तो बाद वाले को वरीयता दी जाए.

*केस के सारांश से केस का ओवरव्यू पता चलता है और आगे के किसी फ़ैसले के लिए इसको आधार नहीं बनाया जा सकता है.

पूरे केस का फ़ैसला

1. फ़ैसले का सारांश

ओवरसाइट बोर्ड ने Facebook का कंटेंट हटाने का शुरुआती फ़ैसला बदल दिया है और इस बात पर ध्यान दिया है कि बोर्ड द्वारा इस केस की सुनवाई होना तय करने के बाद Facebook ने पोस्ट को रीस्टोर कर दिया था. Facebook के कंटेंट को बहाल करने के फ़ैसले से बोर्ड का सुनवाई करने का प्राधिकार समाप्त नहीं होता.

बोर्ड ने पाया कि Facebook के वयस्क नग्नता और यौन गतिविधि से संबंधित कम्युनिटी स्टैंडर्ड में "स्तन कैंसर जागरूकता" के लिए पॉलिसी के अपवाद के अंतर्गत कंटेंट की अनुमति थी.

बोर्ड ने Instagram और Facebook पर कंटेंट पॉलिसी के बीच संबंध के साथ-साथ कंटेंट मॉडरेशन में ऑटोमेशन के उपयोग और इन कार्यप्रणालियों की पारदर्शिता के बारे में पॉलिसी संबंधी सुझाव देने वाला कथन जारी किया है.

2. केस का विवरण

अक्टूबर 2020 में, ब्राज़ील में एक यूज़र ने Instagram पर एक फ़ोटो पोस्ट की, जिसके पुर्तगाली भाषा में लिखे टाइटल से पता चलता है कि इसका उद्देश्य स्तन कैंसर के लक्षणों के बारे में जागरूकता फैलाना था. इस फ़ोटो में गुलाबी रंग था जो स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ब्राज़ील में लोकप्रिय एक अंतर्राष्ट्रीय कैंपेन "पिंक अक्टूबर" के अनुकूल था. एक तस्वीर वाली पोस्ट में मौजूद आठ फ़ोटो में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और नीचे उनकी विस्तृत जानकारी दिखाई गई थी, जैसे "रिप्पल","क्लस्टर" और "घाव". पाँच फ़ोटो में महिला के निप्पल बिना ढके साफ़ दिखाई दे रहे थे. बाकी तीन फ़ोटो में महिला के स्तन दिख रहे थे, जिसमें निप्पल या तो शॉट में नहीं थे या फिर हाथ से ढके हुए थे. यूज़र ने पोस्ट के साथ कोई अतिरिक्त टिप्पणी शेयर नहीं की.

Instagram पर भी लागू होने वाले, Facebook के वयस्क नग्नता और यौन गतिविधि से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड को लागू करके फ़ोटो में नग्नता की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित एक मशीन लर्निंग क्लासिफ़ायर द्वारा पोस्ट का पता लगाकर उसे हटा दिया गया था.

यूज़र ने Facebook से इस फ़ैसले की अपील की. सार्वजनिक बयानों में, Facebook ने पहले कहा है कि COVID-19 के परिणामस्वरूप अपनी रिव्यू क्षमता में अस्थायी कमी के कारण वह यूज़र को अपील करने का विकल्प हमेशा नहीं दे सकता. इसके अलावा, Facebook ने कहा है कि सभी अपीलों का रिव्यू किसी व्यक्ति द्वारा नहीं किया जाएगा.

यूज़र ने बोर्ड को रिव्यू करने का अनुरोध सबमिट किया और बोर्ड ने केस की सुनवाई करने का फ़ैसला लिया. बोर्ड द्वारा केस का चयन करने और एक पैनल को इसका असाइनमेंट करने के बाद, Facebook ने हटाने का अपना शुरुआती फ़ैसला बदलकर दिसंबर 2020 में पोस्ट को रीस्टोर कर दिया. Facebook का दावा है कि पोस्ट को हटाने का शुरुआती फ़ैसला ऑटोमेटेड था और बाद में इसकी पहचान एन्फ़ोर्समेंट की एक गलती के रूप में हुई. हालाँकि, बोर्ड की प्रोसेस के ज़रिए कंपनी के ध्यान में लाने के बाद ही Facebook को गलती के बारे में पता चला.

3. प्राधिकार और दायरा

बोर्ड के पास बोर्ड के चार्टर के अनुच्छेद 2 (रिव्यू करने का प्राधिकार) के तहत Facebook के फ़ैसले का रिव्यू करने का प्राधिकार है और वह चार्टर के अनुच्छेद 3, सेक्शन 5 (रिव्यू की प्रक्रियाएँ: रिज़ॉल्यूशन) के तहत उस फ़ैसले को कायम रख सकता है या बदल सकता है. Facebook ने बोर्ड के उपनियमों के अनुच्छेद 2 के सेक्शन 1.2.1 (कंटेंट, बोर्ड के रिव्यू के लिए उपलब्ध नहीं) के अनुसार कंटेंट को हटाने के लिए कोई कारण पेश नहीं किया, न ही Facebook ने यह संकेत दिया कि वह उपनियमों के अनुच्छेद 2 के सेक्शन 1.2.2 (कानूनी दायित्व) के तहत केस को अयोग्य मानता है.

जहाँ Facebook ने इस मामले के लिए बोर्ड के रिव्यू का सार्वजनिक रूप से स्वागत किया, वहीं Facebook ने अपनी फ़ाइलिंग में बोर्ड के सामने प्रस्ताव रखा कि बोर्ड को केस की सुनवाई से मना कर देना चाहिए क्योंकि केस अब अप्रासंगिक है.

Facebook ने तर्क दिया कि कंटेंट को रीस्टोर कर देने के बाद उसे Instagram पर बनाए रखने को लेकर कोई असहमति नहीं रही और यह कि बोर्ड के चार्टर के सेक्शन 1, अनुच्छेद 2 के अनुसार, केस की सुनवाई के लिए असहमति का होना आवश्यक है:

ऐसे उदाहरणों में जहाँ लोग Facebook के फ़ैसले के परिणाम से असहमत हैं और उन्होंने अपील के विकल्प का उपयोग कर लिया है, बोर्ड को रिव्यू का अनुरोध सबमिट किया जा सकता है.

बोर्ड इस बात से असहमत है और चार्टर की व्याख्या करता है कि यूज़र और Facebook के बीच असहमति केवल तभी आवश्यक है जिस समय यूज़र Facebook की आंतरिक प्रक्रिया पूरी कर लेता है. यह शर्त पूरी हो रही है. बोर्ड की रिव्यू की प्रक्रिया, Facebook की आंतरिक अपील प्रक्रिया से अलग है और उसी का विस्तार नहीं है. बोर्ड द्वारा ध्यान में लाई गई गलतियों का Facebook द्वारा सुधारा जाना और इस तरह से केस को रिव्यू से बाहर कर देना, बोर्ड को Facebook की आंतरिक प्रक्रिया से अनुचित रूप से एकीकृत करेगा और बोर्ड की स्वतंत्रता को कमज़ोर करेगा.

भले ही Facebook ने अपना फ़ैसला बदल दिया और कंटेंट रीस्टोर कर दिया, लेकिन फिर भी इस केस में अपरिवर्तनीय क्षति हुई. दिसंबर 2020 की शुरुआत में Facebook के कंटेंट को रीस्टोर करने के फ़ैसले से इस तथ्य की क्षतिपूर्ति नहीं हुई कि यूज़र की पोस्ट को अक्टूबर 2020 में पूरे "पिंक मंथ" कैंपेन के लिए हटा दिया गया था.

इस केस में कंटेंट को रीस्टोर करना बोर्ड द्वारा किए जाने वाले उपाय का एकमात्र उद्देश्य नहीं है. बोर्ड के चार्टर के अनुच्छेद 4 (कार्यान्वयन) और उपनियमों के अनुच्छेद 2, सेक्शन 2.3.1 (बोर्ड के फ़ैसलों का कार्यान्वयन) के तहत, Facebook "समानांतर संदर्भ वाले समान कंटेंट" पर एक्शन लेने के लिए प्रतिबद्ध है. इस प्रकार, बोर्ड के फ़ैसले लेने का प्रभाव इस केस के कंटेंट से कहीं अधिक है.

इसके अलावा, पूरा फ़ैसला अहम है, भले ही Facebook पहले से इसके परिणाम का अनुपालन करता हो. बोर्ड की प्रक्रिया में यूज़र को सुनवाई का मौका मिलता है और इस बात की पूरी जानकारी मिलती है कि उनके कंटेंट को गलत तरीके से क्यों हटाया गया. जब कंटेंट को पूरी तरह ऑटोमेशन के ज़रिए हटाया जाता है, तो कंटेंट पॉलिसी को कोड में अनिवार्य रूप से एम्बेड किया जाता है और इन्हें अभिन्न तथा स्वयं लागू होने वाली माना जा सकता है. केस की सुनवाई से बोर्ड इससे संबंधित पॉलिसी के सुझाव के बयान जारी कर सकता है कि Facebook की कंटेंट मॉडरेशन की कार्यप्रणालियाँ कैसे लागू की जाती हैं जिसमें ऑटोमेशन का उपयोग शामिल है.

इन कारणों से, बोर्ड यह मानता है कि इस केस का रिव्यू करने का उसका अधिकार, बोर्ड द्वारा केस का चयन करने के बाद Facebook के कंटेंट को रीस्टोर करने के फ़ैसले से प्रभावित नहीं है. बोर्ड कंटेंट को हटाने के शुरुआती फ़ैसले पर अपना रिव्यू शुरू करता है.

4. प्रासंगिक स्टैंडर्ड

बोर्ड ने इन स्टैंडर्ड पर विचार करते हुए अपना फ़ैसला दिया है:

I. Facebook की कंटेंट पॉलिसी:

वयस्क नग्नता और यौन गतिविधि से संबंधित कम्युनिटी स्टैंडर्ड की पॉलिसी के मूल कारण में कहा गया है कि Facebook का उद्देश्य नग्नता या यौन गतिविधि के प्रदर्शन को प्रतिबंधित करना है क्योंकि कुछ लोग "इस प्रकार के कंटेंट के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं" और "गैर-सहमति या कम उम्र वाले कंटेंट की शेयरिंग रोकना है.” यूज़र को "नग्न वयस्कों की फ़ोटो पोस्ट नहीं करनी चाहिए, जहाँ नग्नता को [...] महिला के बिना ढके निप्पल के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें [...] स्वास्थ्य संबंधी स्थितियाँ शामिल नहीं हैं (उदाहरण के लिए, स्तन के सर्जिकल ऑपरेशन के बाद, स्तन कैंसर जागरूकता के लिए [...])."

Instagram की कम्युनिटी गाइडलाइन में महिलाओं के बिना ढके निप्पल पर सामान्य प्रतिबंध है, जिसमें स्वास्थ्य से संबंधित कुछ अपवादों के बारे में बताया जाता है, लेकिन इनमें विशेष रूप से "स्तन कैंसर जागरूकता" शामिल नहीं है. कम्युनिटी गाइडलाइन, Facebook के कम्युनिटी स्टैंडर्ड से लिंक करती हैं.

II. Facebook के मूल्य:

इस केस से संबंधित Facebook के मूल्यों की रूपरेखा, कम्युनिटी स्टैंडर्ड के परिचय सेक्शन में बताई गई है. इसका पहला मूल्य है “अभिव्यक्ति”, जिसे सबसे “अहम” बताया गया है:

हमारे कम्युनिटी स्टैंडर्ड का लक्ष्य हमेशा एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म बनाना रहा है, जहाँ लोग अपनी बात रख सकें और अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकें. […] हम चाहते हैं कि लोग अपने लिए महत्व रखने वाले मुद्दों पर खुलकर बातें कर सकें, भले ही कुछ लोग उन बातों पर असहमति जताएँ या उन्हें वे बातें आपत्तिजनक लगें.

Facebook "अभिव्यक्ति” को चार मूल्यों के मामले में सीमित करता है. बोर्ड का मानना है कि इनमें से दो मूल्य इस फ़ैसले के लिए प्रासंगिक हैं:

सुरक्षा: हम Facebook को एक सुरक्षित जगह बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. धमकी भरी अभिव्यक्ति से लोगों में डर, अलगाव की भावना आ सकती या दूसरों के विचार दब सकते हैं और Facebook पर इसकी परमिशन नहीं है.

प्राइवेसी: हम लोगों की निजी प्राइवेसी और जानकारी की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. लोगों की निजता बनाए रखने से वे अपनी पहचान नहीं छिपाते और बिना किसी रोक-टोक के Facebook पर अपनी बातें शेयर करते हैं और दूसरों से आसानी से कनेक्ट हो पाते हैं.

III. अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार मानक:

बिज़नेस और मानव अधिकार के बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ के मार्गदर्शक सिद्धांत (UNGP), जिन्हें 2011 में संयुक्त राष्ट्र संघ की मानव अधिकार समिति का समर्थन मिला है, प्राइवेट बिज़नेस के मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों का स्वैच्छिक फ़्रेमवर्क बनाते हैं. इस केस में बोर्ड के विश्लेषण में UN संधि के प्रावधान और UN के मानव अधिकारों की प्रणाली के प्राधिकृत मार्गदर्शन की जानकारी को शामिल किया गया, जिनमें निम्न शामिल हैं:

  • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार: नागरिक और राजनीतिक अधिकार पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिज्ञापत्र ( ICCPR), अनुच्छेद 19; सामान्य टिप्पणी सं. 34, मानव अधिकार समिति (2011) ( सामान्य टिप्पणी 34); विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रिपोर्ट पर संयुक्त राष्ट्र का विशेष रैपर्टर: A/HRC/38/35 (2018); A/73/348 (2018); और A/HRC/44/49 (2020).
  • स्वास्थ्य का अधिकार: आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय अनुबंध ( ICESCR), अनुच्छेद 12; सामान्य टिप्पणी सं. 14, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार समिति, E/C.12/2000/4 (2000).
  • प्रभावी उपाय का अधिकार: ICCPR, अनुच्छेद 2; सामान्य टिप्पणी सं. 31, मानवाधिकार समिति, CCPR/C/21/Rev.1/Add. 13 (2004).
  • गोपनीयता का अधिकार: ICCPR, अनुच्छेद 17.
  • भेदभाव न किए जाने का अधिकार: ICCPR अनुच्छेद 2 (पैरा. 1); महिलाओं के विरूद्ध सभी स्‍वरूपों के भेदभाव के निवारण संबंधी अभिसमय (CEDAW), अनुच्छेद 1.
  • बाल अधिकार: बाल अधिकारों का अभिसमय (CRC), अनुच्छेद 6; सामान्य टिप्पणी सं. 13, बाल अधिकार समिति, CRC/C/GC/13 (2011).

5. यूज़र का कथन

यूज़र ने कहा है कि स्तन कैंसर की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय "पिंक अक्टूबर" कैंपेन के हिस्से के रूप में कंटेंट पोस्ट किया गया था. यह स्तन कैंसर के कुछ मुख्य लक्षणों को दर्शाता है, जो यूज़र के अनुसार इस बीमारी का शीघ्र पता लगाने और लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने के लिए आवश्यक है.

6. Facebook के फ़ैसले का स्पष्टीकरण

Facebook ने स्पष्ट किया कि उसका कंटेंट हटाने का शुरुआती फ़ैसला एक गलती थी. कंपनी ने बोर्ड को समझाया कि कम्युनिटी स्टैंडर्ड Instagram पर लागू होते हैं. कम्युनिटी स्टैंडर्ड में आम तौर पर महिला के बिना ढके और स्पष्ट दिखाई देने वाले निप्पल प्रतिबंधित हैं, लेकिन स्तन कैंसर जागरूकता सहित, "शैक्षिक या चिकित्सा उद्देश्यों" के लिए इनकी अनुमति दी जाती है. Facebook ने कंटेंट को रीस्टोर कर दिया क्योंकि यह इस अपवाद के अंतर्गत आता था.

Facebook का दावा है कि इसके "अभिव्यक्ति" और "सुरक्षा" के मूल्यों के लिए प्लेटफ़ॉर्म पर इस कंटेंट को अनुमति देना महत्वपूर्ण है. कंपनी ने कहा है कि इस कंटेंट का पता लगाना और इसके विरुद्ध शुरुआती एन्फ़ोर्समेंट पूरी तरह ऑटोमेटेड था. उस ऑटोमेटेड प्रोसेस में यह निर्धारित नहीं हो पाया कि कंटेंट स्पष्ट तौर पर "शैक्षिक या चिकित्सा उद्देश्यों" के लिए था. Facebook का यह भी दावा है कि यह केस के बारे में बोर्ड के विचार करने के लिए प्रासंगिक नहीं है, चाहे कंटेंट को ऑटोमेटेड प्रोसेस के ज़रिए हटा दिया गया था या किसी व्यक्ति ने मॉडरेटर के रूप में इसका आंतरिक रिव्यू किया था. Facebook चाहेगा कि बोर्ड, प्रवर्तन के परिणाम पर ध्यान केंद्रित करे, न कि उसके तरीके पर.

7. थर्ड पार्टी सबमिशन

ओवरसाइट बोर्ड ने इस केस के लिए 24 सार्वजनिक टिप्पणियों पर विचार किया: यूरोप से आठ; लैटिन अमेरिकी और कैरिबियन से पाँच और अमेरिका तथा कनाडा से 11. किसी संगठन की ओर से सात टिप्पणियाँ सबमिट की गई थीं. एक टिप्पणी, प्रकाशित करने की सहमति के बिना सबमिट की गई थी.

सबमिशन में निम्नलिखित विषय शामिल थे: क्या पोस्ट में Facebook के कम्युनिटी स्टैंडर्ड और मूल्यों का अनुपालन किया गया था; शुरुआती निदान में स्तन कैंसर जागरूकता का महत्व; पुरुषों के निप्पल की तुलना में महिला के निप्पल को बहुत कामुक बनाने और सेंसरशिप से संबंधित समीक्षा; सोसायटी पर Facebook का प्रभाव; ऑटोमेटेड कंटेंट मॉडरेशन के कारण ज़रूरत से ज़्यादा एन्फ़ोर्समेंट, साथ ही साथ सार्वजनिक टिप्पणी की प्रक्रिया में सुधार के लिए फ़ीडबैक.

8. ओवरसाइट बोर्ड का विश्लेषण

8.1 Facebook कंटेंट पॉलिसी का अनुपालन

Facebook का यूज़र की Instagram पोस्ट हटाने का फ़ैसला कंपनी की कंटेंट पॉलिसी के अनुपालन में नहीं लिया गया था.

Facebook के अनुसार, कम्युनिटी स्टैंडर्ड, Instagram सहित कंपनी के सभी प्रोडक्ट पर काम करते हैं. इस केस में यूज़र को सूचित किया गया था कि कंटेंट में Instagram की कम्युनिटी गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ था, जिनका यूज़र को उद्धरण दिया गया था. इन नियमों के बीच अंतर के कारण एक अलग ही विश्लेषण करना ज़रूरी है.

I. Instagram की कम्युनिटी गाइडलाइन

“संक्षिप्त” कम्युनिटी गाइडलाइन में Instagram के नियमों का सार इस प्रकार प्रस्तुत किया गया है: “Instagram पर मौजूद सभी का आदर करें, लोगों को स्पैम न करें या नग्नता पोस्ट न करें.” उनके अनुसार ही, इनका अर्थ है कि यूज़र की पोस्ट में Instagram के नियमों का उल्लंघन हुआ है.

“विस्तृत” कम्युनिटी गाइडलाइन में अधिक जानकारी दी गई है. “ऐसी फ़ोटो और वीडियो पोस्ट करें, जो हर तरह की ऑडियंस के लिए सही हों” शीर्षक के अंतर्गत, उनका कहना है कि:

[क]ई कारणों से, हम Instagram पर नग्नता की अनुमति नहीं देते […] इसमें महिलाओं के निप्पल की कुछ फ़ोटो भी शामिल हैं, लेकिन स्तन के सर्जिकल ऑपरेशन के बाद घाव भरने की फ़ोटो और स्तनपान कराती हुई महिलाओं की फ़ोटो की अनुमति है.

इस वर्णन में स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए महिला के बिना ढके निप्पल की फ़ोटो की स्पष्ट रूप से अनुमति नहीं दी जाती. Instagram की कम्युनिटी गाइडलाइन में Facebook के वयस्क नग्नता और यौन गतिविधि से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड का हाइपरलिंक शामिल है, लेकिन नियमों के दो सेट के बीच संबंध सहित इनकी प्रधानता के बारे में समझाया नहीं गया है.

II. Facebook के कम्युनिटी स्टैंडर्ड

वयस्क नग्नता और यौन गतिविधि से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड में, आपत्तिजनक कंटेंट के तहत, कहा गया है कि यौन गतिविधि सहित प्लेटफ़ॉर्म पर वयस्क नग्नता का प्रदर्शन, जिसमें "महिला के बिना ढके निप्पल" शामिल हैं, आम तौर पर प्रतिबंधित है. इस स्थिति के लिए दो कारण दिए गए हैं: "हमारी कम्युनिटी के कुछ लोग इस प्रकार के कंटेंट के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं" और "गैर-सहमति या कम उम्र वाले कंटेंट की शेयरिंग रोकने हेतु.”

कम्युनिटी स्टैंडर्ड में यह बताया गया है कि जब यूज़र स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि कंटेंट "किसी उद्देश्य या शैक्षिक अथवा चिकित्सा कारणों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए" है, तो सहमति से वयस्क नग्नता की अनुमति है. कम्युनिटी स्टैंडर्ड के "यह पोस्ट न करें" सेक्शन में "स्तन कैंसर जागरूकता" स्वास्थ्य से संबंधित स्थिति के एक उदाहरण के रूप में सूचीबद्ध है, जिसमें महिला के बिना ढके निप्पल दिखाने की अनुमति है.

बोर्ड ने पाया कि बिना ढके निप्पल दर्शाते हुए यूज़र की पोस्ट, स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए स्वास्थ्य संबंधी अपवाद के दायरे में आती है. Facebook के इस स्पष्टीकरण को स्वीकार करते हुए कि Instagram पर कम्युनिटी स्टैंडर्ड काम करते हैं, बोर्ड पाता है कि यूज़र की पोस्ट में उनका अनुपालन किया गया है.

इसलिए Facebook का कंटेंट को हटाने का फ़ैसला कम्युनिटी स्टैंडर्ड के साथ असंगत था. बोर्ड ने माना कि Facebook इस निष्कर्ष से सहमत है.

8.2 Facebook के मूल्यों का अनुपालन

Facebook के मूल्य कम्युनिटी स्टैंडर्ड के परिचय में उल्लिखित हैं, लेकिन Instagram की कम्युनिटी गाइडलाइन में सीधे संदर्भित नहीं हैं.

Facebook का यूज़र के कंटेंट को हटाने का फ़ैसला Facebook के मूल्यों के अनुपालन में नहीं लिया गया था. "अभिव्यक्ति" के मूल्य में स्वास्थ्य से संबंधित मामलों पर चर्चा स्पष्ट रूप से शामिल है और स्तन कैंसर के लक्षणों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष रूप से मूल्यवान है. स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों की फ़ोटो, चिकित्सा जानकारी को और सुलभ बनाने के लिए विशेष रूप से मूल्यवान हैं. इस जानकारी को शेयर करने से इस बीमारी से पीड़ित सभी लोगों की "सुरक्षा" में योगदान होता है. इसका कोई संकेत नहीं है कि फ़ोटो में गैर-सहमति वाली कोई भी इमेज शामिल थी. इसलिए, इस केस में "सुरक्षा" और "प्राइवेसी" ने "अभिव्यक्ति" का स्थान नहीं लिया था.

8.3 अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का अनुपालन

I. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19 ICCPR)

Facebook के पोस्ट को हटाने के फ़ैसले में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19, ICCPR) से जुड़े अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का पालन नहीं किया गया. स्वास्थ्य संबंधी जानकारी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है (A/HRC/44/49, पैरा. 6) और स्वास्थ्य के अधिकार के हिस्से के रूप में अतिरिक्त रूप से संरक्षित है (अनुच्छेद 12, IESCR; E/C.12/2000/4, पैरा. 11). ब्राजील में, जहाँ स्तन कैंसर के शुरुआती निदान को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता बढ़ाने के कैंपेन महत्वपूर्ण हैं, बोर्ड इन दो अधिकारों के बीच संबंध पर ज़ोर देता है.

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का यह अधिकार किसी अन्य चीज़ों पर निर्भर है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सीमित करते समय, Facebook के लिए वैधानिकता, वैधानिक लक्ष्य और आवश्यकता तथा समानता की शर्तों को पूरा करना ज़रूरी है. Facebook का कंटेंट को हटाने का फ़ैसला इस शर्त की पहली और तीसरी बातों पर खरा नहीं उतरता है.

a. वैधानिकता

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करने वाला कोई भी नियम स्पष्ट, सटीक और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होना चाहिए, (सामान्य कमेंट 34, पैरा. 25). Facebook के कम्युनिटी स्टैंडर्ड में स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के संदर्भ में महिला के निप्पल की अनुमति है, जबकि Instagram की कम्युनिटी गाइडलाइन में केवल स्तन के सर्जिकल ऑपरेशन के बाद घाव भरने का उल्लेख है. Facebook के कम्युनिटी स्टैंडर्ड की कम्युनिटी गाइडलाइन पर प्रधानता है, यह भी Instagram यूज़र को सूचित नहीं किया जाता है. यह असंगतता और स्पष्टता की कमी, यूज़र को हटाने का नोटिस देने पर स्थिति को और बिगाड़ देता है, क्योंकि यूज़र केवल कम्युनिटी गाइडलाइन का संदर्भ लेते हैं. इसलिए, इस मामले में Facebook के नियम वैधता परीक्षण में विफल हो जाते हैं.

b. वैधानिक लक्ष्य

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कोई भी प्रतिबंध किसी वैध उद्देश्य के लिए होना चाहिए, जो ICCPR के अनुच्छेद 19, पैरा. 3 लिस्ट किए गए हैं. Facebook का दावा है कि उसके वयस्क नग्नता और यौन गतिविधि से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड से Facebook और Instagram पर बाल दुर्व्यवहार की फ़ोटो और बिना सहमति वाली अंतरंग फ़ोटो को शेयर करने से रोकने में मदद मिलती है. बोर्ड इस बात पर ध्यान देता है कि कंटेंट की दोनों कैटेगरी अलग-अलग कम्युनिटी स्टैंडर्ड के तहत निषिद्ध हैं और सहमति से वयस्क नग्नता पर लागू होने वाले अपवादों के अधीन नहीं हैं. ये उद्देश्य "दूसरों के अधिकारों" की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाने के अनुसार हैं (अनुच्छेद 19, पैरा 3, ICCPR). इनमें बिना सहमति वाली अंतरंग फ़ोटो शेयर करने के पीड़ितों का गोपनीयता का अधिकार (अनुच्छेद 17 ICCPR) तथा जीवन और विकास से संबंधित बाल अधिकार (अनुच्छेद 6, CRC) शामिल हैं, जो यौन शोषण के मामलों में संकट में हैं (CRC/C/GC/13, पैरा. 62).

c. आवश्यकता और आनुपातिकता

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगाए जाने वाले सभी प्रतिबंध "उनके सुरक्षात्मक कार्य को पूरा करने के लिए उपयुक्त होने चाहिए; वे अपने सुरक्षात्मक कार्य कर सकने वाले उपायों में से कम से कम हस्तक्षेप करने वाले उपाय होने चाहिए; उन्हें सुरक्षित रखे जाने वाले हित के अनुपात में होना चाहिए” (सामान्य कमेंट 34, पैरा. 34).

बोर्ड पाता है कि जनहित का कार्य करने वाली जानकारी को बिना किसी कारण के हटाना आनुपातिक नहीं हो सकता.

बोर्ड इस बात से चिंतित है कि कंटेंट को किसी ऑटोमेटेड एन्फ़ोर्समेंट सिस्टम द्वारा और संभावित रूप से व्यक्ति द्वारा रिव्यू या अपील के बिना हटा दिया गया था. यह व्यक्ति के कम्युनिकेशन के संदर्भ और उसकी जटिलता को समझने के लिए कंटेंट मॉडरेशन हेतु ऑटोमेटेड तकनीकों की सीमाओं को दर्शाता है (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर संयुक्त राष्ट्र का विशेष रैपर्टर, A/73/348, पैरा. 15). इस केस में, ये तकनीकें "स्तन कैंसर" शब्दों को पहचानने में विफल रहीं जो फ़ोटो में सबसे ऊपर बाईं ओर पुर्तगाली भाषा में दिखाई देते हैं. बोर्ड स्वीकार करता है कि संभावित रूप से उल्लंघन करने वाले कंटेंट का पता लगाने के लिए ऑटोमेटेड तकनीकें आवश्यक हैं. हालाँकि, ऐसा एन्फ़ोर्समेंट जो पूरी तरह ऑटोमेशन पर निर्भर करता है, विशेष रूप से, जब संदर्भों को समझने की सीमित क्षमता वाली तकनीकों का उपयोग होता है, तो इससे अतिरिक्त एन्फ़ोर्समेंट होता है जो यूज़र की अभिव्यक्ति में असमानता से हस्तक्षेप करता है.

बोर्ड मानता है कि तत्काल और अपूरणीय क्षति से बचने के लिए बिना सहमति वाली अंतरंग फ़ोटो और बाल दुर्व्यवहार की फ़ोटो को तेज़ी से हटाने के लिए ऑटोमेटेड एन्फ़ोर्समेंट की आवश्यकता हो सकती है. हालाँकि, जब कंटेंट को इन नुकसानों से बचाने के लिए हटा दिया जाता है, तो एक्शन, यौन शोषण पर लागू पॉलिसी पर आधारित होना चाहिए और यूज़र को सूचित किया जाना चाहिए कि इन उद्देश्यों के कारण उनका कंटेंट हटा दिया गया था. इसके बावजूद, हटाने का ऑटोमेटेड सिस्टम, सेक्शन 9.2 (I) के तहत बताई गई आंतरिक ऑडिट प्रक्रिया और व्यक्ति द्वारा रिव्यू किए जाने की अपील का विकल्प देना (A/73/348, पैरा. 70), दोनों के अधीन होना चाहिए, जिससे एन्फ़ोर्समेंट की गलतियों को सुधारा जा सके.

आवश्यक सुरक्षा उपायों के बिना ऑटोमेटेड कंटेंट मॉडरेशन, Facebook के लिए वयस्क नग्नता के उल्लंघन के रूपों का समाधान करने का आनुपातिक तरीका नहीं है.

d. समानता रखना और भेदभाव न किया जाना

अभिव्यक्ति के किसी भी प्रतिबंध में समानता रखने और भेदभाव न किए जाने के सिद्धांत का ध्यान रखा जाना चाहिए (सामान्य टिप्पणी 34, पैरा. 26 और 32). कई सार्वजनिक टिप्पणियों में तर्क दिया गया कि Facebook की वयस्क नग्नता संबंधी पॉलिसी में महिलाओं के खिलाफ़ भेदभाव किया जाता है.

यह देखते हुए कि Facebook के नियमों में पुरुष और महिला के निप्पल को अलग-अलग तरीके से माना जाता है, उन नियमों को लागू करने के लिए गलत ऑटोमेशन पर निर्भरता से महिलाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जिससे भेदभाव की चिंताएँ बढ़ जाएँगी (अनुच्छेद 1 CEDAW; अनुच्छेद 2 ICCPR). ब्राज़ील में और कई अन्य देशों में, स्तन कैंसर के लक्षणों के बारे में जागरूकता फैलाना अहम महत्व का विषय है. इस प्रकार, Facebook के एक्शन न केवल महिलाओं के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को बल्कि उनके स्वास्थ्य के अधिकार को भी जोखिम में डालते हैं.

II. उपाय का अधिकार (अनुच्छेद 2 ICCPR)

बोर्ड इस बात को स्वीकार करता है कि Facebook ने कंटेंट को रीस्टोर किया. हालाँकि, उस गलती के नकारात्मक प्रभावों को पूरी तरह से बदला नहीं जा सका. अक्टूबर में स्तन कैंसर जागरूकता माह के लिए बनाई गई पोस्ट को दिसंबर की शुरुआत में रीस्टोर किया गया था. कंटेंट को रीस्टोर करने से यह केस अप्रासंगिक नहीं बना: बोर्ड ने इस केस को चुना था इसलिए यूज़र को सुनवाई और पूरी तरह से उचित फ़ैसला पाने का अधिकार था.

विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर ने उपाय उपलब्ध करवाने की ज़िम्मेदारी को UNGP के सबसे प्रासंगिक पहलुओं में से एक के रूप में माना क्योंकि वे ऐसे बिज़नेस एंटरप्राइज़ेस से संबंधित हैं जो कंटेंट मॉडरेशन में एंगेज होते हैं (A/HRC/38/35, पैरा. 11). अगर कोई अपील नहीं थी तो ऑटोमेटेड एन्फ़ोर्समेंट पर Facebook की अधिक निर्भरता के कारण यूज़र के प्रभावी उपाय के अधिकार (अनुच्छेद 2, ICCPR; CCPR/C/21/Rev.1/Add. 13, पैरा. 15) को ध्यान में नहीं रखा जा सका और संयुक्त राष्ट्र संघ के मार्गदर्शक सिद्धांत (सिद्धांत 29 और 31) के तहत इसकी ज़िम्मेदारियाँ पूरी नहीं हो पाईं. बोर्ड इस बात को लेकर विशेष रूप से चिंतित है कि Facebook यूज़र के कंटेंट पर ऑटोमेशन के ज़रिए एन्फ़ोर्समेंट करते समय उन्हें सूचित नहीं करता है और यह भी नहीं बताता है कि हो सकता है सभी केस में व्यक्ति द्वारा रिव्यू किए जाने का विकल्प उपलब्ध न हो. यह Facebook के ऑटोमेटेड एन्फ़ोर्समेंट के उपयोग में पारदर्शिता की कमी और उन परिस्थितियों में व्यापक चिंता को दर्शाता है, जहाँ आंतरिक अपील उपलब्ध नहीं हो सकती है.

9. ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला

9.1 कंटेंट से जुड़ा फ़ैसला

ओवरसाइट बोर्ड ने Facebook के कंटेंट को हटाने के शुरुआती फ़ैसले को बदल दिया और पोस्ट को पहले जैसा करने के लिए कहा. बोर्ड ने ध्यान पाया है कि Facebook ने इस तरह का एक्शन पहले ही ले लिया है.

9.2 पॉलिसी से जुड़े सुझाव का कथन

I. एन्फ़ोर्समेंट में ऑटोमेशन, पारदर्शिता और प्रभावी उपाय का अधिकार

बोर्ड ने Facebook को सुझाव दिया कि वह:

  • टेक्स्ट-ओवरले वाली फ़ोटो का पता लगाने के ऑटोमेटेड सिस्टम में सुधार करे ताकि स्तन कैंसर के लक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाने वाली पोस्ट को रिव्यू के लिए गलत ढंग से फ़्लैग न किया जाए.
  • इस बात का ध्यान रखे कि कंटेंट पॉलिसी के तहत यूज़र पर एन्फ़ोर्समेंट किए जाने पर उन्हें हमेशा इसकी जानकारी दी जाए, जिसमें कम्युनिटी स्टैंडर्ड का वह विशेष नियम बताया गया हो जिस पर Facebook का फ़ैसला आधारित है.
  • यूज़र के कंटेंट के विरुद्ध एन्फ़ोर्समेंट एक्शन लेने के लिए ऑटोमेशन का उपयोग करते समय उन्हें सूचित करे, जिसमें इसका अर्थ बताने वाले सुलभ विवरण शामिल हों.
  • सुनिश्चित करे कि यूज़र तब ऑटोमेटेड सिस्टम द्वारा लिए गए फ़ैसले पर व्यक्ति द्वारा रिव्यू किए जाने की अपील कर सकें जब उनके कंटेंट को Facebook के वयस्क नग्नता और यौन गतिविधि से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन करने के लिए ज़िम्मेदार पाया गया हो. जहाँ Facebook बाल यौन शोषण या बिना सहमति वाली अंतरंग फ़ोटो के प्रसार को रोकना चाहता हो, तो उसे वयस्क नग्नता से संबंधित पॉलिसी को ज़रूरत से ज़्यादा लागू करने के बजाय वयस्कों के यौन शोषण और बाल यौन शोषण, दुर्व्यवहार और नग्नता पर बने अपने कम्युनिटी स्टैंडर्ड के आधार पर एन्फ़ोर्स करना चाहिए. इन केस में अपील अभी भी उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि अनुमत सहमतिपूर्ण वयस्क नग्नता को गलत ढंग से हटाए जाने के फ़ैसलों को बदला जा सके.
  • कंटेंट को हटाने के ऑटोमेटेड फ़ैसलों को बदलने के सांख्यिकीय प्रतिनिधि नमूने का लगातार विश्लेषण करने और एन्फ़ोर्समेंट की गलतियों से सीखने के लिए एक आंतरिक ऑडिट प्रक्रिया लागू करे.
  • हर कम्युनिटी स्टैंडर्ड पर हटाने के ऑटोमेटेड फ़ैसलों की संख्या का डेटा प्रकट करने के लिए पारदर्शिता रिपोर्टिंग का और व्यक्ति द्वारा रिव्यू किए जाने के बाद में बदले गए फ़ैसलों के अनुपात का विस्तार करे.

इन सुझावों को इस तरह लागू नहीं किया जाना चाहिए जिससे COVID-19 महामारी के दौरान कंटेंट मॉडरेटर का स्वास्थ्य का अधिकार कमज़ोर पड़ जाए.

II. कम्युनिटी स्टैंडर्ड और कम्युनिटी गाइडलाइन के बीच संबंध:

बोर्ड ने Facebook को सुझाव दिया कि वह:

  • यह स्पष्ट करने के लिए Instagram कम्युनिटी गाइडलाइन के "संक्षिप्त" स्पष्टीकरण को संशोधित करे कि वयस्क नग्नता पर प्रतिबंध पूर्ण नहीं है;
  • यह स्पष्ट करने के लिए Instagram कम्युनिटी गाइडलाइन के "विस्तृत" स्पष्टीकरण को संशोधित करे कि स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए महिला के बिना ढके निप्पल दिखाए जा सकते हैं;
  • यह स्पष्ट करे कि Instagram कम्युनिटी गाइडलाइन की व्याख्या Facebook के कम्युनिटी स्टैंडर्ड के अनुरूप की गई है और जहाँ असंगतताएँ हैं, वहाँ बाद वाले को प्रधानता दी जाएगी.

*प्रक्रियात्मक नोट:

ओवरसाइट बोर्ड के फ़ैसले पाँच सदस्यों की पैनल द्वारा तैयार किए जाते हैं और बोर्ड के अधिकांश सदस्यों द्वारा इन पर सहमति दी जानी आवश्यक है. ज़रूरी नहीं है कि बोर्ड के फ़ैसले उसके हर एक मेंबर की निजी राय को दर्शाएँ.

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